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69ए जादुई धारा जो लाखों लोगों को पहुंचा सकती है लाभ: धारीवाल

'प्रशासन शहरों के संग अभियान' को लेकर शुक्रवार को पहली संभागवार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई. जिसमें यूडीएच मंत्री ने अभियान से संबंधित विभिन्न कार्यों, सर्वे, मानचित्र और दूसरे कार्यों के लिए कंसलटेंसी संस्थाओं की नियुक्ति प्रक्रिया के संबंध में निर्देश दिए हैं. धारीवाल ने नगरपालिका अधिनियम 2000 की धारा 69ए को लाखों लोगों को फायदा पहुंचाने वाला सेक्शन बताया है.

Shanti Dhariwal, Jaipur news
'प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर धारीवाल की वीसी
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Published : Jun 25, 2021, 7:48 PM IST

Updated : Jun 25, 2021, 10:43 PM IST

जयपुर. 2 अक्टूबर से 'प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर अभियान चलाया जाएगा. इसे लेकर शुक्रवार को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और यूडीएच सलाहकार जीएस संधू ने संभाग वार अधिकारियों की क्लास ली. जिसमें जयपुर विकास प्राधिकरण, 14 नगर विकास न्यास और 64 नगरपालिका ने भाग लिया.

सुझाव किए गए आमंत्रित

इस दौरान शांति धारीवाल (Minister Shanti Dhariwal) ने बताया कि पिछली दफा 2012-13 में जो अभियान चलाया गया था, उसका लाभ जनता को मिला और आर्थिक रूप से विकास प्राधिकरण, विकास न्यास और नगर पालिकाएं भी मजबूत हुई. इस बार मुख्यमंत्री ने 10 लाख से ज्यादा पट्टे बांटने का लक्ष्य दिया है. मुख्यमंत्री का ये लक्ष्य विभाग के लिए चैलेंज है. उस चैलेंज को पूरा करने के लिए सुझाव और समाधान आमंत्रित किए गए हैं. पिछली दफा अभियान में जो गलतियां रह रही थी, उन्हें भी इस अभियान में दूर करने की प्लानिंग की जा रही है.

प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर धारीवाल की वीसी

पढ़ें- Ex IAS जीएस संधू ने यूडीएच विभाग के सलाहकार का संभाला पदभार, विभागीय अधिकारियों से की व्यापक चर्चा

अकेली धारा जो लाखों लोग को फायदा पहुंचा रही है

उन्होंने कहा कि यदि विभागीय अधिकारियों ने पूरी लगन के साथ काम किया तो 10 लाख पट्टे वितरित करने का लक्ष्य पार किया जाएगा. 69ए धारा के तहत यदि आपका पुराना मकान बना हुआ है, तो उसका पट्टा दिया जा सकता है. पहले इस धारा को लेकर नगर पालिका एक्ट में संशोधन किया गया था. ये अकेली ऐसी धारा है जो लाखों लोगों को फायदा पहुंचा सकती है. उन्होंने कहा कि लोगों के लेआउट भी पास किए जाएंगे. जहां कॉलोनियां बस गई, उन्हें भी पट्टे दिए जाएंगे. राजा-महाराजाओं की जमीन पर भी यदि मकान बन गए, तो उनके लिए भी प्रावधान तय किया जा रहा है.

वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ी महापौर मुनेश गुर्जर ने बताया कि यूडीएच मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों के पट्टे बनाए जाएं. पट्टा देना जीवनदान के बराबर है. निगम को कच्ची बस्तियों में पट्टा देने में बड़ी समस्या आ रही है. ऐसे में इनका दोबारा सर्वे कराने का सुझाव रखा गया है. इसके साथ ही वर्तमान स्थिति को जानने के लिए ड्रोन सर्वे भी कराया जाएगा. इससे पट्टे देने में आसानी होगी.

यह भी पढ़ेंः कल तक हालातों का हवाला, आज दिल्ली दौरा...माकन से क्या चर्चा करेंगे महेश जोशी ?

