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कोरोना संक्रमण के चलते खनिज विभाग के राजस्व में आई कमी, अब तक 114 करोड़ 88 लाख का हुआ नुकसान

कोरोना संक्रमण के चलते खनिज विभाग के राजस्व में इस साल काफी कमी आई है. पिछले साल के मुकाबले खनन विभाग को इस साल 114.88 करोड़ का नुकसान हुआ है. विभाग को उम्मीद है कि नवंबर तक राजस्व में आई कमी को बराबरी में ला लिया जाएगा.

Mineral department revenue decreased
कोरोना संक्रमण के चलते आई खनिज विभाग के राजस्व में कमी
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Published : Sep 24, 2020, 4:40 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार यह बोल रहे हैं कि कोरोना संक्रमण के चलते राजस्थान में राजस्व में बड़ी कमी आई है. हालांकि अब धीरे-धीरे चीजें कंट्रोल में आ रही हैं, लेकिन सबसे पहले तो लॉकडाउन का घाटा दूर करने में सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.

बात करें सरकार को रेवेन्यू देने वाले खनन विभाग की तो खनन विभाग को अकेले अप्रैल महीने में ही 213 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. अप्रैल 2019-2020 में सरकार को 251.23 करोड़ रुपए राजस्व के तौर पर मिले थे, तो इस साल अप्रैल महीने में महज 37.43 करोड़ रुपए राजस्व के मिले हैं. जो 85.10% कम थे. इसी तरीके से मई महीने में भी सरकार को पिछले साल की तुलना में 139.65 करोड़ रुपए का राजस्व हानि का सामना करना पड़ा.

कोरोना संक्रमण के चलते आई खनिज विभाग के राजस्व में कमी

नवंबर तक स्थिति नियंत्रण में होगी

मई 2019-2020 में 355.08 करोड़ का रेवेन्यू था. जो इस बार मई में 215.43 करोड़ रह गया. हालांकि कोरोना की वजह से बंद हुआ खनन काम जून-जुलाई से पटरी पर लौटने लगा है. अब विभाग को उम्मीद है कि नवंबर तक राजस्व में आई कमी को बराबरी में ले आया जाएगा. जून 2019-2020 के मुकाबले 2020-2021 जून में विभाग को 19.49 करोड़ रुपए ज्यादा राजस्व के तौर पर सरकार को मिले.

दरअसल, जून 2019- 2020 में सरकार को 341.01 करोड़ राजस्व मिला था, जबकि इस साल जून में यह राजस्व बढ़कर 360.50 करोड़ हो गया और जुलाई महीने में बीते साल की तुलना में बात करें, तो इस साल जुलाई में 89 करोड़ 59 लाख रुपए की राजस्व में बढ़ोतरी हुई है. साल 2019- 20 में सरकार को जुलाई महीने में 347.47 करोड़ रुपए राजस्व के तौर पर मिले थे, जबकि इस बार जुलाई में यह राजस्व बढ़कर 436.86 करोड़ हो गया है.

यह भी पढ़ें: Exclusive : कोविड के उपचार के लिए शुरू हो Online सेवाएं, राजनीतिक कार्यक्रमों पर लगे प्रतिबंध : अशोक लाहोटी

इसी तरह अगस्त 2019-2020 की बात की जाए, तो 326.11 करोड़ रुपए राजस्व के तौर पर मिले थे, जबकि इस साल अगस्त में 379.99 करोड रुपए राजस्व अर्जित किया है. जो बीते साल से 16.52% और 53.88 करोड़ ज्यादा रहा. इसी तरह सितंबर में भी विभाग को रेवेन्यू के लिहाज से बेहतरीन माना जा सकता है, क्योंकि 2019-20 में सितंबर 2020 तक 228.94 करोड़ का राजस्व मिला था, जो इस बार 20 सितंबर तक 304.55 करोड़ हो चुका है. जो बीते साल से 33.3 प्रतिशत और 75.61 करोड़ रुपये अधिक है.

114.88 करोड़ रुपए की राजस्व हानि

इसी तरह से साल 2019-20 की बात की जाए, तो अप्रैल से सितंबर तक का राजस्व 1849.64 करोड़ रुपए प्राप्त हुआ था, जबकि अप्रैल से लेकर सितंबर 2020-2021 की बात की जाए तो यह राजस्व 1734.76 करोड़ रुपए अर्जित हुआ है. इस तरीके से अभी भी राजस्व में विभाग को 114.88 करोड़ रुपए की राजस्व हानि हो रही है. जो बीते साल से 6.21% कम है. खनन गतिविधियां फिर से पटरी पर लौटने के बाद खनन विभाग को उम्मीद है कि नवंबर महीने में वह अपना राजस्व पिछले साल के बराबर ले आएगा.

एक तरफ तो कोरोना के चलते विभाग के राजस्व में कमी आई है. वहीं दूसरी तरफ खनिज विभाग की अप्रधान खनिजों की रॉयल्टी वसूली के ठेके जो विभाग की आय का एक प्रमुख स्रोत है, उनमें भी 110 ठेकों की ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई है. लेकिन दिक्कत यह है कि अब तक इन ठेकों में लोग रुचि नहीं दिखा रहे हैं.

