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डिप्लोमाधारी विद्यार्थियों को प्लेसमेंट द्वारा नौकरियां दिलवाने के प्रयास करेगी सरकार: मंत्री सुभाष गर्ग

तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश में दूरस्थ क्षेत्रों में पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों के प्लेसमेंट के लिए सेंट्रल ई गवर्नेंस सेंटर द्वारा प्लेसमेंट शिविर आयोजित कर विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जाता है. उन्होंने कहा कि पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों को जेईएन जैसी इंजीनियरिंग भर्तियों में पात्र माना जाए, इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं. इससे उन्हें रोजगार के उचित अवसर मिलेंगे.

Diploma holder students placements, Subhash Garg statement
डिप्लोमाधारी विद्यार्थियों को प्लेसमेंट द्वारा नौकरियां दिलवाने के प्रयास करेगी सरकार
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Published : Feb 12, 2021, 3:51 AM IST

जयपुर. तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश में दूरस्थ क्षेत्रों में पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों के प्लेसमेंट के लिए सेंट्रल ई गवर्नेंस सेंटर द्वारा शिविर आयोजित कर विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जाता है. उन्होंने कहा कि पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों को जेईएन जैसी इंजीनियरिंग भर्तियों में पात्र माना जाए, इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं. इससे उन्हें रोजगार के उचित अवसर मिलेंगे.

डॉ. सुभाष गर्ग प्रश्नकाल में इस संबंध में विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों के जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि पॉलिटेक्निक विद्यार्थियों को अच्छी जगह प्लेसमेंट मिले, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा न केवल कंपनियों को मोटिवेट किया जाता है, बल्कि विद्यार्थियों के लिए माइक्रोट्रॉनिक्स तथा साइबर फॉरेंसिक एंड इनफॉरमेशन सिक्योरिटी जैसे कोर्स भी शुरू किए गए हैं. वर्तमान में निजी तथा सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में प्रवेश क्षमता के लगभग 50 विद्यार्थी ही प्रवेश लेते हैं. ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को नए कोर्स में प्रवेश के लिए मोटिवेट किया जा रहा है. इससे स्थानीय स्तर पर प्लेसमेंट फेयर आयोजित करवाए जाएंगे. जिससे अधिकतम विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे.

उन्होंने विधायक शकुंतला रावत के मूल प्रश्न के जवाब में बताया कि राजस्थान में तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित समस्त 44 राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में उद्योग संस्थान अन्योन्य अधिगम स्थापित किए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि इनका मुख्य उद्देश्य उद्योग और शैक्षणिक संस्थान के बीच एक सेतु का काम करना है. यह प्रकोष्ठ औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ कोर्स को व्यवहारिक व रोजगारपरक बनाने का काम करते हैं. संस्थान और उद्योगों के बीच अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करते हैं.

पढ़ें- आवश्यकता होने पर पॉलिसी के तहत होगी बाड़मेर में पेट्रोलियम विवि की स्थापना: सुभाष गर्ग

डॉ. गर्ग ने कहा कि इन प्रकोष्ठों के माध्यम से उद्योग की आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रम, संकाय व बुनियादी ढांचे में सुधार करना, उद्योग विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान, शिक्षा सत्र के दौरान औद्योगिक प्रशिक्षण, सेमिनार, कार्यशाला व तकनीकी वार्ता का आयोजन किया जाता है. शिक्षा पूर्ण होने के पूर्व ही उद्योगों से समन्वय स्थापित कर शिक्षित विद्यार्थियों को रोजगार प्रदान करने के लिए कैंपस साक्षात्कार आयोजित करने में यह प्रकोष्ठ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

उन्होंने कहा कि इन प्रकोष्ठ के माध्यम से द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रशिक्षण के लिए औद्योगिक इकाइयों के पास भेजा जाता है. सत्र 2020-21 में द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत छात्र जून-जुलाई 2021 में प्रशिक्षण के लिए जाएंगे. विगत 2 वर्षों में कुल 8346 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण के लिए औद्योगिक इकाइयों के पास भेजा गया है. विगत 4 वर्षों में 1045 परिसर साक्षात्कार आयोजित कर 4368 विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है.

उन्होंने कहा कि राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय बागीदौरा, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बूंदी, डूंगरपुर, जालौर, झुंझुनू, नागौर, नीमराणा, प्रतापगढ़, सिरोही और सीकर में विद्यार्थियों की संख्या कम होने के कारण कंपनियां वहां आने को इच्छुक नहीं होती. बालिकाएं रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना चाहती, बल्कि स्वयं के या फैकल्टी के स्तर पर रोजगार प्राप्त करती हैं.

पढ़ें- उद्योग मंत्री ने किया दावा, राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना से स्थानीय लोगों को मिला रोजगार

उन्होंने बताया कि राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, उदयपुर में सत्र 2018-19 से प्रारंभ होने और राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, केलवाड़ा में सत्र 2019-20 से आरंभ होने के कारण अंतिम वर्ष के विद्यार्थी नहीं हैं. तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. गर्ग ने बताया कि विगत 4 वर्षों में 13 प्रकोष्ठों द्वारा पाठ्यक्रम को उद्योगों की आवश्यकता
के अनुसार परिवर्तित करने के सुझाव दिए गए. सुझावों के दृष्टिगत नॉन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की ब्रांच के प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम परिवर्तन सत्र 2020-21 से लागू कर दिए गए हैं.

