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राजस्थान: शहरी क्षेत्रों में अवैध खनन रोकने के लिए खनन विभाग लेगा यूडीएच विभाग की मदद - rajasthan news

खनन विभाग राजस्थान के शहरी क्षेत्रों में अवैध खनन की गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए यूडीएच विभाग की मदद लेने जा रहा है. खनन विभाग की हुई समीक्षा बैठक में मंत्री प्रमोद जैन भाया ने इसको लेकर निर्देश दिए हैं.

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राजस्थान: शहरी क्षेत्रों में अवैध खनन रोकने के लिए खनन विभाग लेगा यूडीएच विभाग की मदद
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Published : Jun 27, 2021, 7:39 PM IST

जयपुर. राजस्थान में शहरी क्षेत्रों खासतौर से अजमेर, बीकानेर, जोधपुर, जयपुर और भीलवाड़ा के आसपास जारी अवैध खनन गतिविधियों पर रोक लगाकर वैध खनन के लिए शहरी विकास विभाग के साथ समन्वय बनाते हुए स्थाई हल निकाला जाएगा. रविवार को खनन विभाग की हुई समीक्षा बैठक में मंत्री प्रमोद जैन भाया ने इसको लेकर निर्देश दिए.

पढे़ं: बिजली उपभोक्ताओं को फ्यूल सरचार्ज का झटका देने की तैयारी, भाजपा ने दी चेतावनी

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 22 जून को विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान दिए गए निर्देर्शों के बाद विभाग एक्शन मोड में आ गया है. यही कारण है कि रविवार को भी विभाग के मंत्री और आला अधिकारियों ने समीक्षा बैठक कर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में भी हो रहे अवैध खनन को रोकने की कार्य योजना बनाई. बैठक में मंत्री ने प्रस्तावित खनिज नीति में अन्य वर्गों के आरक्षण के साथ ही युवा टेक्नोक्रेटों की भागीदारी तय करने के प्रावधान करने के निर्देश दे दिए हैं.

उन्होंने बताया कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पिछले शुक्रवार को ही जयपुर में आयोजित बैठक में विस्तार से चर्चा कर कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वयन को कहा गया है. भाया ने बताया कि शहरी क्षेत्र के आसपास के क्षेत्रों में अवैद्य खनन जारी रहने से जहां एक और अवैद्य खनन गतिविधियां जारी है. जिससे सरकार को राजस्व की भी हानि हो रही है. इसके अलावा इन क्षेत्रों में खनन व परिवहन से आमजन को असुविधा हो रही हैं. ऐसे में इन क्षेत्रों को चिन्हित कर इन शहरों के मास्टर प्लान का अध्ययन कर शहरी विकास विभाग के साथ संयुक्त बैठक कर हल खोजा जाएगा.

प्रमोद जैन भाया ने बताया कि केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की स्वीकृति के साथ ही बंशी पहाड़पुर में खनन ब्लाक तैयार कर इनके ऑक्शन की राह प्रशस्त हो गई है. इससे क्षेत्र में वैद्य खनन हो सकेगा. वहीं राम मंदिर के लिए सेंड स्टोन वैध तरीके से खनन के माध्यम से उपलब्ध हो सकेगा. इसी तर्ज पर इस तरह के अन्य क्षेत्रों को चिन्हित कर वन भूमि से डायवर्जन कराने के प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है.

पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक राजस्व प्राप्त हुआ

अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रस्तावित खनिज नीति को अंतिम रुप देने के निर्देश दे दिए गए हैं. वहीं विभाग के पुनर्गठन प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेजे जाएंगे. अग्रवाल ने बताया कि खनन अंवेषण को गति दी जाएगी और नए ब्लाक तैयार कर उनके ई-प्लेटफार्म पर ऑक्शन की तैयारी की जा रही है.

