जयपुर. राजस्थान में सियासी उठापटक के बीच होटल फेयरमाउंट में कांग्रेस विधायकों की बाड़ेबंदी जारी है. बसपा से कांग्रेस में आए नगर से विधायक वाजिब अली ने बसपा पर भाजपा की मदद करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में विलय होने के 10 महीने बाद आज बीएसपी क्यों जगी है, यह सब भाजपा की मदद करने की कोशिश है.
बसपा से कांग्रेस में आए विधायक वाजिब अली ने कहा कि हमारा बसपा से कांग्रेस में विलय 10 महीने पहले नियमों के तहत हुआ था, जिसको स्पीकर ने स्वीकारता दी थी. जिसके बाद हम कांग्रेस विधायक हो गए. अब 10 महीने बाद बसपा का जागना और व्हिप जारी करना, सिर्फ बीजेपी को मदद करने की नाकामयाब कोशिश है. इस व्हिप का कोई औचित्य नहीं रहा.
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हिंदुस्तान दुनिया का मजबूत और बड़ा लोकतंत्र है. लोकतंत्र की खूबसूरती यह है कि जनता सरकार को चुनकर लाती है और उम्मीद करती है कि सरकार हमारे लिए 5 साल काम करें. राजस्थान में जनता ने बीजेपी को नकारा और कांग्रेस के नेतृत्व में सरकार बनाई. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है.
विधायक वाजिब अली ने कहा कि कोरोना से जहां पूरी दुनिया परेशान है, वहीं राजस्थान एक मॉडल के रूप में उभरा है. चाहे भीलवाड़ा मॉडल की बात हो या सबसे पहले लॉकडाउन करने की बात हो. पूरे देश में राजस्थान आइडियल एडमिनिस्ट्रेशन के रूप में काम कर रहा था. इस छवि और अच्छे एडमिनिस्ट्रेशन से नरेंद्र मोदी को अपनी इमेज के लिए खतरा हुआ और केंद्र सरकार को भी खतरा हुआ.
'राजस्थान सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है'
अली ने कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार को बहुत दिन से अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है. राजस्थान के राज्यपाल सदन आहूत करने की परमिशन नहीं दे रहे हैं. यह पहली बार देश में हो रहा है कि राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि यह सब बीजेपी को मदद करने के लिए एक कोशिश की जा रही है.
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वाजिब ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया कि उन्होंने पीएम मोदी से भी बात की है और पीएम को पत्र भी लिखा है. इस तरह से जो देश में लोकतंत्र का गला घोटने की कोशिश की जा रही है, जिस तरह से कर्नाटक और मध्य प्रदेश में किया गया यह सब उचित नहीं है. यह सब लोकतंत्र के लिए हानि की बात है.
'हेमाराम के बातों में कोई दम नहीं है'
विधायक हेमाराम की ओर से वीडियो जारी करने के मामले पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि उनकी बात में कोई दम है. यहां पर कोई भी विधायक जबरदस्ती नहीं है, सब स्वतंत्र हैं और लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट हैं. उन्होंने कहा कि विधायक और मंत्री बाहर आ भी रहे हैं और जा भी रहे हैं, कोई रोक-टोक नहीं है.
वाजिब अली ने कहा कि लोकतंत्र को तोड़ने का जो प्रयास किया जा रहा है, उसको बचाने के लिए हम एकजुट होकर यहां पर हैं. हम लोग राज्यपाल के पास भी गए और धरना प्रदर्शन भी किया था, हम पूर्ण बहुमत में हैं. अली ने कहा कि हम सदन चलाना चाहते हैं और प्रदेश की जनता के लिए काम करना चाहते हैं.