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बीडी कल्ला ने केंद्र से जल जीवन मिशन में 90% अनुदान की मांग की, कहा- प्रदेश के हितों के लिए तोड़नी होंगी पक्ष-विपक्ष की दीवारें

जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने केंद्र सरकार से जल जीवन मिशन के लिए 90 प्रतिशत अनुदान देने की मांग की है. कल्ला ने कहा कि राजस्थान के हितों के लिए हमको पक्ष-विपक्ष की दीवारों को तोड़ना होगा. कल्ला ने केंद्र से ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने, बीसलपुर को ब्राहम्णी नदी से जोड़ने व हरियाणा से यमुना का पानी लेने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर एकजुटता से आगे बढ़ने का आह्वान किया.

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जल जीवन मिशन
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Published : Mar 6, 2021, 1:25 AM IST

जयपुर. जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा है कि प्रदेश के हितों के लिए राजस्थान में पक्ष और विपक्ष की दीवार तोड़नी होगी. एक बंधा हुआ गठ्ठर बहुत कुछ कर सकता है. दक्षिण भारत में परम्परा है कि चाहे सरकार किसी भी पार्टी की हो वे अपने राज्य के हक के लिए एकजुट होकर केंद्र के सामने अपना पक्ष मजबूती से रखते हैं. उन्होंने राज्य में जल जीवन मिशन में केंद्र सरकार की भागीदारी को 90 प्रतिशत करने, ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने, बीसलपुर को ब्राहम्णी नदी से जोड़ने व हरियाणा से यमुना का पानी लेने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ऐसी ही एकजुटता से आगे बढ़ने का आह्वान किया.

पढ़ें: भाजपा में गुटबाजी: वसुंधरा राजे के जन्मदिन के पोस्टर्स से प्रदेश भाजपा के बड़े नेता गायब

डॉ. कल्ला शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में मांग संख्या 27 (पेयजल योजना) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे. चर्चा के बाद सदन ने पेयजल योजना की 83 अरब, 36 करोड़ 74 लाख 75 हजार रुपये की अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित कर दी.

जल जीवन मिशन में मिले 90 प्रतिशत केंद्रीय हिस्सेदारी

बीडी कल्ला ने कहा कि वर्ष 2013 से पहले मरूस्थलीय क्षेत्रों के लिए 100 प्रतिशत ग्रांट मिलती थी और अन्य जिलों के लिए 90 प्रतिशत मिलती थी. इसके बाद यह ग्रांट 60ः40 के अनुपात में हुई और बाद में इसे घटाकर 50-50 प्रतिशत का अनुपात कर दिया गया. जल जीवन मिशन में केंद्र और राज्य की 45-45 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ ही 10 प्रतिशत राशि ग्रामीणों द्वारा वहन किये जाने का प्रावधान है.

केंद्र से जल जीवन मिशन में 90% अनुदान की मांग

ग्रामीण इस 10 प्रतिशत राशि को वहन करने की स्थिति में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार, राज्य में वर्ष 2024 तक जल जीवन मिशन के तहत घर-घर नल कनेक्शन देने के लिए 2 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता है, जबकि केंद्र सरकार इस मिशन के लिए बजट 3.50 लाख करोड़ रुपये है. केंद्र और राज्य की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी के हिसाब से राज्य को इस मिशन के लिए एक लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता है, जो राज्य की वित्तीय स्थिति को देखते हुए संभव नहीं है.

बीडी कल्ला की अपील

यदि केंद्रीय भागीदारी को बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया जाये तो राज्य को मात्र 20 हजार करोड़ रुपये ही देने होंगे. कल्ला ने यह भी साफ कर दिया कि यही केंद्र की ओर से 90% अनुदान नहीं मिला तो राजस्थान में जल जीवन मिशन योजना पर तेजी से काम हो पाना मुश्किल है. मतलब केंद्र से 90% अनुदान नहीं मिलने पर राजस्थान में की योजना ठंडे बस्ते में जाना है.

निजी कॉलोनियों के लिए नई नीति

उन्होंने कहा कि निजी कॉलोनियों के विकास के समय प्राइवेट कॉलोनाइजर्स पानी एवं बिजली की सुविधाओं के लिए पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित नहीं करते. इससे लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है. इस बारे में जल्द ही नई नीति लाने का प्रयास होगा. उन्होंने बताया कि ईसरदा प्रोजेक्ट पर जल संसाधन विभाग एवं पीएचईडी के अधिकारी मिलकर तेजी से कार्य कर रहे हैं. इससे न केवल दौसा बल्कि आसपास के क्षेत्रों को भी फायदा मिलेगा.

