जयपुर. देश और दुनिया में कोरोना का कहर बरप रहा है. डब्ल्यूएचओ कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर चुका है, लेकिन जयपुर नगर निगम के अधिकारी इसे लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं. यही नहीं निगम प्रशासन खुद कोरोना जैसे संक्रमण को पनपाने पर तुला है. निगम को ना अपने सफाई कर्मचारियों की परवाह है, और ना ही लोगों के स्वास्थ्य की.
सफाईकर्मियों के लिए नहीं कोई व्यवस्था
कोरोना वायरस को लेकर सुबह के मुख्यमंत्री जितना गंभीर है, शायद उतने गंभीर उनके अफसर नहीं. इसका अंदाजा जयपुर नगर निगम प्रशासन और इस प्रशासन से जुड़े सफाई कर्मचारियों को देखकर लगाया जा सकता है. दरअसल शहर में 865 रोड साइड कचरा डिपो और 4 डंपिंग स्टेशन मौजूद हैं, लेकिन यहां जो सफाई कर्मचारी कचरा उठाने का काम कर रहे हैं, उनमें से अधिकतर को ना तो कोरोना वायरस के बारे में पता, और ना ही उन्हें संक्रमण से बचने के लिए उपयुक्त संसाधन मुहैया कराए गए हैं.
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कचरे में बायो मेडिकल वेस्ट भी शामिल
यहां सफाई कर्मचारी बिना मास्क, दस्ताने, सैनिटेशन और बिना आइसोलेशन के कचरा उठाने और सैग्रीगेशन के काम में लगे हुए हैं. वहीं इस कचरे में बायो वेस्ट और मेडिकल वेस्ट भी मिल रहा है. जिससे इन सफाई कर्मचारियों को संक्रमण का खतरा और बढ़ गया है, लेकिन इस महामारी के बावजूद निगम प्रशासन ने उदासीन रवैया अपना रखा है.
इसे लेकर सफाई कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने निगम प्रशासन को सुरक्षा संसाधन उपलब्ध कराने के लिए भी लिखा है. यही नहीं कर्मचारियों के मेडिकल चेकअप की भी मांग की है, लेकिन प्रशासन से अब तक कोई जवाब नहीं मिला है. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि सरकार ने स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघर बंद करने के तो निर्देश दे दिए, लेकिन सफाई कर्मचारियों के लिए सैनिटाइजर, मास्क, दस्ताने यहां तक की हाथ धोने के लिए साबुन तक की व्यवस्था नहीं की है और ना ही बायो वेस्ट और मेडिकल वेस्ट के लिए कोई गाइडलाइन जारी की है. ऐसे में उन्होंने उचित व्यवस्था नहीं किए जाने पर कार्य बहिष्कार की भी चेतावनी दी है.