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शहरों में परेशानी का सबब बनेंगे संशोधित बिल्डिंग बायलॉज - राजस्थान समाचार

राज्य सरकार की ओर से संशोधित बिल्डिंग बायलॉज की अधिसूचना जारी की गई है. ये बायलॉज जयपुर, जोधपुर, कोटा में आचार संहिता के बाद लागू होंगे. व्यवस्थित विकास का दावा करने के लिए संशोधित किए गए ये बिल्डिंग बायलॉज शहरों में परेशानी का सबब बन सकते हैं.

संशोधित बिल्डिंग बायलॉज, Modified Building Bylaws, Rajasthan News
संशोधित बिल्डिंग बायलॉज
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Published : Oct 26, 2020, 3:07 AM IST

जयपुर. अब एक लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में 15 मीटर की बजाए 18 मीटर ऊंचे भवन बहुमंजिला भवन कहलाएंगे. जबकि 2500 वर्ग मीटर तक के भूखंडों पर डीम्ड बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम लागू होगा. वहीं 20 हजार वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र और 18 मीटर ऊंचाई तक निर्माण पर ही डीम्ड अप्रूवल सिस्टम लागू होगा. जबकि 250 के बजाय 500 वर्ग मीटर तक के भूखंडों पर निर्माण करने पर निकाय के मानचित्र अनुमोदन की जरूरत नहीं होगी. ये सभी प्रावधान संशोधित बिल्डिंग बायलॉज में जोड़े गए हैं. हालांकि ये प्रावधान भविष्य में दिक्कत देने वाले होंगे.

संशोधित बिल्डिंग बायलॉज, Modified Building Bylaws, Rajasthan News
संशोधित बिल्डिंग बायलॉज

दरअसल, मूलभूत सुविधाओं को विकसित किए बगैर राज्य सरकार ने सघन आबादी बसाने की तैयारी कर ली है. इसमें 500 वर्ग मीटर से अधिक, लेकिन 550 वर्ग मीटर से कम आकार की भूखंडों पर अब 8 की बजाए 12 बहु आवासीय इकाइयों का निर्माण किया जा सकेगा. इसी तरह 9 मीटर चौड़ी सड़क पर 225 वर्ग मीटर से लेकर 750 वर्ग मीटर तक के भूखंडों पर 12 के बजाय 15 मीटर तक ऊंचाई के भवन बन सकेंगे. जबकि 12 मीटर चौड़ी सड़क पर 750 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों पर 18 मीटर ऊंचाई तक भवन बन सकेंगे.

ये पढ़ें: 'जयपुर पुलिस मास्क महाअभियान' का आगाज, बांटे जाएंगे 5 लाख मास्क

शहर में कई इलाके ऐसे हैं जहां पर सीवरेज और पानी की समस्या होती है. पार्किंग की समस्या भी किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में ये निर्णय आने वाले दिनों में परेशानी का सबब बन सकते हैं. इसके अलावा 5 हजार वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल के आवासीय भूखंड पर बहु निवास इकाई, फ्लैट्स और स्वतंत्र आवासों के समूह में गेट कम्यूनिटी का परिसर प्रस्तावित होने पर ग्रुप हाउसिंग माना जाएगा.

जयपुर. अब एक लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में 15 मीटर की बजाए 18 मीटर ऊंचे भवन बहुमंजिला भवन कहलाएंगे. जबकि 2500 वर्ग मीटर तक के भूखंडों पर डीम्ड बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम लागू होगा. वहीं 20 हजार वर्ग मीटर निर्मित क्षेत्र और 18 मीटर ऊंचाई तक निर्माण पर ही डीम्ड अप्रूवल सिस्टम लागू होगा. जबकि 250 के बजाय 500 वर्ग मीटर तक के भूखंडों पर निर्माण करने पर निकाय के मानचित्र अनुमोदन की जरूरत नहीं होगी. ये सभी प्रावधान संशोधित बिल्डिंग बायलॉज में जोड़े गए हैं. हालांकि ये प्रावधान भविष्य में दिक्कत देने वाले होंगे.

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दरअसल, मूलभूत सुविधाओं को विकसित किए बगैर राज्य सरकार ने सघन आबादी बसाने की तैयारी कर ली है. इसमें 500 वर्ग मीटर से अधिक, लेकिन 550 वर्ग मीटर से कम आकार की भूखंडों पर अब 8 की बजाए 12 बहु आवासीय इकाइयों का निर्माण किया जा सकेगा. इसी तरह 9 मीटर चौड़ी सड़क पर 225 वर्ग मीटर से लेकर 750 वर्ग मीटर तक के भूखंडों पर 12 के बजाय 15 मीटर तक ऊंचाई के भवन बन सकेंगे. जबकि 12 मीटर चौड़ी सड़क पर 750 वर्ग मीटर से बड़े भूखंडों पर 18 मीटर ऊंचाई तक भवन बन सकेंगे.

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शहर में कई इलाके ऐसे हैं जहां पर सीवरेज और पानी की समस्या होती है. पार्किंग की समस्या भी किसी से छिपी नहीं है. ऐसे में ये निर्णय आने वाले दिनों में परेशानी का सबब बन सकते हैं. इसके अलावा 5 हजार वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल के आवासीय भूखंड पर बहु निवास इकाई, फ्लैट्स और स्वतंत्र आवासों के समूह में गेट कम्यूनिटी का परिसर प्रस्तावित होने पर ग्रुप हाउसिंग माना जाएगा.

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