जयपुर. अक्सर आपने चुनाव के समय कुर्सी का खेल देखा होगा. जहां किस कदर एक नेता दूसरे नेता को पटखनी देकर कुर्सी हासिल कर लेता है. लेकिन यही कुर्सी का खेल जाने अनजाने में जब किसी समारोह में शुरू हो जाए तो मंत्री जी बगले झांकने के बजाएं एक दूसरे को तिरछी नजरों से कोसते नजर आते हैं.
जी हां, ठीक ऐसा ही हुआ गुरुवार देर रात राजधानी के बिड़ला सभागार में. जहां राजस्थान उर्दू अकादमी और कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से 'ऐ मेरे वतन के लोगों' कार्यक्रम का आयोजन हुआ. कवि और गीतकार प्रदीप के स्मृति में आयोजित इस कार्यक्रम में मंत्रियों के बीच जमकर कुर्सियों का खेल चला. एक तरफ मंच पर नागपुर के सुर संगम ग्रुप के कलाकारों ने प्रदीप के गीतों की प्रस्तुतियों से सांप्रदायिक सद्भाव, भाईचारा और देशभक्ति का संदेश दिया. वहीं दूसरी ओर मंच के सामने ही अतिथियों के लिए लगी कुर्सियों में अजीबोगरीब माजरा देखने को मिला.
दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कार्यक्रम में देरी से आने से पहले जहां श्रोताओं से ज्यादा खुद मंत्री एक दूसरे की कुर्सियां बदलते नजर आए. बात यहां तक पहुंच गई कि खुद चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा नाराज होकर मुख्य दीर्घा की कुर्सी छोड़ दूसरी जगह जा बैठे. ऐसे में मंत्री बीडी कल्ला माजरे को भांपते हुए तुरंत मंत्री रघु शर्मा के पास गए और उनको समझाया, लेकिन चिकित्सा मंत्री नहीं माने.
ऐसे में मंत्री बीडी कल्ला सिर खुजाते हुए अपनी सीट पर आ बैठे और दोनों मंत्री एक दूसरे की ओर तिरछी नजरों से कोसते नजर आए. इतने में मंत्री रमेश मीणा ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए खुद अपनी कुर्सी छोड़ कार्यक्रम से बीच में ही उठकर चलते बने. जाते-जाते उन्होंने मंत्री रघु शर्मा के कान में कुछ जुबानी तीर भी छोड़े.
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ऐसे में मंत्री रमेश मीणा के जाने के बाद एक बार फिर मंत्री बीडी कल्ला चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा के पास गए और उन्हें मनाकर अपनी सीट पर बैठाया और खुद उनकी सीट पर जाकर बैठ गए. इस दौरान पार्टी के विधायक रफीक खान तो पैरों पर खड़े रहे. वहीं मंत्री उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी तो कुर्सी के खेल में फंसने से पहले ही दूर अपनी सीट संभाल ली और चुपचाप मुख्यमंत्री का इंतजार करते नजर आए. ऐसे में कला एंव संस्कृति विभाग की घोर लापरवाही उजागर होने के बाद खुद महकमे के मंत्री बीडी कल्ला ने जिम्मेदारों को फटकार भी लगाई.