जयपुर. प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने का सिलसिला लगातार जारी है. जयपुर में फंसे उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई गईं. जयपुर से उत्तर प्रदेश बलिया के लिए एक विशेष ट्रेन चलाई गई. जयपुर स्टेशन से मंगलवार करीब 1440 प्रवासी मजदूरों को ट्रेन में बैठाकर उनके गांव रवाना किया गया.
जयपुर में फंसे इन प्रवासी मजदूरों को उनके गांव भेजने के लिए जिला प्रशासन की ओर से लिस्ट तैयार की गई है. जिनके मुताबिक मजदूरों को सूचना देकर ट्रेनों से रवाना किया गया है. मजदूरों को ट्रेनों में बैठाते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया. मास्क लगाने पर ही मजदूरों को ट्रेनों के अंदर अनुमति दी गई. साथ ही सभी मजदूरों को सैनिटाइज करने के बाद ही ट्रेनों में बैठाया गया. ट्रेनों में बैठाने से पहले सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग की गई. जयपुर रेलवे स्टेशन से 12, 14, 16 और 18 मई को उत्तर प्रदेश के मजदूरों को भेजने लिए विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं.
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अतिरिक्त जिला कलेक्टर चतुर्थ अशोक कुमार ने बताया कि उत्तर प्रदेश के मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए ट्रेनों की अनुमति दी गई है. ये ट्रेनें 12 मई से शुरू होकर 18 मई तक चलनी हैं. ये ट्रेनें कुछ विशेष जगह के लिए चलाई जाएंगी और उन विशेष जगह के आस-पास रहने वाले मजदूरों को ही इन ट्रेनों में भेजा जाएगा. अशोक कुमार ने विशेष आग्रह किया है कि जिन मजदूरों को जिला प्रशासन की ओर से फोन या मैसेज किया जाए, केवल वो ही रेलवे स्टेशन आए.
उन्होंने कहा कि यूपी के बाद उड़ीसा, बिहार और पश्चिम बंगाल के लिए भी ट्रेनों की अनुमति पेंडिंग है. यहां के लिए भी ट्रेनों की अनुमति जल्द मिल जाएगी. उन ट्रेनों की समय सारिणी बाद में जारी की जाएगी. 14 मई को जयपुर से गोरखपुर के लिए विशेष ट्रेन चलाई जाएंगी. इसमें गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया और महाराजगंज के मजदूर भेजे जाएंगे.
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वहीं 16 मई को जयपुर से कानपुर के लिए विशेष ट्रेन मजदूरों के लिए भेजी जाएगी. इस ट्रेन में फर्रुखाबाद, औरैया, इटावा, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर के मजदूरों को उनके घर भेजा जाएगा. इसी प्रकार 18 मई को जयपुर से लखनऊ विशेष ट्रेन भेजी जाएगी। इस ट्रेन में हरदोई, लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव और खेरी के मजदूरों को उनके घर भेजा जाएगा.
जिला प्रशासन की ओर से मजदूरों के लिए ट्रेनों में खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई है. साथ ही इनको ट्रेनों से रवाना करने से पहले इनकी स्क्रीनिंग भी की जा रही है. अगर मजदूरों के पास मास्क नहीं होंगे तो उन्हें मास्क भी दिए जाएंगे और सैनिटाइजर भी दिए जाएंगे. सफर के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की भी पूरी तरह से पालना की जाएगी.