गर्मियों के लिए कंटीजेंसी प्लान

डॉ. कल्ला ने बताया कि गत दो वर्षों में गर्मियों के सीजन में प्रदेश में बेहतर पेयजल प्रबंधन किया गया. इस वर्ष भी गर्मियों के मौसम से पहले ही विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. सभी जिला कलेक्टर को 50-50 लाख रुपये की राशि कंटीजेंसी प्लान के तहत स्वीकृत की जा चुकी है. विभाग में अतिरिक्त वाहनों एवं संविदा श्रमिकों की भी स्वीकृत दे दी गयी है.

इन उपलब्धियों का किया जिक्र

जलदाय मंत्री ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष मे अब तक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 2 लाख हैंडपम्पों का मरम्मत कार्य कराये गये हैं. ग्रीष्म काल में राहत के लिए 1 अप्रैल 2020 से अब तक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 2074 नये नलकूप एवं नए 4455 हैण्डपम्प चालू किये जा चुके हैं. वर्तमान सरकार द्वारा 290 करोड़ रुपये की राशि से 834 आर ओ प्लांट्स स्वीकृत किए गए हैं. अब तक 2742 सौर उर्जा आधारित संयंत्र स्वीकृत कर इनमें से 1261 स्थापित किये जा चुके हैं. गत दो वर्षों में 223.35 करोड़ रूपये की राशि से 1392 सोलर डीएफयू स्वीकृत किए गए हैं.

सरकार के मौजूदा कार्यकाल में अन्य विशिष्ट कार्य

  • गुणवत्ता प्रभावित बस्तियां को लाभान्वित करने के लिए 934 आर.ओ. प्लाण्ट स्थापित
  • 1288 सौर उर्जा आधारित डी-फ्लोरिडेशन यूनिट स्थापित
  • 5711 नये नलकूप लगाकर चालू किये गये
  • 12607 नये हैण्डपम्प लगाकर चालू किये गये
  • 4.98 लाख खराब हैण्डपम्पों को सुधार कर पुनः चालू किया गया
  • राज्य के सभी 33 जिलों में यंत्रों एवं उपकरणों से सुसज्जित प्रयोगशालाओं के जरिए पेयजल गुणवत्ता की सतत जांच, सर्वेक्षण, नियत्रंण तथा जल स्रोतों के जीवाणु व रासायनिक परीक्षण के कार्य किये जा रहे हैं


विभाग में जल्द भर दिये जायेंगे रिक्त पद

जलदाय मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा हाल ही में चीफ इंजीनियर से लेकर सहायक अभियंता तक के 200 पदों पर पदोन्नति की गई है. साथ ही 312 एईएन पदों की भर्ती के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग तथा 177 जेईएन के पदों पर भर्ती राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से प्रक्रियाधीन है.

जलदाय मंत्री ने की अहम घोषणाएं

बीडी कल्ला ने कहा कि प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए आगामी वर्ष में कुल 10024.18 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया हैं. प्रदेश में वर्ष 2021-22 में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न जलप्रदाय योजनाओं के कार्य कराये जायेंगे. बाड़ी-धौलपुर में उच्च जलाशयों की क्षमता बढ़ाने के लिए, स्रोतों का निर्माण एवं जल वितरण प्रणाली के पुनर्गठन कार्य पर 38 करोड़ रुपये, बाड़मेर शहर में उच्च जलाशयों के निर्माण व नयी पाईप लाईन बिछाने संबंधि कार्य पर 10 करोड़ रुपये, उदयपुर जिले के कानोड, फतहनगर-सनवाड एवं उदयपुर शहर में उच्च जलाशयों का निर्माण, पाईप लाईन बिछाने इत्यादि कार्य पर 35 करोड़ रुपये से काम करवाए जाएंगे.

साथ ही जयपुर शहर के डिग्गी मालपुरा रोड से टोंक रोड के बीच के क्षेत्र एवं सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में बीसलपुर योजना के अन्तर्गत पेयजल आपूर्ति के लिए 115 करोड़ रुपये, जयपुर शहर में ही सीकर रोड स्थित हरमाडा एवं बढारना क्षेत्र की पेयजल की स्थायी आधारभूत व्यवस्था के लिए पृथ्वीराज नगर के ट्रांसमिशन सिस्टम से पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए 41 करोड़ रुपये, जयपुर जिलें में शाहपुरा एवं विराटनगर में उच्च जलाशय एवं पाईप लाईन के कार्य के लिए 38 करोड़ रुपये, सीकर जिले में सीकर, लोसल एवं नीमकाथाना क्षेत्र में पेयजल योजना के संवर्द्धन कार्य पर 17 करोड़ रुपये, डूंगरपुर के गलियाकोट एवं चितरी-बडगी जल योजना के पुनर्गठन कार्य पर 33 करोड़ रुपये तथा जालोर के भीनमाल में पेयजल समस्या निराकरण के 50 करोड़ रुपये की राशि से कार्य कराए जाएंगे.

