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राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल में उठे सवालों पर मंत्रियों ने दिए ये जवाब - jaipur latest hindi news

राजस्थान विधानसभा में बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा के विधायकों ने हमारे अधिकारों की रक्षा करो के नारे लगाए. इसके बाद भाजपा की ओर से उप नेता प्रतिपक्ष ने स्पीकर से वासुदेव देवनानी के सोमवार को विधानसभा में हंगामा करने के मामले पर माफी मांगी. जिसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई.

Rajasthan Legislative Assembly, राजस्थान कांग्रेस भाजपा विधानसभा प्रश्नकाल
राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल में उठे सवालों पर मंत्रियों ने दिए ये जवाब...
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Published : Mar 3, 2021, 3:50 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा के विधायकों ने हमारे अधिकारों की रक्षा करो के नारे लगाए. इसके बाद भाजपा की ओर से उप नेता प्रतिपक्ष ने स्पीकर से वासुदेव देवनानी के सोमवार को विधानसभा में हंगामा करने के मामले पर माफी मांगी. जिसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई.

राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल में उठे सवालों पर मंत्रियों ने दिए ये जवाब...

विधानसभा में विद्युत दर के निर्धारण से जुड़ा सवाल विधायक रामनारायण मीणा ने उठाया और उन्होंने कहा कि प्रचार तो बहुत है कि उद्योग से पैसा लिया जाता है, लेकिन घरेलू उपभोक्ताओं को 50 यूनिट के बाद ज्यादा पैसा लिया जा रहा है. इस पर मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि घरेलू उपयोग के लिए जो लोग जल प्राप्त करते हैं उसे घरेलू दर पर ही वसूल किया जाता है. बीपीएल परिवारों को 130 पैसे का अनुदान दे रहे हैं और 50 यूनिट तक यह अनुदान दिया जा रहा है. ऐसे में करीब 56 लाख उपभोक्ताओं को 528 करोड रुपए अनुदान के तहत दिए गए हैं.

पाली में फसल बीमा योजना और फसल खराबे से जुड़े सवाल पर मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही बीमा के लिए मिलता है. राज्य सरकार का उस पर अंकुश रहता है. शिकायतों को लेकर विभाग सचेत रहें. इस पर विधायक ज्ञानचंद पारख ने कहा कि एक ही परिवार के दो भाइयों के पास 50-50 बीघा जमीन है, दोनों ने उगाई भी एक जैसी जींस उनमें से एक को मिला 90 हजार का क्लेम और दूसरे को मिला 9000 का क्लेम, यह कैसे संभव है. इस पर मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही डाटा एनालिसिस की नियुक्ति कर रही है, जिससे कि डाटा का मिलान करने से गड़बड़ पकड़ में आ सकेगी.

शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में क्वारी लाइसेंस से जुड़ा सवाल उठने पर मंत्री प्रमोद जैन भाया ने जवाब देते हुए कहा कि प्रकरण 2014 से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ही आवंटन के बारे में कुछ कहा जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट में राज्य का पक्ष मजबूती से रखा जाएगा.

पढ़ें: सरकार की ऐसी क्या मजबूरी जो भ्रष्ट लोगों को SP, DM, IG पद पर बैठाया है, कांग्रेस विधायक ने सदन में उठाया मुद्दा

बीसलपुर कंजर्वेशन रिजर्व के संरक्षण के लिए कमेटी गठन से जुड़े सवाल पर मंत्री टीकाराम जूली ने जवाब देते हुए कहा कि पूर्व में यह कमेटी गठित की गई है. कमेटी के पुनर्गठन का कोई प्रावधान नहीं है. 2013 तक कमेटी की बैठक हुई 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद एक भी बैठक नहीं हुई. मीटिंग नहीं होना अधिकारियों की लापरवाही है. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मीटिंग्स समय पर हो, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को सुझाव देने के लिए यह समिति बनाई गई है.

सूरजगढ़ विधानसभा में खेल स्टेडियम से जुड़े सवाल पर मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि खेल स्टेडियम बनाए जाने का कोई प्रस्ताव अभी विचाराधीन नहीं है. इस पर विधायक सुभाष पूनिया ने कहा, मैं 10 लाख अपने विधायक कोष से देना चाहता हूं, क्या सरकार 90 लाख देकर निर्माण करने का विचार रखती है. ऐसे में मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि अभी बजट में मेजर ध्यानचंद योजना के तहत यह प्रावधान किया गया है कि राज्य सरकार विधायक कोष, सांसद कोष, सीएसआर के तहत मिली राशि के बराबर राशि देगी. अगर आप केवल 10 लाख देंगे, तो सरकार 90 लाख रुपए नहीं दे सकती. 50 लाख रुपए आप दें तो सरकार 50 लाख रुपए दे सकती है.