जयपुर. तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि प्रदेश में दूरस्थ क्षेत्रों में पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों के प्लेसमेंट के लिए सेंट्रल ई गवर्नेंस सेंटर द्वारा शिविर आयोजित कर विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जाता है. उन्होंने कहा कि पॉलिटेक्निक के विद्यार्थियों को जेईएन जैसी इंजीनियरिंग भर्तियों में पात्र माना जाए, इसके भी प्रयास किए जा रहे हैं. इससे उन्हें रोजगार के उचित अवसर मिलेंगे.

डॉ. सुभाष गर्ग प्रश्नकाल में इस संबंध में विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों के जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि पॉलिटेक्निक विद्यार्थियों को अच्छी जगह प्लेसमेंट मिले, इसके लिए राज्य सरकार द्वारा न केवल कंपनियों को मोटिवेट किया जाता है, बल्कि विद्यार्थियों के लिए माइक्रोट्रॉनिक्स तथा साइबर फॉरेंसिक एंड इनफॉरमेशन सिक्योरिटी जैसे कोर्स भी शुरू किए गए हैं. वर्तमान में निजी तथा सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में प्रवेश क्षमता के लगभग 50 विद्यार्थी ही प्रवेश लेते हैं. ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को नए कोर्स में प्रवेश के लिए मोटिवेट किया जा रहा है. इससे स्थानीय स्तर पर प्लेसमेंट फेयर आयोजित करवाए जाएंगे. जिससे अधिकतम विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे.

उन्होंने विधायक शकुंतला रावत के मूल प्रश्न के जवाब में बताया कि राजस्थान में तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित समस्त 44 राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में उद्योग संस्थान अन्योन्य अधिगम स्थापित किए जा चुके हैं. उन्होंने बताया कि इनका मुख्य उद्देश्य उद्योग और शैक्षणिक संस्थान के बीच एक सेतु का काम करना है. यह प्रकोष्ठ औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ कोर्स को व्यवहारिक व रोजगारपरक बनाने का काम करते हैं. संस्थान और उद्योगों के बीच अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करते हैं.

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डॉ. गर्ग ने कहा कि इन प्रकोष्ठों के माध्यम से उद्योग की आवश्यकता के अनुरूप पाठ्यक्रम, संकाय व बुनियादी ढांचे में सुधार करना, उद्योग विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान, शिक्षा सत्र के दौरान औद्योगिक प्रशिक्षण, सेमिनार, कार्यशाला व तकनीकी वार्ता का आयोजन किया जाता है. शिक्षा पूर्ण होने के पूर्व ही उद्योगों से समन्वय स्थापित कर शिक्षित विद्यार्थियों को रोजगार प्रदान करने के लिए कैंपस साक्षात्कार आयोजित करने में यह प्रकोष्ठ महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

उन्होंने कहा कि इन प्रकोष्ठ के माध्यम से द्वितीय वर्ष के छात्रों को प्रशिक्षण के लिए औद्योगिक इकाइयों के पास भेजा जाता है. सत्र 2020-21 में द्वितीय वर्ष में अध्ययनरत छात्र जून-जुलाई 2021 में प्रशिक्षण के लिए जाएंगे. विगत 2 वर्षों में कुल 8346 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण के लिए औद्योगिक इकाइयों के पास भेजा गया है. विगत 4 वर्षों में 1045 परिसर साक्षात्कार आयोजित कर 4368 विद्यार्थियों को रोजगार उपलब्ध करवाया गया है.

उन्होंने कहा कि राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय बागीदौरा, बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, बूंदी, डूंगरपुर, जालौर, झुंझुनू, नागौर, नीमराणा, प्रतापगढ़, सिरोही और सीकर में विद्यार्थियों की संख्या कम होने के कारण कंपनियां वहां आने को इच्छुक नहीं होती. बालिकाएं रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना चाहती, बल्कि स्वयं के या फैकल्टी के स्तर पर रोजगार प्राप्त करती हैं.

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उन्होंने बताया कि राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, उदयपुर में सत्र 2018-19 से प्रारंभ होने और राजकीय पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, केलवाड़ा में सत्र 2019-20 से आरंभ होने के कारण अंतिम वर्ष के विद्यार्थी नहीं हैं. तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. गर्ग ने बताया कि विगत 4 वर्षों में 13 प्रकोष्ठों द्वारा पाठ्यक्रम को उद्योगों की आवश्यकता
के अनुसार परिवर्तित करने के सुझाव दिए गए. सुझावों के दृष्टिगत नॉन इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की ब्रांच के प्रथम वर्ष के पाठ्यक्रम परिवर्तन सत्र 2020-21 से लागू कर दिए गए हैं.

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