जयपुर. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन करते हुए परेशानी खड़ी करते हैं. उनके विरोध-प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस के ज्यादातर नेता बयानबाजी नहीं करते, लेकिन पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा लगातार मोर्चा खोले हुए हैं. रमेश मीणा अब किरोड़ी लाल मीणा को लेकर सरकार के रवैये पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं. वे आहत दिखाई दे रहे हैं कि क्या कारण है कि बार-बार न्यूसेंस कर आम लोगों को परेशान कर रहे किरोड़ी लाल मीणा की गिरफ्तारी क्यों नहीं हो रही है.
किरोड़ी लाल मीणा की गिरफ्तारी नहीं होने पर रमेश मीणा अब अपनी ही सरकार से नाराज हो गए हैं. रमेश मीणा न केवल नाराज हैं, बल्कि सरकार और किरोड़ी लाल मीणा के बीच चल रही मैच फिक्सिंग को लेकर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जनसुनवाई करने पहुंचे रमेश मीणा ने किरोड़ी लाल मीणा के साथ ही सरकार को भी कटघरे में खड़े करते हुए कहा (Ramesh Meena targets Kirodi Meena) कि किरोड़ी लाल मीणा लाशों की राजनीति करते हैं. उन्होंने अपने जीवन में कोई ऐसा काम किया है जिससे लोगों को कोई फायदा हुआ हो.
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रमेश मीणा ने कहा कि किरोड़ी मीणा के ऊपर पांच से ज्यादा केस लगे हुए हैं, सारी रिपोर्ट आ चुकी है. लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हो रही है. रमेश मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से दोबारा अपील करते हुए कहा कि किरोड़ी लाल मीणा बार-बार न्यूसेंस करते हैं और लोगों को असुविधा होती है. ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है?. रमेश मीणा ने कहा कि हम सोचने के लिए मजबूर हैं कि सरकार की ऐसी क्या मजबूरी है कि इन पर कार्रवाई नहीं हो रही. जबकि इन्हें गिरफ्तार करना (Ramesh Meena demands arrest of Kirodi Meena) चाहिए.
ईआरसीपी की डीपीआर बनी थी वसुंधरा राजे के समय मेंः मंत्री रमेश मीणा ने सांसद किरोड़ी लाल मीणा पर जुबानी हमला करते हुए कहा कि उनका अस्तित्व समाप्त हो चुका है. लेकिन फिर भी उन्होंने राजनीति में चर्चा में रहने के लिए और दबंगई दिखाने के लिए लोगों को बुलाकर सभा की. उन्होंने कहा कि सभा में 2 लाख लोगों के आने की बात कहते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि संख्या केवल 10 से 15 हजार थी. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि जब शाम हुई, तो वे जानते थे कि अकेले रह जाएंगे, इसलिए उन्होंने मैच फिक्सिंग करके प्रशासन को बुलाया और बातचीत की.
उन्होंने कहा कि अगर मुद्दा था तो फिर किरोड़ी डरते क्यों हैं? आगे बढ़ते, लेकिन क्योंकि मुद्दा था नहीं, तो वह आगे बढ़ते कैसे? उन्होंने कहा की ईआरसीपी की डीपीआर 2017 में बनी. उस समय मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे थी, तब किरोड़ी लाल मीणा कहां सो रहे थे?. क्या उन्हें उस समय पता नहीं था कि डीपीआर में किस सिंचित एरिया को जोड़ा जा रहा है और किसे नहीं? कितना पानी सिंचाई के लिए चाहिए और कितना पानी पीने के लिए. उन्होंने कहा कि किरोड़ी केवल रुकावट डालने के लिए यह बताना चाहते हैं कि उनके पास कितनी ताकत है. रमेश मीणा ने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा का काम लाशों पर राजनीति करने का है और ऐसी खबरों के जरिए चर्चा में बने रहते हैं.
रमेश मीना ने राजेंद्र राठौड़ पर भी किए जुबानी प्रहारः बीते दिनों सरपंचों के निशाने पर रहे मंत्री रमेश मीणा ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि नागौर में लम्बे समय से भ्रष्टाचार का खेल चल रहा था. तत्कालीन मंत्री राजेन्द्र राठौड़ ने मामले को दबा दिया था. अधिकारियों के अवगत करवाने के बावजूद मामले में जांच नहीं हुई. उन्होंने कहा कि विभाग को भ्रष्टाचार मुक्त करना है इसलिए जहां भी अनियमितता मिलेगी वहां जांच होगी. उन्होंने कहा कि जहां तक मेरे क्षेत्र में जांच को लेकर सवाल है, हमें जो शिकायत मिली थी उसके चलते हमने एक अधिकारी को हटाया था.
राठौड़ ने दिया जवाबः ग्रामीण विकास पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा के लगाए आरोपों पर प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने पलटवार किया है. राठौड़ ने कहा मैं हर जांच ही नहीं न्यायिक जांच को भी तैयार हूं. लेकिन मंत्री रमेश मीणा यह जरूर बता दें कि सपोटरा और मंडलाय में व मैसेज गौरव इंटरप्राइजेज पर इतनी कृपा क्यों बरसा रहे हैं?. उन्होंने टि्वटर पर मंत्री रमेश मीणा के आरोपों पर पलटवार करते हुए यह बयान जारी किया.