प्रश्नकाल में जोधपुर संभाग में ई-मित्र संचालकों के विरुद्ध शिकायतों से जुड़ा सवाल उठा, जिस पर मंत्री बीडी कल्ला ने जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में 14291 ई मित्र हैं. इन ईमित्रों में सुधार के लिए नई ईओआई जारी की गई है. 1 जनवरी 2021 से यह प्रावधान लागू किया गया है कि जो फर्म दोषी पाई जाती है. पहली बार उन्हें 7 से 15 दिन तक निलंबित किया जाता है, दूसरी बार से 15 से 30 दिन तक निलंबित किया जाता है और शास्ति का भी प्रावधान है. तीसरी बार अगर ईमित्र दोषी पाया जाता है तो उसे हटा दिया जाता है. अगर इस संबंध में कोई शिकायत आएगी तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा के विधायकों ने हमारे अधिकारों की रक्षा करो के नारे लगाए. इसके बाद भाजपा की ओर से उप नेता प्रतिपक्ष ने स्पीकर से वासुदेव देवनानी के सोमवार को विधानसभा में हंगामा करने के मामले पर माफी मांगी. जिसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई.

राजस्थान विधानसभा में प्रश्नकाल में उठे सवालों पर मंत्रियों ने दिए ये जवाब...

विधानसभा में विद्युत दर के निर्धारण से जुड़ा सवाल विधायक रामनारायण मीणा ने उठाया और उन्होंने कहा कि प्रचार तो बहुत है कि उद्योग से पैसा लिया जाता है, लेकिन घरेलू उपभोक्ताओं को 50 यूनिट के बाद ज्यादा पैसा लिया जा रहा है. इस पर मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि घरेलू उपयोग के लिए जो लोग जल प्राप्त करते हैं उसे घरेलू दर पर ही वसूल किया जाता है. बीपीएल परिवारों को 130 पैसे का अनुदान दे रहे हैं और 50 यूनिट तक यह अनुदान दिया जा रहा है. ऐसे में करीब 56 लाख उपभोक्ताओं को 528 करोड रुपए अनुदान के तहत दिए गए हैं.

पाली में फसल बीमा योजना और फसल खराबे से जुड़े सवाल पर मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार ही बीमा के लिए मिलता है. राज्य सरकार का उस पर अंकुश रहता है. शिकायतों को लेकर विभाग सचेत रहें. इस पर विधायक ज्ञानचंद पारख ने कहा कि एक ही परिवार के दो भाइयों के पास 50-50 बीघा जमीन है, दोनों ने उगाई भी एक जैसी जींस उनमें से एक को मिला 90 हजार का क्लेम और दूसरे को मिला 9000 का क्लेम, यह कैसे संभव है. इस पर मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही डाटा एनालिसिस की नियुक्ति कर रही है, जिससे कि डाटा का मिलान करने से गड़बड़ पकड़ में आ सकेगी.

शेरगढ़ विधानसभा क्षेत्र में क्वारी लाइसेंस से जुड़ा सवाल उठने पर मंत्री प्रमोद जैन भाया ने जवाब देते हुए कहा कि प्रकरण 2014 से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद ही आवंटन के बारे में कुछ कहा जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट में राज्य का पक्ष मजबूती से रखा जाएगा.

पढ़ें: सरकार की ऐसी क्या मजबूरी जो भ्रष्ट लोगों को SP, DM, IG पद पर बैठाया है, कांग्रेस विधायक ने सदन में उठाया मुद्दा

बीसलपुर कंजर्वेशन रिजर्व के संरक्षण के लिए कमेटी गठन से जुड़े सवाल पर मंत्री टीकाराम जूली ने जवाब देते हुए कहा कि पूर्व में यह कमेटी गठित की गई है. कमेटी के पुनर्गठन का कोई प्रावधान नहीं है. 2013 तक कमेटी की बैठक हुई 2014 में भाजपा की सरकार आने के बाद एक भी बैठक नहीं हुई. मीटिंग नहीं होना अधिकारियों की लापरवाही है. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मीटिंग्स समय पर हो, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को सुझाव देने के लिए यह समिति बनाई गई है.

सूरजगढ़ विधानसभा में खेल स्टेडियम से जुड़े सवाल पर मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि खेल स्टेडियम बनाए जाने का कोई प्रस्ताव अभी विचाराधीन नहीं है. इस पर विधायक सुभाष पूनिया ने कहा, मैं 10 लाख अपने विधायक कोष से देना चाहता हूं, क्या सरकार 90 लाख देकर निर्माण करने का विचार रखती है. ऐसे में मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि अभी बजट में मेजर ध्यानचंद योजना के तहत यह प्रावधान किया गया है कि राज्य सरकार विधायक कोष, सांसद कोष, सीएसआर के तहत मिली राशि के बराबर राशि देगी. अगर आप केवल 10 लाख देंगे, तो सरकार 90 लाख रुपए नहीं दे सकती. 50 लाख रुपए आप दें तो सरकार 50 लाख रुपए दे सकती है.

प्रश्नकाल में जोधपुर संभाग में ई-मित्र संचालकों के विरुद्ध शिकायतों से जुड़ा सवाल उठा, जिस पर मंत्री बीडी कल्ला ने जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में 14291 ई मित्र हैं. इन ईमित्रों में सुधार के लिए नई ईओआई जारी की गई है. 1 जनवरी 2021 से यह प्रावधान लागू किया गया है कि जो फर्म दोषी पाई जाती है. पहली बार उन्हें 7 से 15 दिन तक निलंबित किया जाता है, दूसरी बार से 15 से 30 दिन तक निलंबित किया जाता है और शास्ति का भी प्रावधान है. तीसरी बार अगर ईमित्र दोषी पाया जाता है तो उसे हटा दिया जाता है. अगर इस संबंध में कोई शिकायत आएगी तो उस पर कार्रवाई की जाएगी.

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