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विधानसभा में उठा नागौर के आवासन मंडल में अनियमितता का मामला - jaipur news

राजस्थान विधानसभा में विधायक राम मोहन चौधरी ने नागौर में आवासन मंडल के ओर से निर्मित भवनों अनियमितता मामला उठाया, जिस पर नगरीय विकास और आवासन मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल ने कहा कि निर्मित भवनों को ठीक कराये जाने के उपरान्त ही आवंटन पत्र जारी कर कब्जा दिया जायेगा.

जयपुर न्यूज, jaipur news
दुरुस्तीकरण उपरांत ही जारी किए जाएंगे आवंटन - नगरीय विकास मंत्री
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Published : Mar 12, 2020, 11:13 PM IST

जयपुर. नागौर में आवासन मंडल के ओर से निर्मित भवनों अनियमितता मामला विधायक राम मोहन चौधरी सदन में उठाया. सवाल का जवाब देते हुए नगरीय विकास और आवासन मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल ने कहा कि नागौर में राजस्थान आवासन मण्डल की डॉ. भीमराव अम्बेडकर आवासीय योजना के तहत निर्मित भवनों को ठीक कराये जाने के उपरान्त ही आवंटन पत्र जारी कर कब्जा दिया जायेगा.

शान्ति कुमार धारीवाल प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि नागौर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर आवासीय कॉलोनी के 108 भवनों में से कुल 78 भवन एमआईजी ए में, 23 भवन एमआईजी बी में और 7 भवन एचआईजी में पंजीकृत हुये थे.

दुरुस्तीकरण उपरांत ही जारी किए जाएंगे आवंटन - नगरीय विकास मंत्री

योजना के तहत 80 आवेदकों द्वारा राशि जमा कराने के बाद 27 आवेदकों द्वारा राशि वापस ले ली गई. योजना में 42 आवेदकों को आवास आवंटित किये गये और 11 आवेदकों के आवंटन निरस्त हो गये. शेष आवेदकों को बुधवार नीलामी उत्सव में राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत 50 प्रतिशत छूट पर नीलामी के माध्यम से आवास आवंटित किये जायेंगे.

पढ़ें- जयपुरः आत्महत्या के लिए उकसाने वाले अभियुक्त को 10 साल की सजा

उन्होंने कहा कि योजना के 108 आवासों की जांच थर्ड पार्टी द्वारा की गई और उसकी रिपोर्ट के अनुसार मुख्यत चार कमियां बताई गई थी, जिसमें आवासों में प्लास्टर की गुणवत्ता उचित नहीं होना, आरसीसी में कुछ स्थानों पर हनीकाम्बिंग होना, पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होना तथा गुमटी की छत मेें कमी शामिल है. उन्होंने कहा कि जांच में सभी आवास स्ट्रक्चरल दृष्टि से सुरक्षित पाये गये और निर्माण कार्य की गुणवत्ता को सामान्य रूप से संतोषजनक बताया गया.

जिन भवनों के निर्माण में कमियां थी, उनको कब्जा देने से पहले ठीक करवाया जाएगा और इसमें 36 लाख रुपये व्यय हाेंगे. उन्होंने बताया कि यह व्यय भी कॉन्ट्रैक्टर से वसूल किया जाएगा.

पढ़ें- जयपुरः आत्महत्या के लिए उकसाने वाले अभियुक्त को 10 साल की सजा

दरअसल विधायक मोहन राम चौधरी के मूूल प्रश्न के जवाब में धारीवाल ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा ‘आपका जिला आपकी सरकार’ अभियान के दौरान राजस्थान आवासन मण्डल की नागौर स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर योजना का निरीक्षण 29 अक्टूबर 2015 को किया जाकर निर्माण कार्य की जांच स्वतंत्र थर्ड पार्टी की ओर से करवाये जाने के लिए निर्देशित किया गया और इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा 4 नवम्बर, 2015 को आदेश जारी किए गए.

उन्होंने बताया कि आवासन मण्डल द्वारा राज्य सरकार के आदेशों की पालना में निर्माणाधीन 108 आवासों की गुणवत्ता की स्वतंत्र थर्ड पार्टी से निरीक्षण एवं परामर्श हेतु भारत सरकार के उपक्रम सर्टिफिकेशन इंजिनियर्स इंटरनेशनल लि. नवी मुम्बई को कार्यादेश 22 जुलाई, 2016 को जारी किये गये.

