जयपुर. बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (बीआरटीएस) सुगम यातायात आवागमन के लिए बनाया गया ये कॉरिडोर अब सरकार के लिए भी टेंशन बन गया है. साथ ही इसकी उपयोगिता पर सवाल उठने लगे हैं. यही वजह है कि परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बीआरटीएस को मौत की बीआरटीएस बताते हुए इसे हटाने का निर्णय ले लिया. जयपुर के कई हिस्सों में टुकड़ों में बने इस बीआरटीएस को अब हटाया जाएगा, जिसके बाद ना केवल यातायात सुगम होगा बल्कि सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी.
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के अध्यक्षता में रोड सेफ्टी कॉउंसिल की बैठक शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित हुई. बैठक में जयपुर में बनी बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने के ऊपर महत्वपूर्ण निर्णय हुआ. परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि जो बीआरटीएस कॉरिडोर यातायात सुगम आवागमन के लिए बनाया गया था, वह दुर्घटना का बड़ा कारण बन गया है. उन्होंने बताया कि जयपुर में हो रही सड़क दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा घटनाएं बीआरटीएस की वजह से हो रही है.
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मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि बीआरटीएस को हटाया जाए. इसको लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को भी पत्र लिखा जाएगा. उन्होंने कहा कि सेफ्टी कॉउंसिल की अगली बैठक में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को भी बुलाया जाएगा, ताकि इस बीआरटीएस को पूरी तरीके से हटाया जा सके.
दरअसल, शुक्रवार को हुई कॉउंसिल की 16वीं बैठक में सामने आया कि बीआरटीएस कॉरिडोर सड़क दुर्घटना को बढ़ा रहा है. पिछले 2 महीने में कई दुर्घटनाएं हो चुकी है. कॉरिडोर के बीच-बीच में चौराहे पर छोटे कट पर यू-टर्न लेने वाले वाहन चालक ज्यादा हादसे के शिकार हुए. वहीं, कॉरिडोर क्रॉस करने के दौरान महीने में 40 से 50 हादसे हो रहे हैं.
इसलिए बना मौत का कॉरिडोर
बीआरटीएस मौत का कारण इसलिए बनी क्योंकि इसे टुकड़ों में बनाकर रोड पर छोड़ दिया गया. बीआरटीएस कॉरिडोर 7.1 किलोमीटर लंबाई में सीकर रोड पर एक्सप्रेस हाईवे से अंबाबाड़ी तक, 8 किलोमीटर की लंबाई में अजमेर रोड से न्यू सांगानेर रोड तक, जबकि अंबाबाड़ी से गवर्नमेंट हॉस्टल, अजमेर पुलिया, सोडाला होते हुए 13 किलोमीटर के बीच के हिस्से में कॉरिडोर नहीं बना. अगर इस हिस्से में कॉरिडोर बनती तो राहत मिल सकती थी.