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शिकायत के बावजूद 3 मंजिला तक हो गया निर्माण, मेयर ने की सीज की कार्रवाई...जाते ही दोबारा शुरू हो गया निर्माण

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Published : Jan 1, 2021, 11:02 PM IST

Updated : Jan 2, 2021, 8:56 AM IST

ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करते हुए अवैध निर्माण किए जा रहे हैं. जिसे लेकर शुक्रवार को अवैध निर्माण को रुकवाने के लिए मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर पहुंची. इस निर्माण में अधिकारियों की मिलीभगत का मामला भी सामने आया. यहां मेयर ने सामान जब्त करते हुए बिल्डिंग को सीज करने के निर्देश दिए. हालांकि मेयर का काफिला रवाना होने के साथ ही यहां निर्माण कार्य दोबारा शुरू कर दिया गया.

जयपुर की ताजा हिंदी खबरें, Building Bylaws Violation
अवैध निर्माण को रोकने पहुंची मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर

जयपुर. ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करते हुए अवैध निर्माण किए जा रहे हैं. उन्हीं में से एक मानसरोवर स्वर्ण पथ पर किए जा रहे अवैध निर्माण को शुक्रवार को मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर रुकवाने पहुंचीं. इस निर्माण में अधिकारियों की मिलीभगत का मामला भी सामने आया. यहां मेयर ने सामान जब्त करते हुए बिल्डिंग को सीज करने के निर्देश दिए. हालांकि मेयर का काफिला रवाना होने के साथ ही यहां निर्माण कार्य दोबारा शुरू कर दिया गया.

अवैध निर्माण को रोकने पहुंची मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर

जयपुर के मानसरोवर स्थित स्वर्ण पथ पर किए जा रहे अवैध निर्माण को रुकवाने के लिए स्थानीय लोगों ने निगम मुख्यालय और पुलिस थाने में कई बार शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. मामले में कोर्ट ने भी निगम को आदेश दिए कि निर्माणकर्ता बिल्डिंग बायलॉज की पालना करते हुए निर्माण करें. निगम बायलॉज की अवहेलना ना करने दें. बावजूद इसके अवैध निर्माण कार्य जारी रहा. जिस पर कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को मेयर सौम्या गुर्जर मौके पर पहुंची और अवैध निर्माण कार्य को रुकवाया. साथ ही जोन उपायुक्त की क्लास भी ली.

मेयर ने कहा कि मानसरोवर जोन क्षेत्र से लगातार अवैध निर्माणों की शिकायत मिल रही है. ऐसे में जोन उपायुक्त से रिपोर्ट मंगवाई गई है. स्वर्ण पथ पर किए जा रहे अवैध निर्माण को लेकर रिपोर्ट दी गई कि यहां काम बंद है, लेकिन मौके पर काम चलता मिला. उन्होंने बताया कि जब शिकायत की गई थी, उस वक्त यहां महज 1 मंजिला निर्माण हुआ था, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते शिकायत के बावजूद यहां 3 मंजिला इमारत खड़ी हो गई. और अब अधिकारियों से सभी निर्माणाधीन इमारतों की सूची मंगवाई गई है. और कहीं भी अधिकारियों की संलिप्तता पाई जाती है, तो उन पर कार्रवाई भी की जाएगी.

पढ़ें- युवाओं की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार प्रतिबद्ध: अशोक गहलोत

उधर, शिकायतकर्ता राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि अक्टूबर से लेकर अब तक निगम की ओर से महज खानापूर्ति की गई है. और अधिकारी ने अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के बजाय उनके घर पर कार्रवाई का नोटिस दे दिया. बहरहाल, मौके पर पहुंची मेयर सौम्या गुर्जर ने काम रुकवाने, सामान जब्त करने और बिल्डिंग को सीज करने के भी निर्देश दिए. लेकिन निर्माणकर्ता ने मेयर के जाने के साथ ही दोबारा निर्माण कार्य शुरू कर दिया.

जयपुर. ग्रेटर नगर निगम क्षेत्र में बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन करते हुए अवैध निर्माण किए जा रहे हैं. उन्हीं में से एक मानसरोवर स्वर्ण पथ पर किए जा रहे अवैध निर्माण को शुक्रवार को मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर रुकवाने पहुंचीं. इस निर्माण में अधिकारियों की मिलीभगत का मामला भी सामने आया. यहां मेयर ने सामान जब्त करते हुए बिल्डिंग को सीज करने के निर्देश दिए. हालांकि मेयर का काफिला रवाना होने के साथ ही यहां निर्माण कार्य दोबारा शुरू कर दिया गया.

अवैध निर्माण को रोकने पहुंची मेयर डॉ. सौम्या गुर्जर

जयपुर के मानसरोवर स्थित स्वर्ण पथ पर किए जा रहे अवैध निर्माण को रुकवाने के लिए स्थानीय लोगों ने निगम मुख्यालय और पुलिस थाने में कई बार शिकायत की, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. मामले में कोर्ट ने भी निगम को आदेश दिए कि निर्माणकर्ता बिल्डिंग बायलॉज की पालना करते हुए निर्माण करें. निगम बायलॉज की अवहेलना ना करने दें. बावजूद इसके अवैध निर्माण कार्य जारी रहा. जिस पर कार्रवाई करते हुए शुक्रवार को मेयर सौम्या गुर्जर मौके पर पहुंची और अवैध निर्माण कार्य को रुकवाया. साथ ही जोन उपायुक्त की क्लास भी ली.

मेयर ने कहा कि मानसरोवर जोन क्षेत्र से लगातार अवैध निर्माणों की शिकायत मिल रही है. ऐसे में जोन उपायुक्त से रिपोर्ट मंगवाई गई है. स्वर्ण पथ पर किए जा रहे अवैध निर्माण को लेकर रिपोर्ट दी गई कि यहां काम बंद है, लेकिन मौके पर काम चलता मिला. उन्होंने बताया कि जब शिकायत की गई थी, उस वक्त यहां महज 1 मंजिला निर्माण हुआ था, लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते शिकायत के बावजूद यहां 3 मंजिला इमारत खड़ी हो गई. और अब अधिकारियों से सभी निर्माणाधीन इमारतों की सूची मंगवाई गई है. और कहीं भी अधिकारियों की संलिप्तता पाई जाती है, तो उन पर कार्रवाई भी की जाएगी.

पढ़ें- युवाओं की समस्याओं के समाधान के लिए सरकार प्रतिबद्ध: अशोक गहलोत

उधर, शिकायतकर्ता राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि अक्टूबर से लेकर अब तक निगम की ओर से महज खानापूर्ति की गई है. और अधिकारी ने अवैध निर्माण पर कार्रवाई करने के बजाय उनके घर पर कार्रवाई का नोटिस दे दिया. बहरहाल, मौके पर पहुंची मेयर सौम्या गुर्जर ने काम रुकवाने, सामान जब्त करने और बिल्डिंग को सीज करने के भी निर्देश दिए. लेकिन निर्माणकर्ता ने मेयर के जाने के साथ ही दोबारा निर्माण कार्य शुरू कर दिया.

Last Updated : Jan 2, 2021, 8:56 AM IST
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