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एयरपोर्ट निजीकरण को लेकर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने, करीब 50 हजार करोड़ नुकसान होने का अनुमान - jaipur airport privatization

जयपुर एयरपोर्ट के साथ गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम हवाई अड्डे को भी अब निजी हाथों में सौंपने को लेकर मुहर लग गई है. हालांकि इससे पहले तीन हवाई अड्डे अहमदाबाद, लखनऊ और बेंगलुरु अडानी समूह को सौंपने का फैसला केंद्रीय कैबिनेट करीब एक साल पहले कर चुकी थी.

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निजीकरण से होगा करोड़ों का नुकसान
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Published : Sep 4, 2020, 8:03 PM IST

जयपुर. केंद्र सरकार Jaipur Airport के साथ अब, गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट को भी निजी हाथों में सौंपेगी. इससे पहले तीन हवाई अड्डे अमदाबाद, लखनऊ और बेंगलुरु अडानी समूह को सौंपने का फैसला केंद्रीय कैबिनेट करीब 1 साल पहले ही ले चुकी थी.

निजीकरण से होगा करोड़ों का नुकसान

बता दें कि जयपुर, गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम को भी सरकार ने अब निजी हाथों में सौंप दिया है. लेकिन जयपुर एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव के हालात भी बन गए हैं. राज्य सरकार का तर्क है कि जयपुर एयरपोर्ट की जमीन का आवंटन राज्य सरकार ने किया है. ऐसे में बिना हमारी मंजूरी के इसे ठेके पर देना उचित नहीं है. इस पर केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि एयरपोर्ट की जमीन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की है. साथ ही एयरपोर्ट के परिचालन प्रबंधन और विकास के लिए अडानी समूह को 50 साल का ठेका दिया गया है.

यह भी पढ़ेंः जयपुर से इंदौर के लिए सीधी फ्लाइट सेवा शुरू...

बता दें कि करीब एक पखवाड़े पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के जयपुर समिति ने रिपोर्ट को सार्वजनिक निजी भागीदारी योजना के तहत पट्टे पर दिए जाने को मंजूरी दी है. इस पर राज्य सरकार ने अपनी आपत्ति व्यक्त करते हुए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को पत्र भी लिखा है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार की आपत्ति अर्थहीन है. पहली बात जयपुर एयरपोर्ट की जमीन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की है. दूसरी बात केंद्र और राज्यों में कई योजनाएं पीपीपी मॉडल पर ही संचालित हैं. ऐसे में राज्य सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि क्या वह पीपीई मॉडल के खिलाफ है. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया है कि उन्हें सरकार का पत्र नहीं मिला है.

निजीकरण से जयपुर एयरपोर्ट अथॉरिटी को कैसे होगा नुकसान

  • दिसंबर 2018 में जयपुर एयरपोर्ट से कुल आय हुई 18.67 करोड़ रुपए
  • दिसंबर में 4 लाख 45 हजार 431 घरेलू यात्रियों ने जयपुर एयरपोर्ट से सफर किया
  • 52 हजार 450 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों ने दिसंबर में जयपुर से सफर किया
  • बीड से 174 रुपए घरेलू और 348 रुपए प्रति अंतरराष्ट्रीय यात्री मिलेंगे
  • यानि दिसंबर के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को अडानी से मिलते 9.58 करोड़ रुपए
  • दिसंबर 2018 में एयरपोर्ट अथॉरिटी को होता 9.9 करोड रुपए का नुकसान
  • 50 साल में अथॉरिटी को होगा करीब 50 हजार करोड़ का नुकसान

जयपुर. केंद्र सरकार Jaipur Airport के साथ अब, गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम एयरपोर्ट को भी निजी हाथों में सौंपेगी. इससे पहले तीन हवाई अड्डे अमदाबाद, लखनऊ और बेंगलुरु अडानी समूह को सौंपने का फैसला केंद्रीय कैबिनेट करीब 1 साल पहले ही ले चुकी थी.

निजीकरण से होगा करोड़ों का नुकसान

बता दें कि जयपुर, गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम को भी सरकार ने अब निजी हाथों में सौंप दिया है. लेकिन जयपुर एयरपोर्ट को निजी हाथों में सौंपने को लेकर राज्य सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव के हालात भी बन गए हैं. राज्य सरकार का तर्क है कि जयपुर एयरपोर्ट की जमीन का आवंटन राज्य सरकार ने किया है. ऐसे में बिना हमारी मंजूरी के इसे ठेके पर देना उचित नहीं है. इस पर केंद्र सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि एयरपोर्ट की जमीन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की है. साथ ही एयरपोर्ट के परिचालन प्रबंधन और विकास के लिए अडानी समूह को 50 साल का ठेका दिया गया है.

यह भी पढ़ेंः जयपुर से इंदौर के लिए सीधी फ्लाइट सेवा शुरू...

बता दें कि करीब एक पखवाड़े पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के जयपुर समिति ने रिपोर्ट को सार्वजनिक निजी भागीदारी योजना के तहत पट्टे पर दिए जाने को मंजूरी दी है. इस पर राज्य सरकार ने अपनी आपत्ति व्यक्त करते हुए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को पत्र भी लिखा है. केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार की आपत्ति अर्थहीन है. पहली बात जयपुर एयरपोर्ट की जमीन भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की है. दूसरी बात केंद्र और राज्यों में कई योजनाएं पीपीपी मॉडल पर ही संचालित हैं. ऐसे में राज्य सरकार को यह स्पष्ट करना होगा कि क्या वह पीपीई मॉडल के खिलाफ है. हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया है कि उन्हें सरकार का पत्र नहीं मिला है.

निजीकरण से जयपुर एयरपोर्ट अथॉरिटी को कैसे होगा नुकसान

  • दिसंबर 2018 में जयपुर एयरपोर्ट से कुल आय हुई 18.67 करोड़ रुपए
  • दिसंबर में 4 लाख 45 हजार 431 घरेलू यात्रियों ने जयपुर एयरपोर्ट से सफर किया
  • 52 हजार 450 अंतरराष्ट्रीय यात्रियों ने दिसंबर में जयपुर से सफर किया
  • बीड से 174 रुपए घरेलू और 348 रुपए प्रति अंतरराष्ट्रीय यात्री मिलेंगे
  • यानि दिसंबर के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया को अडानी से मिलते 9.58 करोड़ रुपए
  • दिसंबर 2018 में एयरपोर्ट अथॉरिटी को होता 9.9 करोड रुपए का नुकसान
  • 50 साल में अथॉरिटी को होगा करीब 50 हजार करोड़ का नुकसान
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