जयपुर. प्रदेश के खनन विभाग का जिक्र हो और अवैध खनन की बात न निकले, यह संभव नहीं है. अवैध खनन को लेकर एक रोचक वाकया उस वक्त सामने आया जब खान मंत्री प्रमोद जैन भाया विभागीय अधिकारियों के साथ प्रस्तावित खनिज नीति, खनिज खोज और खनन कार्य समेत अन्य अहम मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे.
इस बैठक के बाद प्रमोद जैन भाया ने अवैध खनन को लेकर मीडिया से बातचीत की. इसी दौरान बजरी ट्रक ऑपरेटर वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष नवीन शर्मा अपने साथियों के साथ पहुंचे और अवैध खनन को लेकर मंत्री को ज्ञापन थमा दिया. अचानक हुए इस घटनाक्रम से मंत्री प्रमोद जैन भाया ज्ञापन लेकर तुरंत वहां से निकल गए.
दरअसल मंत्री ने अवैध खनन को पिछली भाजपा सरकार के समय पैदा हुआ कैंसर बताया. इसके लिए पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया. वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान अवैध खनन को रोकने को लेकर अपने विभाग और पुलिस पर लग रहे आरोपों पर उन्हें क्लीन चिट दी. विभाग के अधिकारियों और अवैध खनन रोकने के लिए पुलिस विभाग की तारीफ भी की.
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ज्ञापन लेकर तुरंत निकल गए मंत्री
अचानक बजरी ट्रक ऑपरेटर वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष नवीन शर्मा अपने साथियों के साथ पहुंचे. उन्होंने मंत्री से कहा कि जिस अवैध खनन रूपी कैंसर की बात आप कर रहे हैं, वह अब विकराल रूप ले चुका है. उस पर कार्रवाई करने की जरूरत है. नवीन शर्मा ने मंत्री प्रमोद जैन भाया को एक ज्ञापन भी सौंप दिया, जिसमें अवैध माइनिंग (Illegal Mining) में लगे माफियाओं की शिकायत ज्ञापन के रूप में सौंपी गई. अचानक हुए इस घटनाक्रम से मंत्री प्रमोद जैन भाया ज्ञापन लेकर तुरंत वहां से निकल गए.
ज्ञापन में हैं ये आरोप
- प्रदेश में जारी खातेदारी जमीन लीज धारकों द्वारा उनकी लीजों में बजरी डिपॉजिट नहीं होते हुए भी अवैध बजरी माफियाओं के वाहनों के रवन्ना जारी किए जा रहे हैं. जिनके सहारे से उनके द्वारा नदियों में अवैध खनन कर भारी मात्रा में ओवरलोड ट्रक भरकर शहरों में लाकर महंगे दामों पर बेचे जा रहे हैं.
- प्रदेश की खातेदारी लीज धारकों जैसे जोधपुर, जैतारण ,मेड़ता के द्वारा ट्रकों के परिवहन विभाग द्वारा अनुमत भार का तो रवन्ना दिया जा रहा है, उसमें बजरी दो से तीन गुना तक भराई जा रही है. संबंधित खान विभाग, पुलिस विभाग, परिवहन विभाग के कुछ अधिकारी और कर्मचारियों की मिलीभगत के कारण इन पर कार्रवाई नहीं होना, इन विभागों की संलिप्तता बता रही है जबकि इन लीज धारकों द्वारा ऐसा करना उच्च न्यायालय की खुली अवमानना की श्रेणी में है.
- सरकार ने कोटडी ,जालौर ,सायला की नदियों की लीजों को खनन की अनुमति दी है. उसमें खनन कार्य शुरू भी हो गया है. लीज धारकों द्वारा ट्रकों के अनुमत भार के अनुसार ही बजरी भराई जा रही है. उतना ही रवन्ना जारी किया जा रहा है, लेकिन अवैध बजरी माफियाओं द्वारा इसका भी तोड़ निकाल लिया गया है.
- इन माफियाओं के द्वारा अपने ट्रकों में इन लीजों के अनुमत भार की बजरी अपने ट्रकों में भरवाई जाती है. अनुमत रवन्ना वहां से लेकर यह लीजों से बाहर आकर अन्य अवैध खनन माफियाओं के स्टॉकों से दो-तीन गुना ओवरलोड बजरी भरकर शहरों में लाकर बेच रहे हैं. यही नहीं बल्कि एक रवन्ना में दूसरा चक्कर भी अवैध खनन माफियाओं के स्टॉक से भरकर शहरों में बेचा जा रहा है. इसमें भी अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत है.
- बजरी भंडारण पर रोक के बावजूद जयपुर शहर में हजारों टन बजरी के अवैध भंडारण माफियाओं द्वारा किए गए हैं, जो विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से हो रहा है.