यह भी पढ़ें: श्रीगंगानगर: एसीबी ने रिश्वत लेते आयुर्वेद विभाग के अधिकारी को दबोचा

हालांकि विभाग के एसीएस सुबोध अग्रवाल का कहना है कि एक बार में नहीं, तो दो या तीन बार में भी अगर इन ठेकों की नीलामी हो जाती है, तो भी विभाग इसके लिए तैयार है. विभाग के पास कुल 197 आरसीसी/इ आरसीसी ठेके हैं. इनमें से 54 ठेके वर्तमान में प्रभावशील है. वहीं 110 ठेकों की नीलामी के लिए विज्ञप्ति निकाली जा चुकी है.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार यह बोल रहे हैं कि कोरोना संक्रमण के चलते राजस्थान में राजस्व में बड़ी कमी आई है. हालांकि अब धीरे-धीरे चीजें कंट्रोल में आ रही हैं, लेकिन सबसे पहले तो लॉकडाउन का घाटा दूर करने में सरकार को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा.

बात करें सरकार को रेवेन्यू देने वाले खनन विभाग की तो खनन विभाग को अकेले अप्रैल महीने में ही 213 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है. अप्रैल 2019-2020 में सरकार को 251.23 करोड़ रुपए राजस्व के तौर पर मिले थे, तो इस साल अप्रैल महीने में महज 37.43 करोड़ रुपए राजस्व के मिले हैं. जो 85.10% कम थे. इसी तरीके से मई महीने में भी सरकार को पिछले साल की तुलना में 139.65 करोड़ रुपए का राजस्व हानि का सामना करना पड़ा.

कोरोना संक्रमण के चलते आई खनिज विभाग के राजस्व में कमी

नवंबर तक स्थिति नियंत्रण में होगी

मई 2019-2020 में 355.08 करोड़ का रेवेन्यू था. जो इस बार मई में 215.43 करोड़ रह गया. हालांकि कोरोना की वजह से बंद हुआ खनन काम जून-जुलाई से पटरी पर लौटने लगा है. अब विभाग को उम्मीद है कि नवंबर तक राजस्व में आई कमी को बराबरी में ले आया जाएगा. जून 2019-2020 के मुकाबले 2020-2021 जून में विभाग को 19.49 करोड़ रुपए ज्यादा राजस्व के तौर पर सरकार को मिले.

दरअसल, जून 2019- 2020 में सरकार को 341.01 करोड़ राजस्व मिला था, जबकि इस साल जून में यह राजस्व बढ़कर 360.50 करोड़ हो गया और जुलाई महीने में बीते साल की तुलना में बात करें, तो इस साल जुलाई में 89 करोड़ 59 लाख रुपए की राजस्व में बढ़ोतरी हुई है. साल 2019- 20 में सरकार को जुलाई महीने में 347.47 करोड़ रुपए राजस्व के तौर पर मिले थे, जबकि इस बार जुलाई में यह राजस्व बढ़कर 436.86 करोड़ हो गया है.

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इसी तरह अगस्त 2019-2020 की बात की जाए, तो 326.11 करोड़ रुपए राजस्व के तौर पर मिले थे, जबकि इस साल अगस्त में 379.99 करोड रुपए राजस्व अर्जित किया है. जो बीते साल से 16.52% और 53.88 करोड़ ज्यादा रहा. इसी तरह सितंबर में भी विभाग को रेवेन्यू के लिहाज से बेहतरीन माना जा सकता है, क्योंकि 2019-20 में सितंबर 2020 तक 228.94 करोड़ का राजस्व मिला था, जो इस बार 20 सितंबर तक 304.55 करोड़ हो चुका है. जो बीते साल से 33.3 प्रतिशत और 75.61 करोड़ रुपये अधिक है.

114.88 करोड़ रुपए की राजस्व हानि

इसी तरह से साल 2019-20 की बात की जाए, तो अप्रैल से सितंबर तक का राजस्व 1849.64 करोड़ रुपए प्राप्त हुआ था, जबकि अप्रैल से लेकर सितंबर 2020-2021 की बात की जाए तो यह राजस्व 1734.76 करोड़ रुपए अर्जित हुआ है. इस तरीके से अभी भी राजस्व में विभाग को 114.88 करोड़ रुपए की राजस्व हानि हो रही है. जो बीते साल से 6.21% कम है. खनन गतिविधियां फिर से पटरी पर लौटने के बाद खनन विभाग को उम्मीद है कि नवंबर महीने में वह अपना राजस्व पिछले साल के बराबर ले आएगा.

एक तरफ तो कोरोना के चलते विभाग के राजस्व में कमी आई है. वहीं दूसरी तरफ खनिज विभाग की अप्रधान खनिजों की रॉयल्टी वसूली के ठेके जो विभाग की आय का एक प्रमुख स्रोत है, उनमें भी 110 ठेकों की ई-नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई है. लेकिन दिक्कत यह है कि अब तक इन ठेकों में लोग रुचि नहीं दिखा रहे हैं.

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हालांकि विभाग के एसीएस सुबोध अग्रवाल का कहना है कि एक बार में नहीं, तो दो या तीन बार में भी अगर इन ठेकों की नीलामी हो जाती है, तो भी विभाग इसके लिए तैयार है. विभाग के पास कुल 197 आरसीसी/इ आरसीसी ठेके हैं. इनमें से 54 ठेके वर्तमान में प्रभावशील है. वहीं 110 ठेकों की नीलामी के लिए विज्ञप्ति निकाली जा चुकी है.

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