जयपुर. प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनने के साथ ही सरकार ने घोषणा की थी कि किसानों की कर्ज माफी 10 दिन में कर दी जाएगी. राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने यह काम करके भी दिखाया. लेकिन नेशनलाइज बैंक से ऋण लेने वाले किसान इसमें शामिल नहीं हुए. ऐसे में प्रदेश में नेशनलाइज बैंकों से ऋण लेने वाले किसानों की जमीनों की कुर्की लोन नहीं चुकाने पर की जा रही है.
विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान विधायक गिरधारी लाल ने किसानों की कृषि भूमि की नीलामी से जुड़ा सवाल उठाया. जिसपर जवाब देते हुए सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि 1 जनवरी 2018 से लेकर 25 जनवरी 2020 तक श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र में 840 किसानों की जमीन कुर्की के आदेश जारी किए गये हैं, जो ऋण नहीं चुकाने के चलते जारी किए है.
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इस कुर्की पर रोक का कोई प्रस्ताव अभी सरकार के पास विचाराधीन नहीं है. इस पर विधायक गिरधारीलाल से कहा कि उन्हें अधिकारियों ने गलत आंकडे़ दिये है, कुर्की वाले किसानों की संख्या 3 हजार के आसपास है. ऐसे में मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि अगर उन्हें गलत आंकड़े दिए गए है तो ऐसे में अधिकारियों पर कार्रवाई होगी.
उन्होंने कहा कि ये किसान नेशनल बैंकों से लोन लेने वाले किसान है और इनकी ऋणमाफी के लिए कमेटी की 3 मीटिंग हो चुकी है. लेकिन सरकार की मजबूरी है कि नेशनलाइज बैकों का लोन किसानों के एकमुश्त योजना पर सहमत होने पर माफ किया जा सकेगा, इसपर भी अभी बैंकों से बातचीत चल रही है.