जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार का 15वीं विधानसभा का सप्तम सत्र यानी मानसून सत्र अगस्त महीने में बुलाया जा सकता है. इसको लेकर सरकार ने विभागों को तैयारी रखने के निर्देश दे दिए हैं. अभी छठे सत्र के सत्रावसान की फाइल संसदीय कार्य विभाग ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल को भेजी है. मंत्री धारीवाल इसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजेंगे. जहां से इसे कैबिनेट में रखा जाएगा. उसके बाद प्रस्ताव राजभवन भेजा जाएगा जहां राज्यपाल कलराज मिश्र सत्रावसान करेंगे.
सत्रावसान के बाद सरकार की ओर से सत्र आहूत करने को लेकर दोबारा फाइल भेजी जाएगी. कोरोना के केस कम होने के साथ ही सरकार ने मानसून सत्र आहूत करने की तैयारी शुरू कर दी है. कोरोना संक्रमण की वजह से बजट सत्र तय अवधि से पहले समाप्त हो गया था. छह माह में सदन की बैठक करने की अनिवार्यता के चलते सितंबर 2020 में बैठक हुई थी. वर्ष 2021 में बजट सत्र 10 फरवरी से बुलाया था, लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह से इसे बीच में ही स्थगित करना पड़ा. अब सितंबर के पहले सत्र बुलाना जरूरी है. इसे देखते हुए मानसून सत्र की तैयारी की जा रही है.
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विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों का कहना है कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण को देखते हुए जुलाई के अंतिम या अगस्त के प्रथम सप्ताह में सत्र बुलाया जा सकता है. इसमें वित्त विभाग मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए प्रथम अनुपूरक अनुमान भी प्रस्तुत करेगा. कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विभिन्न विभागों को अतिरिक्त बजट दिया जा सकता है. मुख्यमंत्री इसकी घोषणा भी कर चुके हैं कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए बड़ी राशि आगामी समय में खर्च की जाएगी. संसदीय कार्य विभाग के अधिकारियों का कहना है सत्र बुलाने को लेकर सरकार के स्तर पर नीतिगत निर्णय इसी माह हो जाएगा.
पहले की स्थिति सबक
पिछले दिनों सरकार और राजभवन में सत्र आहूत करने को लेकर हुए टकराव के बाद अब सरकार भी फूंक-फूंक कर कदम रखने लगी है. अमूमन पहले विधानसभा सत्र पूरा होने के साथ ही सत्रावसान की फाइल भेज दी जाती थी, लेकिन सत्र आहूत करने को लेकर राज्यपाल की ओर से देरी किए जाने पर अब सरकार भी सत्रावसान को लेकर सतर्क रहने लगी है. इसी कारण सरकार ने फरवरी में हुए बजट सत्र के सत्रावसान की फाइल अब भेजी है. ताकि सरकार में फिर कोई उठापटक हो तो राज्यपाल से मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं पड़े.