जयपुर. राज्य सरकार को पूर्व में दिए गए मांग पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं होने से नाराज प्रदेश के मंत्रालयिक कर्मचारी अब आंदोलन की राह पर उतर गए हैं. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले रविवार से आंदोलन करेंगे.
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कर्मचारियों को कहना है कि संघर्ष समिति की ओर से पूर्व में 18 मार्च और 4 जुलाई को सरकार को मांग पत्र सौंपा गए थे, लेकिन अभी तक उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी संघर्ष समिति की एक महत्वपूर्ण बैठक शनिवार शाम को राज्य केंद्रीय मुद्रणालय जयपुर में हुई, जिसमे इस आंदोलन का निर्णय लिया गया है.
राजस्थान राज्य मंत्रलायिक कर्मचारी संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि रविवार (11 जुलाई) को सुबह 9 से 11 बजे तक राज्य सरकार के मंत्रियों के आवास पर जाकर ज्ञापन दिया जाएगा. साथ ही आंदोलन के चरणों की सूचना सौंपी जाएगी. 12 जुलाई को सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक शहीद स्मारक पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया जाएगा. जिसमें संघर्ष समिति के प्रांतीय सदस्य बैठेंगे.
22 से 25 जुलाई तक पूरे राज्य में काली पट्टी बांधकर मंत्रालयिक कर्मचारी कार्यस्थल पर आधे दिन का कार्य बहिष्कार करके प्रदर्शन करेंगे. 22 जुलाई को जिला कलेक्टर कार्यालय पर प्रदर्शन कर कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपा जाएगा. राठौड़ ने बताया कि 26 जुलाई को आधे दिन का कार्य बहिष्कार किया जाएगा और रात में मशाल जुलूस निकाला जाएगा.
27 से 31 जुलाई तक कार्य बहिष्कार कर सभी जिला मुख्यालय पर कलेक्टर कार्यालय के आगे धरना प्रदर्शन किया जाएगा. राठौड़ ने बताया कि 2 अगस्त को पूर्ण कार्य बहिष्कार के साथ-साथ सभी जिला मुख्यालयों पर कलेक्ट्रेट कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन कर सरकार के लिए सदबुद्धि यज्ञ किया जाएगा. इसके बाद भी सरकार नहीं मानती है तो 3 अगस्त से पूरे प्रदेश में अनिश्चितकालीन सामूहिक अवकाश के साथ सभी जिला कलेक्टर कार्यालय पर प्रतिदिन मीटिंग और प्रदर्शन किया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक मंत्रालयिक संवर्ग के कर्मचारियों ने राजस्थान स्टेट पैरिटी के आधार पर कनिष्ठ सहायक (लिपिक ग्रेड द्वितीय) को ग्रेड पर 3600 लेवल 10 में करने और न्यूनतम योग्यता स्नातक करने की मांग की है. साथ ही विभाग के 30 अक्टूबर 2017 को जारी वेतन कटौती के आदेश को वापस लेने, 5 जुलाई 2013 को जारी आदेश को यथावत रखने, पूर्व में सरकार के साथ हुए समझौतों के अनुसार 26000 पदों में से शेष रहे 11000 पदों को नवसृजित करते हुए पदोन्नति के पदों पर मानदंडों में ढील देने की मांग की है.
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कर्मचारियों ने शासन सचिवालय व अधीनस्थ कार्यालयों में कार्यरत मंत्रालयिक संवर्ग के राजपत्रित और अराजपत्रित पदों में व्याप्त असमानता को दूर कर पद पदोन्नति प्रावधान और वेतन में समानता के लिए नियमों में संशोधन करने की भी मांग की है. चयनित वेतनमान 9,18, 27 के स्थान पर 8, 16, 24, 32 साल की सेवा पर पदोन्नति पद का लाभ देने की मांग भी मंत्रालयिक कर्मचारी लंबे समय से कर रहे हैं.