जयपुर. जलदाय मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा है कि प्रदेश के हितों के लिए राजस्थान में पक्ष और विपक्ष की दीवार तोड़नी होगी. एक बंधा हुआ गठ्ठर बहुत कुछ कर सकता है. दक्षिण भारत में परम्परा है कि चाहे सरकार किसी भी पार्टी की हो वे अपने राज्य के हक के लिए एकजुट होकर केंद्र के सामने अपना पक्ष मजबूती से रखते हैं. उन्होंने राज्य में जल जीवन मिशन में केंद्र सरकार की भागीदारी को 90 प्रतिशत करने, ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने, बीसलपुर को ब्राहम्णी नदी से जोड़ने व हरियाणा से यमुना का पानी लेने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ऐसी ही एकजुटता से आगे बढ़ने का आह्वान किया.

पढ़ें: भाजपा में गुटबाजी: वसुंधरा राजे के जन्मदिन के पोस्टर्स से प्रदेश भाजपा के बड़े नेता गायब

डॉ. कल्ला शुक्रवार को राजस्थान विधानसभा में मांग संख्या 27 (पेयजल योजना) की अनुदान मांग पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे. चर्चा के बाद सदन ने पेयजल योजना की 83 अरब, 36 करोड़ 74 लाख 75 हजार रुपये की अनुदान मांग ध्वनिमत से पारित कर दी.

जल जीवन मिशन में मिले 90 प्रतिशत केंद्रीय हिस्सेदारी

बीडी कल्ला ने कहा कि वर्ष 2013 से पहले मरूस्थलीय क्षेत्रों के लिए 100 प्रतिशत ग्रांट मिलती थी और अन्य जिलों के लिए 90 प्रतिशत मिलती थी. इसके बाद यह ग्रांट 60ः40 के अनुपात में हुई और बाद में इसे घटाकर 50-50 प्रतिशत का अनुपात कर दिया गया. जल जीवन मिशन में केंद्र और राज्य की 45-45 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ ही 10 प्रतिशत राशि ग्रामीणों द्वारा वहन किये जाने का प्रावधान है.

केंद्र से जल जीवन मिशन में 90% अनुदान की मांग

ग्रामीण इस 10 प्रतिशत राशि को वहन करने की स्थिति में नहीं हैं. उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार, राज्य में वर्ष 2024 तक जल जीवन मिशन के तहत घर-घर नल कनेक्शन देने के लिए 2 लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता है, जबकि केंद्र सरकार इस मिशन के लिए बजट 3.50 लाख करोड़ रुपये है. केंद्र और राज्य की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी के हिसाब से राज्य को इस मिशन के लिए एक लाख करोड़ रुपये की आवश्यकता है, जो राज्य की वित्तीय स्थिति को देखते हुए संभव नहीं है.

बीडी कल्ला की अपील

यदि केंद्रीय भागीदारी को बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया जाये तो राज्य को मात्र 20 हजार करोड़ रुपये ही देने होंगे. कल्ला ने यह भी साफ कर दिया कि यही केंद्र की ओर से 90% अनुदान नहीं मिला तो राजस्थान में जल जीवन मिशन योजना पर तेजी से काम हो पाना मुश्किल है. मतलब केंद्र से 90% अनुदान नहीं मिलने पर राजस्थान में की योजना ठंडे बस्ते में जाना है.

निजी कॉलोनियों के लिए नई नीति

उन्होंने कहा कि निजी कॉलोनियों के विकास के समय प्राइवेट कॉलोनाइजर्स पानी एवं बिजली की सुविधाओं के लिए पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित नहीं करते. इससे लोगों को असुविधा का सामना करना पड़ता है. इस बारे में जल्द ही नई नीति लाने का प्रयास होगा. उन्होंने बताया कि ईसरदा प्रोजेक्ट पर जल संसाधन विभाग एवं पीएचईडी के अधिकारी मिलकर तेजी से कार्य कर रहे हैं. इससे न केवल दौसा बल्कि आसपास के क्षेत्रों को भी फायदा मिलेगा.

गर्मियों के लिए कंटीजेंसी प्लान

डॉ. कल्ला ने बताया कि गत दो वर्षों में गर्मियों के सीजन में प्रदेश में बेहतर पेयजल प्रबंधन किया गया. इस वर्ष भी गर्मियों के मौसम से पहले ही विभाग ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं. सभी जिला कलेक्टर को 50-50 लाख रुपये की राशि कंटीजेंसी प्लान के तहत स्वीकृत की जा चुकी है. विभाग में अतिरिक्त वाहनों एवं संविदा श्रमिकों की भी स्वीकृत दे दी गयी है.

