जयपुर. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने शुक्रवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, क्षेत्र -2 , जोधपुर की ओर से आयोजित राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली राज्य के कृषि विज्ञान केंद्रों की वार्षिक समीक्षा क्षेत्रीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भाग लिया. इस दौरान कैलाश चौधरी ने कहा कि, देश भर में फैले कृषि विज्ञान केंद्र संस्थान जानकारियां और नवीनतम तकनीक उपलब्ध कराने में कृषि वैज्ञानिकों और किसानों के बीच एक पुल का काम करते हैं.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि, कृषि विज्ञान केंद्रों को अधिक संख्या में किसानों तक पहुंच बनाने की योजना बनाई जा रही है. कृषि विज्ञान केंद्रों तक तकनीकी सहायता उपलब्ध कराकर वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के केंद्र सरकार के लक्ष्य को हासिल करने में मदद की अपील की. उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों से उन युवाओं को सशक्त बनाने में मदद करने को कहा जो खेती और उससे संबद्ध गतिविधियों से जुड़े नहीं हैं
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वहीं केंद्रीय मंत्री चौधरी ने कहा कि, देश की जीडीपी में कृषि के योगदान को बढ़ाने की जरूरत है. इसलिए किसानों को केवीके का लाभ उठाना चाहिए. केवीके नई कृषि तकनीकों और सरकार की नीतियों का लाभ उठाने में किसानों की मदद करते हैं.
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मंत्री चौधरी के अनुसार अगर हर किसान केवीके और सरकारी कार्यक्रमों का पूरा लाभ उठाता है, तो वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो सकती है. कृषि राज्यमंत्री ने इस दौरान फसल बीमा और इलेक्ट्रॉनिक नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट (ई-नाम) और 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) को स्थापित करने की योजना के बारे मे भी जानकारी दी.