वीसी में जेडीसी गौरव गोयल, चीफ टाउन प्लानर आरके विजयवर्गीय, डीएलबी डायरेक्टर दीपक नंदी जयपुर और भरतपुर संभाग के अन्य अधिकारी भी जुड़े. इससे पहले यूडीएच सलाहकार जीएस संधू ने पांच अधिकारियों की एक कमेटी बनाकर शहरों में ड्रोन सर्वे कराने और अभियान के लिए वेब पोर्टल बनाने के लिए निविदा प्रपत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे. इसके तहत 153 निकायों का एक साथ ड्रोन सर्वे कराया जाएगा. वहीं अब उदयपुर-कोटा, जोधपुर-अजमेर-बीकानेर संभाग के साथ कार्यशाला आयोजित की जाएगी.

क्या होती है धारा 69ए

राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 69ए के अंतर्गत जमीनों को पारित करने वाले व्यक्ति की ओर से अपने अधिकार निकाय को सरेंडर करके उसे फ्री होल्ड पट्टा निर्धारित राशि जमा करके जारी करने का प्रावधान है. धारा 69ए में पट्टा जारी करने के लिए स्टेट पीरियड के राजा की ओर से जारी किए गए पट्टे और रजिस्ट्री, कस्टोडियन के पट्टे और पुराने दस्तावेजों को स्वामित्व दस्तावेज के रूप में अनुमति दी जाएगी. ऐसे दस्तावेज धारक व्यक्तियों को पट्टे जारी करने का प्रावधान किया गया है. हालांकि इस धारा के प्रावधान 2017 में ये स्पष्ट नहीं है कि संपत्ति धारक व्यक्ति के पास ऐसी संपत्ति यदि व्यावसायिक है, तो ऐसी संपत्ति के अधिकार सरेंडर करने पर संबंधित व्यक्ति को क्या व्यवसायिक पट्टा जारी किया जा सकता है, और व्यवसायिक नियमन की दरें भी अलग नहीं है.

यह भी पढ़ें. भगौड़ा कहने पर गजेंद्र सिंह शेखावत का पलटवार, कहा- महेश जोशी जानते हैं कि जांच निष्पक्ष हुई तो गहलोत सरकार चली जाएगी

ईटीवी भारत ने पहले ही दे दिए थे संकेत

बता दें, पूर्व आईएएस जीएस संधू (Ex IAS GS Sandhu) ने जब यूडीएच विभाग के सलाहकार का पदभार संभाला था तब ही इस बात का संकेत दिया था. ईटीवी भारत ने अपने पाठकों को पहले ही यह संकेत दे दिया था कि प्रदेश में पूर्व के राजघरानों की जमीनों पर वर्षों से कॉलोनियां बसी हुई हैं उनके नियमन की भी तैयारी की जा रही है. पूर्व राजघरानों की जमीनों पर बसी कॉलोनियों से जुड़े प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं. ऐसे में सरकार का प्रयास है किलोगों को वहीं पट्टा मिले, जहां वो वर्षों से रह रहे हैं.

जयपुर. 2 अक्टूबर से 'प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर अभियान चलाया जाएगा. इसे लेकर शुक्रवार को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और यूडीएच सलाहकार जीएस संधू ने संभाग वार अधिकारियों की क्लास ली. जिसमें जयपुर विकास प्राधिकरण, 14 नगर विकास न्यास और 64 नगरपालिका ने भाग लिया.

सुझाव किए गए आमंत्रित

इस दौरान शांति धारीवाल (Minister Shanti Dhariwal) ने बताया कि पिछली दफा 2012-13 में जो अभियान चलाया गया था, उसका लाभ जनता को मिला और आर्थिक रूप से विकास प्राधिकरण, विकास न्यास और नगर पालिकाएं भी मजबूत हुई. इस बार मुख्यमंत्री ने 10 लाख से ज्यादा पट्टे बांटने का लक्ष्य दिया है. मुख्यमंत्री का ये लक्ष्य विभाग के लिए चैलेंज है. उस चैलेंज को पूरा करने के लिए सुझाव और समाधान आमंत्रित किए गए हैं. पिछली दफा अभियान में जो गलतियां रह रही थी, उन्हें भी इस अभियान में दूर करने की प्लानिंग की जा रही है.

