जयपुर. पाकिस्तानी हैंडलिंग एजेंसी को सीमावर्ती क्षेत्रों की सामरिक महत्व की जानकारी और सेना के मूवमेंट से जुड़ी हुई जानकारी मुहैया कराने के आरोप में गिरफ्तार किए गए पाकिस्तानी जासूस मुस्ताक अली के एक अन्य सहयोगी मीरा खान को मंगलवार को राजस्थान इंटेलिजेंस ने बाड़मेर के चौहटन से गिरफ्तार किया है. आरोपी मीरा खान को शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत गिरफ्तार करने के बाद पूछताछ की जा रही है. आरोपी मीरा खान पाकिस्तान में तीन महीने रुकने के बाद वापस भारत लौटा है और लगातार पाकिस्तानी जासूस मुस्ताक अली से संपर्क में है.
राजस्थानी इंटेलिजेंस की ओर से गत दिनों पहले बाड़मेर से गिरफ्तार किए गए पाकिस्तानी जासूस मुस्ताक अली की ओर से पाकिस्तानी हैंडलिंग एजेंसी के अधिकारियों को सीमावर्ती क्षेत्र की सामरिक महत्व और सेना के मूवमेंट से जुड़ी हुई जानकारी उपलब्ध कराने की एवज में जो धनराशि, मिठाई और अन्य सामान उपलब्ध करवाया जाता था, वह मीरा खान के जरिए करवाया जाता. जिस पर मंगलवार को राजस्थान इंटेलिजेंस की ओर से बाड़मेर से मीरा खान को गिरफ्तार किया गया है.
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प्रारंभिक पूछताछ में इस बात का खुलासा हुआ है कि मुस्ताक अली और मीरा खान नवंबर 2018 में पाकिस्तान गए थे और कुछ समय तक साथ रहे थे. दिसंबर 2019 में पाकिस्तानी हैंडलिंग एजेंसी के अधिकारियों से मिलकर मुस्ताक अली वापस भारत आ गया और सीमावर्ती क्षेत्र की सामरिक महत्व की सूचनाएं व्हाट्सएप के जरिए पाकिस्तान भेजने लगा.
फरवरी 2019 में पाकिस्तानी खुफिया एजेंटों की ओर से मुस्ताक अली के बैंक खाते और भारतीय मुद्रा में नगद भुगतान मीरा खान के जरिए प्राप्त होने लगा. मीरा खान 3 महीने पाकिस्तान में रुकने के बाद 9 फरवरी 2019 को वापस भारत लौट आया और तब से मुस्ताक अली के संपर्क में है.
पूछताछ में चौंकाने वाला खुलासा
राजस्थान इंटेलिजेंस की ओर से पाकिस्तानी जासूस मुस्ताक अली और मीरा खान से लगातार पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि पाकिस्तानी हैंडलिंग एजेंसी के अधिकारियों की ओर से पाकिस्तानी जासूस मुस्ताक अली से 14 फरवरी 2019 को पुलवामा आतंकी हमले और 26 फरवरी को बालाकोट स्ट्राइक से पहले जैसलमेर व बाड़मेर सीमा क्षेत्र की सैन्य गतिविधियों, मूवमेंट तथा डिप्लॉयमेंट संबंधित सूचनाएं मांगी गई. यह तमाम सूचनाएं मुस्ताक अली की ओर से व्हाट्सएप के जरिए पाकिस्तानी हैंडलिंग एजेंसी के अधिकारियों को उपलब्ध करवाई गई. इसकी एवज में मुस्ताक अली को धनराशि और अन्य सामान भेजा गया.