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मंत्री मेघवाल ने अधिकारियों की ली बैठक, बजट का पैसा खर्च नहीं होने पर अधिकारियों को लगाई लताड़ - Jaipur News

सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने बुधवार को सचिवालय में 25 विभागों के अधिकारियों की बैठक ली. बैठक में सामने आया कि अनुसूचित जाति के विकास के लिए विभाग को जो बजट दिया जाता है, उसे खर्च नहीं किया जाता है. इसे लेकर मंत्री ने कड़ी नाराजगी जताई.

सचिवालय में बैठक , Jaipur News
मंत्री मेघवाल ने अधिकारियों की ली बैठक
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Published : Feb 5, 2020, 6:04 PM IST

जयपुर. प्रदेश में दलितों के विकास के लिए निर्धारित बजट को अफसर खर्च नहीं कर पा रहे हैं. मामले की पूरी जानकारी जब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल को मिली तो उन्होंने बुधवार को सचिवालय में 25 विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर जमकर लताड़ लगाई.

मंत्री मेघवाल ने अधिकारियों की ली बैठक

सचिवालय में अनुसूचित जाति उप योजना अंतर्गत राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में सामने आया कि अनुसूचित जाति के विकास के लिए जो बजट सरकार के स्तर पर दिया जाता है, उसे अफसरों ने खर्च ही नहीं किया. अनुसूचित जाति के विकास के लिए निर्धारित बजट को खर्च नहीं कर पाने पर सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने कड़ी नाराजगी जताई.

पढ़ें- विधानसभा में गूंजेगा 'टिड्डी टेरर' और किसान कर्जमाफी का मुद्दा, विधायकों ने लगाए हजारों सवाल

मंत्री मेघवाल ने कहा, कि वर्ष 2019-20 में राज्य की 17 फीसदी अनुसूचित जाति पर 2 खरब 8 अरब 69 करोड़ रुपए खर्च करने चाहिए थे, लेकिन अब तक केवल एक खरब 15 अरब 86 करोड़ रुपए खर्च हो पाए. उन्होंने बताया कि अफसर जल्दबाजी में अंतिम महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च में बजट खर्च कर देते हैं, इसलिए यह पता नहीं चलता कि यह बजट अनुसूचित जाति के विकास पर खर्च हुआ या नहीं.

मेघवाल ने कहा, कि अब विभागों से लिखित में खर्च का पूरा ब्यौरा मांगा गया है ताकि विकास के कामकाज की एक बुकलेट तैयार की जा सके. यह बुकलेट सभी विधायकों, ग्राम सरपंच और प्रधान को दी जाएगी, जिससे यह जानकारी मिल सके कि मोहल्ले में सड़क, पानी की पाइप लाइन और अन्य विकास कार्य हुए या नहीं. मेघवाल ने बताया कि राज्य कमेटी की अगली बैठक में लिखित में हर विभाग का ब्यौरा लिया जाएगा.

पढ़ें- हमारी भी सुन लो सरकार! अभ्यर्थियों ने कहा- लोग ताने मारते हैं कब निकलेगा Result, एक की सगाई ही टूट गई

उन्होंने बताया कि अब हर विभाग की मॉनिटरिंग की जाएगी, ताकि अनुसूचित जाति के विकास पर जो बजट निर्धारित किया गया है उसे खर्च क्यों नहीं किया जा रहा. उन्होंने कहा कि पिछले सरकार में 5 साल में एक बार ही राज्य स्तरीय कमेटी की बैठक हुई, लेकिन गहलोत सरकार में 1 साल के भीतर कमेटी की दूसरी बैठक है. इसे साफ है कि प्रदेश की सरकार किस तरीके से अनुसूचित जाति के विकास के को लेकर गंभीर है.

जयपुर. प्रदेश में दलितों के विकास के लिए निर्धारित बजट को अफसर खर्च नहीं कर पा रहे हैं. मामले की पूरी जानकारी जब सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल को मिली तो उन्होंने बुधवार को सचिवालय में 25 विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर जमकर लताड़ लगाई.

मंत्री मेघवाल ने अधिकारियों की ली बैठक

सचिवालय में अनुसूचित जाति उप योजना अंतर्गत राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में सामने आया कि अनुसूचित जाति के विकास के लिए जो बजट सरकार के स्तर पर दिया जाता है, उसे अफसरों ने खर्च ही नहीं किया. अनुसूचित जाति के विकास के लिए निर्धारित बजट को खर्च नहीं कर पाने पर सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने कड़ी नाराजगी जताई.

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मंत्री मेघवाल ने कहा, कि वर्ष 2019-20 में राज्य की 17 फीसदी अनुसूचित जाति पर 2 खरब 8 अरब 69 करोड़ रुपए खर्च करने चाहिए थे, लेकिन अब तक केवल एक खरब 15 अरब 86 करोड़ रुपए खर्च हो पाए. उन्होंने बताया कि अफसर जल्दबाजी में अंतिम महीनों जनवरी, फरवरी और मार्च में बजट खर्च कर देते हैं, इसलिए यह पता नहीं चलता कि यह बजट अनुसूचित जाति के विकास पर खर्च हुआ या नहीं.