इन उपलब्धियों का किया जिक्र

जलदाय मंत्री ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष मे अब तक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 2 लाख हैंडपम्पों का मरम्मत कार्य कराये गये हैं. ग्रीष्म काल में राहत के लिए 1 अप्रैल 2020 से अब तक शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में 2074 नये नलकूप एवं नए 4455 हैण्डपम्प चालू किये जा चुके हैं. वर्तमान सरकार द्वारा 290 करोड़ रुपये की राशि से 834 आर ओ प्लांट्स स्वीकृत किए गए हैं. अब तक 2742 सौर उर्जा आधारित संयंत्र स्वीकृत कर इनमें से 1261 स्थापित किये जा चुके हैं. गत दो वर्षों में 223.35 करोड़ रूपये की राशि से 1392 सोलर डीएफयू स्वीकृत किए गए हैं.

सरकार के मौजूदा कार्यकाल में अन्य विशिष्ट कार्य

  • गुणवत्ता प्रभावित बस्तियां को लाभान्वित करने के लिए 934 आर.ओ. प्लाण्ट स्थापित
  • 1288 सौर उर्जा आधारित डी-फ्लोरिडेशन यूनिट स्थापित
  • 5711 नये नलकूप लगाकर चालू किये गये
  • 12607 नये हैण्डपम्प लगाकर चालू किये गये
  • 4.98 लाख खराब हैण्डपम्पों को सुधार कर पुनः चालू किया गया
  • राज्य के सभी 33 जिलों में यंत्रों एवं उपकरणों से सुसज्जित प्रयोगशालाओं के जरिए पेयजल गुणवत्ता की सतत जांच, सर्वेक्षण, नियत्रंण तथा जल स्रोतों के जीवाणु व रासायनिक परीक्षण के कार्य किये जा रहे हैं


विभाग में जल्द भर दिये जायेंगे रिक्त पद

जलदाय मंत्री ने बताया कि विभाग द्वारा हाल ही में चीफ इंजीनियर से लेकर सहायक अभियंता तक के 200 पदों पर पदोन्नति की गई है. साथ ही 312 एईएन पदों की भर्ती के लिए राजस्थान लोक सेवा आयोग तथा 177 जेईएन के पदों पर भर्ती राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से प्रक्रियाधीन है.

जलदाय मंत्री ने की अहम घोषणाएं

बीडी कल्ला ने कहा कि प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए आगामी वर्ष में कुल 10024.18 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया हैं. प्रदेश में वर्ष 2021-22 में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न जलप्रदाय योजनाओं के कार्य कराये जायेंगे. बाड़ी-धौलपुर में उच्च जलाशयों की क्षमता बढ़ाने के लिए, स्रोतों का निर्माण एवं जल वितरण प्रणाली के पुनर्गठन कार्य पर 38 करोड़ रुपये, बाड़मेर शहर में उच्च जलाशयों के निर्माण व नयी पाईप लाईन बिछाने संबंधि कार्य पर 10 करोड़ रुपये, उदयपुर जिले के कानोड, फतहनगर-सनवाड एवं उदयपुर शहर में उच्च जलाशयों का निर्माण, पाईप लाईन बिछाने इत्यादि कार्य पर 35 करोड़ रुपये से काम करवाए जाएंगे.

साथ ही जयपुर शहर के डिग्गी मालपुरा रोड से टोंक रोड के बीच के क्षेत्र एवं सीतापुरा औद्योगिक क्षेत्र में बीसलपुर योजना के अन्तर्गत पेयजल आपूर्ति के लिए 115 करोड़ रुपये, जयपुर शहर में ही सीकर रोड स्थित हरमाडा एवं बढारना क्षेत्र की पेयजल की स्थायी आधारभूत व्यवस्था के लिए पृथ्वीराज नगर के ट्रांसमिशन सिस्टम से पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए 41 करोड़ रुपये, जयपुर जिलें में शाहपुरा एवं विराटनगर में उच्च जलाशय एवं पाईप लाईन के कार्य के लिए 38 करोड़ रुपये, सीकर जिले में सीकर, लोसल एवं नीमकाथाना क्षेत्र में पेयजल योजना के संवर्द्धन कार्य पर 17 करोड़ रुपये, डूंगरपुर के गलियाकोट एवं चितरी-बडगी जल योजना के पुनर्गठन कार्य पर 33 करोड़ रुपये तथा जालोर के भीनमाल में पेयजल समस्या निराकरण के 50 करोड़ रुपये की राशि से कार्य कराए जाएंगे.

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