उन्होंने बताया कि पहली बार 8 ब्लाकों का सफल ऑक्शन हुआ है और अन्य ब्लाक तेजी से विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना के बावजूद राज्य में कोरोना प्रोटोकाल की पालना कराते हुए खनन गतिविधियां जारी रखी गई. अप्रैल-मई में 2019 के सामान्य वर्ष के अप्रैल-मई महीने से भी अधिक राजस्व अर्जित किया गया है. उन्होंने बताया कि राजस्व छिजत रोकने और आय बढ़ाने के समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं.

जयपुर. राजस्थान में शहरी क्षेत्रों खासतौर से अजमेर, बीकानेर, जोधपुर, जयपुर और भीलवाड़ा के आसपास जारी अवैध खनन गतिविधियों पर रोक लगाकर वैध खनन के लिए शहरी विकास विभाग के साथ समन्वय बनाते हुए स्थाई हल निकाला जाएगा. रविवार को खनन विभाग की हुई समीक्षा बैठक में मंत्री प्रमोद जैन भाया ने इसको लेकर निर्देश दिए.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 22 जून को विभाग की गतिविधियों की समीक्षा के दौरान दिए गए निर्देर्शों के बाद विभाग एक्शन मोड में आ गया है. यही कारण है कि रविवार को भी विभाग के मंत्री और आला अधिकारियों ने समीक्षा बैठक कर प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में भी हो रहे अवैध खनन को रोकने की कार्य योजना बनाई. बैठक में मंत्री ने प्रस्तावित खनिज नीति में अन्य वर्गों के आरक्षण के साथ ही युवा टेक्नोक्रेटों की भागीदारी तय करने के प्रावधान करने के निर्देश दे दिए हैं.

उन्होंने बताया कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पिछले शुक्रवार को ही जयपुर में आयोजित बैठक में विस्तार से चर्चा कर कार्ययोजना बनाकर क्रियान्वयन को कहा गया है. भाया ने बताया कि शहरी क्षेत्र के आसपास के क्षेत्रों में अवैद्य खनन जारी रहने से जहां एक और अवैद्य खनन गतिविधियां जारी है. जिससे सरकार को राजस्व की भी हानि हो रही है. इसके अलावा इन क्षेत्रों में खनन व परिवहन से आमजन को असुविधा हो रही हैं. ऐसे में इन क्षेत्रों को चिन्हित कर इन शहरों के मास्टर प्लान का अध्ययन कर शहरी विकास विभाग के साथ संयुक्त बैठक कर हल खोजा जाएगा.

प्रमोद जैन भाया ने बताया कि केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की स्वीकृति के साथ ही बंशी पहाड़पुर में खनन ब्लाक तैयार कर इनके ऑक्शन की राह प्रशस्त हो गई है. इससे क्षेत्र में वैद्य खनन हो सकेगा. वहीं राम मंदिर के लिए सेंड स्टोन वैध तरीके से खनन के माध्यम से उपलब्ध हो सकेगा. इसी तर्ज पर इस तरह के अन्य क्षेत्रों को चिन्हित कर वन भूमि से डायवर्जन कराने के प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है.

पिछले साल की तुलना में इस बार अधिक राजस्व प्राप्त हुआ

अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रस्तावित खनिज नीति को अंतिम रुप देने के निर्देश दे दिए गए हैं. वहीं विभाग के पुनर्गठन प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेजे जाएंगे. अग्रवाल ने बताया कि खनन अंवेषण को गति दी जाएगी और नए ब्लाक तैयार कर उनके ई-प्लेटफार्म पर ऑक्शन की तैयारी की जा रही है.

उन्होंने बताया कि पहली बार 8 ब्लाकों का सफल ऑक्शन हुआ है और अन्य ब्लाक तेजी से विकसित करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि कोरोना के बावजूद राज्य में कोरोना प्रोटोकाल की पालना कराते हुए खनन गतिविधियां जारी रखी गई. अप्रैल-मई में 2019 के सामान्य वर्ष के अप्रैल-मई महीने से भी अधिक राजस्व अर्जित किया गया है. उन्होंने बताया कि राजस्व छिजत रोकने और आय बढ़ाने के समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं.

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