जयपुर. डॉ. कल्ला शुक्रवार को जयपुर जिले के दूदू उपखण्ड में उरसेवा और सावरदा में 33 केवी के ग्रिड सब स्टेशसन का उद्घाटन करने के बाद आयोजित कार्यक्रमों में ग्रामीणों को सम्बोधित कर रहे थे. जहां उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों और ग्रामीणों को अच्छी गुणवत्ता की बिजली मिले, इसके लिए चरणबद्ध रूप से नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है.
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार गांव, गरीब और किसानों की हितैषी है. हम गांव के लोगों और नौजवानों के उत्थान और उन्हें आगे बढ़ाने की सोच के साथ कार्य कर रहे हैं. मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने 5 साल तक किसानों के लिए बिजली की दरें नहीं बढ़ाने और एक लाख कुओं को बिजली कनेक्शन देने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि उत्पादन पर लागत के मुकाबले कम दरों में किसानों को बिजली उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपये का अनुदान दिया जा रहा है.
डॉ कल्ला ने कहा कि प्रदेश सरकार इस साल सोलर एनर्जी के माध्यम से 6 हजार मेगावाट विद्युत उत्पादन करने के लक्ष्य के साथ कार्य कर रही है. वर्तमान में विद्युत उत्पादन एवं अंतरराज्यीय समझौतों से प्रदेश को 21 हजार मेगावाट बिजली मिल रही है, हम इसे 28 हजार मेगावाट तक ले जाने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
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कार्यक्रम में विधायक श्री बाबू लाल नागर ने उरसेवा एवं सांवरदा के ग्रिड सब स्टेशन के कार्य को पूरा कर इन्हें लोकार्पित करने के लिए राज्य सरकार और ऊर्जा मंत्री का क्षेत्र की जनता की ओर से आभार व्यक्त किया. इन कार्यक्रमों में बड़ी संख्या में ग्रामीणों के अलावा जनप्रतिनिधि, अधिकारी और क्षेत्र कें गणमान्य नागरिक मौजूद रहे.
सांवरदा में 33 केवी ग्रिड सब स्टेशन के निर्माण पर 300.8 लाख रुपये की लागत आयी है. इस जीएसएस के निर्माण से सांवरदा, बड़वाली ढाणी, मालेड़ा, पीथावास व झांगर की ढाणी आदि के 2 हजार 348 घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को फायदा होगा. साथ ही सांवरदा क्षेत्र के आस-पास स्थित करीब 50 औद्योगिक उपभोक्ताओं को बिना ट्रिपिंग एवं उचित वोल्टेज की बिजली आपूर्ति का लाभ मिलेगा.
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इसी प्रकार उरसेवा में 33 केवी ग्रिड सब स्टेशन की स्थापना पर 322.5 लाख रुपये खर्च हुए हैं. इससे 11-11 केवी के पांच फीडर निकाले गये हैं. इनसे उरसेवा, लापोड़िया, सिनोदिया, केरिया खुर्द, कचनारिया, नगरी, इटाखोई, धान्धोली, सुनाड़िया, छापरवाड़ा, बांसड़ा व खातीनाड़ा के 3 हजार 800 से अधिक घरेलू एवं कृषि उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा. साथ ही जीएसएस के निर्माण से 2.25 लाख यूनिट की निगम को सालाना बचत होगी.