जालोर. राजस्थान के जालोर में दलित बालक की स्कूल टीचर की पिटाई में हुई मौत के बाद (Jalore Dalit Student Death Case) राजस्थान में राजनीति चरम पर है. कांग्रेस पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही मंत्री, विधायक बालक को न्याय दिलाने के लिए क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं और उसके लिए सहायता देने का काम भी. लेकिन इसी बीच इस मामले में अपराधी के राजपूत समाज के होने के चलते कुछ कमेंट समाज के प्रति भी आने लगे हैं, जिस पर राजस्थान सरकार में सैनिक कल्याण मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने नाराजगी जताई है.
राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि दलित बालक की हत्या की हर कोई निंदा करता है और अगर इस बालक को सरकार की ओर से न्याय नहीं मिलता है तो हम सभी बसपा से आए हुए साथी (Minister Gudha Big Statement) सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेंगे. भले ही इसके लिए हमारी विधानसभा से सदस्यता ही क्यों न चली जाए. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि इस बच्चे के मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुना जाए और अपराधी को दोषी होने पर सरेआम फांसी पर लटका दिया जाए. लेकिन अगर इस मामले में राजनीति करते हुए किसी ने पूरे राजपूत समाज पर सवाल उठाए तो वह भी हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.
डांगावास प्रकरण के समय डोटासरा और पायलट कहां थे ? : मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने इस मामले में अपराधी की जगह पूरे राजपूत समाज पर अंगुली उठाने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस मामले में सरकार को डे-टू-डे सुनवाई करते हुए एक महीने में ऐतिहासिक फैसला सुनाना चाहिए. लेकिन हम कास्ट पॉलिटिक्स (Caste Politics in Rajasthan) नहीं करते. सबसे ज्यादा दलित मेरी विधानसभा में अधिकारी हैं और वही दलित समाज राजेंद्र गुढ़ा के साथ है, किसी पार्टी के साथ नहीं.
उन्होंने कहा कि दलित के साथ अन्याय हो तो राजेंद्र गुढ़ा अपनी जान भी दे सकता है, लेकिन जो नेता अब इस मामले में राजनीति कर रहे हैं, वह जब डांगावास प्रकरण हुआ और वहां 5 दलितों की जघन्य हत्या की गई तब कहां थे. चाहे हमारे वर्तमान अध्यक्ष गोविंद डोटासरा हों या फिर पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट, उस समय भी दोनों प्रमुख पदों पर थे, लेकिन उस समय इन्होंने एक भी बात नहीं कही. यहां तक कि इस मामले में इस्तीफा देने वाले पानाचंद मेघवाल भी डांगावास दलित हत्याकांड के समय चुप क्यों थे ?
पढ़ें : जालोर में दलित छात्र की मौत, प्रदेश कांग्रेस देगी इतिहास की सबसे बड़ी रकम
राजपूत समाज को विलेन बनाने की कोशिश ना करें : मंत्री राजेंद्र गुढ़ा आज अपने ही कैबिनेट में सहयोगी मंत्री गोविंद मेघवाल से भी नाराज नजर आए. उन्होंने बुधवार सुबह गोविंद मेघवाल के वायरल हुए ऑडियो को लेकर कहा कि हमारे मंत्रिमंडल में साथी गोविंद मेघवाल भी आज मोबाइल पर कह रहे थे कि ठाकुरों ने हमें पीट-पीटकर हमारी (मंगर) पीठ तोड़ दी. राजेंद्र गुढ़ा ने कहा कि मेरी गोविंद मेघवाल से हाथ जोड़कर विनती है कि किसी भी अपराधी की कोई जाति नहीं होती और इस मामले में एक समाज को विलेन बनाने की कोशिश नहीं की जाए. राजपूत समाज ने तो शुरुआत से ही जातियों को जोड़ने का काम किया है और जहां तक बात सामंतवाद की है तो जिसके घोड़े और हथियार में दम होता था वही राज करता था. राज तो राजपूतों के साथ ही जाट, ब्राह्मण, गुर्जर, दलित और मुसलमानों ने भी किया था, उनकी भी रियासतें थीं.
पढ़ें : दलित छात्र की मौत पर बोले पायलट, समाज को विश्वास दिलाना जरूरी है कि हम उनके साथ हैं