मेघवाल ने कहा, कि अब विभागों से लिखित में खर्च का पूरा ब्यौरा मांगा गया है ताकि विकास के कामकाज की एक बुकलेट तैयार की जा सके. यह बुकलेट सभी विधायकों, ग्राम सरपंच और प्रधान को दी जाएगी, जिससे यह जानकारी मिल सके कि मोहल्ले में सड़क, पानी की पाइप लाइन और अन्य विकास कार्य हुए या नहीं. मेघवाल ने बताया कि राज्य कमेटी की अगली बैठक में लिखित में हर विभाग का ब्यौरा लिया जाएगा.

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उन्होंने बताया कि अब हर विभाग की मॉनिटरिंग की जाएगी, ताकि अनुसूचित जाति के विकास पर जो बजट निर्धारित किया गया है उसे खर्च क्यों नहीं किया जा रहा. उन्होंने कहा कि पिछले सरकार में 5 साल में एक बार ही राज्य स्तरीय कमेटी की बैठक हुई, लेकिन गहलोत सरकार में 1 साल के भीतर कमेटी की दूसरी बैठक है. इसे साफ है कि प्रदेश की सरकार किस तरीके से अनुसूचित जाति के विकास के को लेकर गंभीर है.

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जयपुर

दलितों पर अफसरों ने नही किया पैसा खर्च , मंत्री ने लगाई लताड़ , मंत्री ने 25 विभागों से मांग लिखित में खर्च का पूरा ब्यौरा

एंकर:- राज्य में जितनी मारामारी मंत्रियों में अपने विभागों के लिए अधिक से अधिक पैसा हासिल करने की होती है , उससे कहीं ज्यादा सुस्ती बजट को खर्च करने में बरती जा रही है , आलम यह है कि राज्य में दलितों के विकास के लिए निर्धारित बजट को अफसर खर्च नहीं कर पा रहे , अब इस पूरे मामले की जानकारी सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग के मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल को मिली तो उन्होंने सचिवालय में 25 विभागों के आला अधिकारियों के साथ में बैठक कर उन्हें जमकर लताड़ लगाई ,




Body:VO:- सचिवालय में अनुसूचित जाति उप योजना अंतर्गत राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में तथ्य सामने आये की अनुसूचित जाति के विकास के लिए जो बजट सरकार के स्तर पर दिया जाता है उसे अफसरों ने खर्च ही नही किया , अनुसूचित जाति के विकास के लिए निर्धारित बजट को खर्च नहीं कर पाने पर सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री मस्ट भंवर लाल मेघवाल ने कड़ी नाराजगी जताई , मंत्री मेघवाल ने कहा कि वर्ष 2019-20 में राज्य की 17 प्रतिशत अनुसूचित जाति पर 2 खरब 8 अरब 69 करोड रुपए खर्च करने चाहिए थे , लेकिन अब तक मात्र एक खरब , 15 अरब 86 करोड़ खर्च हो पाए , अफसर जल्दबाजी में अंतिम महीनों जनवरी फरवरी और मार्च में बजट खर्च कर देते हैं इसलिए यह पता नहीं चलता कि यह बजट अनुसूचित जाति के विकास पर खर्च हुआ या नहीं , उन्होंने कहा कि अब विभागों से लिखित में खर्च का पूरा ब्यौरा मांगा गया है , ताकि विकास के काम काज की एक बुकलेट तैयार की जा सके , यह बुकलेट सभी विधायकों , ग्राम सरपंच , प्रधान को दी जाएगी ताकि यह जानकारी मिल सके कि अनुसूचित जाति के मोहल्ले में सड़क पानी की पाइप लाइन डाली गई या अन्य विकास कार्य हुए या नहीं , सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल ने बताया कि राज्य कमेटी की अगली बैठक में लिखित में हर विभाग का ब्यौरा लिया जाएगा , हर विभाग की मोनेटरिंग की जाएगी , ताकि अनुसूचित जाति के विकास पर जो बजट निर्धारित किया गया है इस बजट को खर्च क्यों नहीं किया जा रहा मदर मेघवाल ने कहा कि पिछले सरकार में महत्वपूर्ण 5 साल में एक बार ही राज्य स्तरीय कमेटी की बैठक हुई लेकिन गहलोत सरकार में 1 साल के भीतर कमेटी की दूसरी बैठक है इसे साफ झलकता है कि प्रदेश की सरकार किस तरीके से अनुसूचित जाति के विकास के को लेकर गंभीर है
बाइट:- मास्टर भंवर लाल मेघवाल - मंत्री सामाजिक न्याय अधिकारिता विभाग


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