प्रशासन शहरों के संग अभियान को लेकर धारीवाल की वीसी

पढ़ें- Ex IAS जीएस संधू ने यूडीएच विभाग के सलाहकार का संभाला पदभार, विभागीय अधिकारियों से की व्यापक चर्चा

अकेली धारा जो लाखों लोग को फायदा पहुंचा रही है

उन्होंने कहा कि यदि विभागीय अधिकारियों ने पूरी लगन के साथ काम किया तो 10 लाख पट्टे वितरित करने का लक्ष्य पार किया जाएगा. 69ए धारा के तहत यदि आपका पुराना मकान बना हुआ है, तो उसका पट्टा दिया जा सकता है. पहले इस धारा को लेकर नगर पालिका एक्ट में संशोधन किया गया था. ये अकेली ऐसी धारा है जो लाखों लोगों को फायदा पहुंचा सकती है. उन्होंने कहा कि लोगों के लेआउट भी पास किए जाएंगे. जहां कॉलोनियां बस गई, उन्हें भी पट्टे दिए जाएंगे. राजा-महाराजाओं की जमीन पर भी यदि मकान बन गए, तो उनके लिए भी प्रावधान तय किया जा रहा है.

वहीं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ी महापौर मुनेश गुर्जर ने बताया कि यूडीएच मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों के पट्टे बनाए जाएं. पट्टा देना जीवनदान के बराबर है. निगम को कच्ची बस्तियों में पट्टा देने में बड़ी समस्या आ रही है. ऐसे में इनका दोबारा सर्वे कराने का सुझाव रखा गया है. इसके साथ ही वर्तमान स्थिति को जानने के लिए ड्रोन सर्वे भी कराया जाएगा. इससे पट्टे देने में आसानी होगी.

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वीसी में जेडीसी गौरव गोयल, चीफ टाउन प्लानर आरके विजयवर्गीय, डीएलबी डायरेक्टर दीपक नंदी जयपुर और भरतपुर संभाग के अन्य अधिकारी भी जुड़े. इससे पहले यूडीएच सलाहकार जीएस संधू ने पांच अधिकारियों की एक कमेटी बनाकर शहरों में ड्रोन सर्वे कराने और अभियान के लिए वेब पोर्टल बनाने के लिए निविदा प्रपत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे. इसके तहत 153 निकायों का एक साथ ड्रोन सर्वे कराया जाएगा. वहीं अब उदयपुर-कोटा, जोधपुर-अजमेर-बीकानेर संभाग के साथ कार्यशाला आयोजित की जाएगी.

क्या होती है धारा 69ए

राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 69ए के अंतर्गत जमीनों को पारित करने वाले व्यक्ति की ओर से अपने अधिकार निकाय को सरेंडर करके उसे फ्री होल्ड पट्टा निर्धारित राशि जमा करके जारी करने का प्रावधान है. धारा 69ए में पट्टा जारी करने के लिए स्टेट पीरियड के राजा की ओर से जारी किए गए पट्टे और रजिस्ट्री, कस्टोडियन के पट्टे और पुराने दस्तावेजों को स्वामित्व दस्तावेज के रूप में अनुमति दी जाएगी. ऐसे दस्तावेज धारक व्यक्तियों को पट्टे जारी करने का प्रावधान किया गया है. हालांकि इस धारा के प्रावधान 2017 में ये स्पष्ट नहीं है कि संपत्ति धारक व्यक्ति के पास ऐसी संपत्ति यदि व्यावसायिक है, तो ऐसी संपत्ति के अधिकार सरेंडर करने पर संबंधित व्यक्ति को क्या व्यवसायिक पट्टा जारी किया जा सकता है, और व्यवसायिक नियमन की दरें भी अलग नहीं है.

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ईटीवी भारत ने पहले ही दे दिए थे संकेत

बता दें, पूर्व आईएएस जीएस संधू (Ex IAS GS Sandhu) ने जब यूडीएच विभाग के सलाहकार का पदभार संभाला था तब ही इस बात का संकेत दिया था. ईटीवी भारत ने अपने पाठकों को पहले ही यह संकेत दे दिया था कि प्रदेश में पूर्व के राजघरानों की जमीनों पर वर्षों से कॉलोनियां बसी हुई हैं उनके नियमन की भी तैयारी की जा रही है. पूर्व राजघरानों की जमीनों पर बसी कॉलोनियों से जुड़े प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं. ऐसे में सरकार का प्रयास है किलोगों को वहीं पट्टा मिले, जहां वो वर्षों से रह रहे हैं.

Last Updated : Jun 25, 2021, 10:43 PM IST
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