धारीवाल ने बताया कि आवासीय कॉलोनी के 108 आवासों के निर्माण में कमियां पाई गई थी, इनमें से 42 आवासों का आवंटन लॉटरी के द्वारा मूल आवेदकों को किया गया है. इन आवासों के निर्माण में पाई गई कमियों को दुरस्त करवाये जाने के उपरान्त ही आवंटन पत्र जारी किये जायेंगे, जिससे इनमें रहने वाले किसी भी रहवासी को आवास के निर्माण की वजह से कोई हानि न हो. उल्लेखनीय है कि उपरोक्त सभी आवास अभी भी निर्माणाधीन है और इनका कब्जा नहीं दिया गया है. समस्त तरह की कमी-पूर्ति के उपरान्त ही कब्जा दिया जायेगा, अतः इसके लिये कोई भी जिम्मेदार नहीं है.

जयपुर. नागौर में आवासन मंडल के ओर से निर्मित भवनों अनियमितता मामला विधायक राम मोहन चौधरी सदन में उठाया. सवाल का जवाब देते हुए नगरीय विकास और आवासन मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल ने कहा कि नागौर में राजस्थान आवासन मण्डल की डॉ. भीमराव अम्बेडकर आवासीय योजना के तहत निर्मित भवनों को ठीक कराये जाने के उपरान्त ही आवंटन पत्र जारी कर कब्जा दिया जायेगा.

शान्ति कुमार धारीवाल प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे गये पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि नागौर में डॉ. भीमराव अम्बेडकर आवासीय कॉलोनी के 108 भवनों में से कुल 78 भवन एमआईजी ए में, 23 भवन एमआईजी बी में और 7 भवन एचआईजी में पंजीकृत हुये थे.

दुरुस्तीकरण उपरांत ही जारी किए जाएंगे आवंटन - नगरीय विकास मंत्री

योजना के तहत 80 आवेदकों द्वारा राशि जमा कराने के बाद 27 आवेदकों द्वारा राशि वापस ले ली गई. योजना में 42 आवेदकों को आवास आवंटित किये गये और 11 आवेदकों के आवंटन निरस्त हो गये. शेष आवेदकों को बुधवार नीलामी उत्सव में राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत 50 प्रतिशत छूट पर नीलामी के माध्यम से आवास आवंटित किये जायेंगे.

पढ़ें- जयपुरः आत्महत्या के लिए उकसाने वाले अभियुक्त को 10 साल की सजा

उन्होंने कहा कि योजना के 108 आवासों की जांच थर्ड पार्टी द्वारा की गई और उसकी रिपोर्ट के अनुसार मुख्यत चार कमियां बताई गई थी, जिसमें आवासों में प्लास्टर की गुणवत्ता उचित नहीं होना, आरसीसी में कुछ स्थानों पर हनीकाम्बिंग होना, पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होना तथा गुमटी की छत मेें कमी शामिल है. उन्होंने कहा कि जांच में सभी आवास स्ट्रक्चरल दृष्टि से सुरक्षित पाये गये और निर्माण कार्य की गुणवत्ता को सामान्य रूप से संतोषजनक बताया गया.

जिन भवनों के निर्माण में कमियां थी, उनको कब्जा देने से पहले ठीक करवाया जाएगा और इसमें 36 लाख रुपये व्यय हाेंगे. उन्होंने बताया कि यह व्यय भी कॉन्ट्रैक्टर से वसूल किया जाएगा.

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दरअसल विधायक मोहन राम चौधरी के मूूल प्रश्न के जवाब में धारीवाल ने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा ‘आपका जिला आपकी सरकार’ अभियान के दौरान राजस्थान आवासन मण्डल की नागौर स्थित डॉ. भीमराव अम्बेडकर योजना का निरीक्षण 29 अक्टूबर 2015 को किया जाकर निर्माण कार्य की जांच स्वतंत्र थर्ड पार्टी की ओर से करवाये जाने के लिए निर्देशित किया गया और इस सम्बन्ध में राज्य सरकार द्वारा 4 नवम्बर, 2015 को आदेश जारी किए गए.

उन्होंने बताया कि आवासन मण्डल द्वारा राज्य सरकार के आदेशों की पालना में निर्माणाधीन 108 आवासों की गुणवत्ता की स्वतंत्र थर्ड पार्टी से निरीक्षण एवं परामर्श हेतु भारत सरकार के उपक्रम सर्टिफिकेशन इंजिनियर्स इंटरनेशनल लि. नवी मुम्बई को कार्यादेश 22 जुलाई, 2016 को जारी किये गये.

धारीवाल ने बताया कि आवासीय कॉलोनी के 108 आवासों के निर्माण में कमियां पाई गई थी, इनमें से 42 आवासों का आवंटन लॉटरी के द्वारा मूल आवेदकों को किया गया है. इन आवासों के निर्माण में पाई गई कमियों को दुरस्त करवाये जाने के उपरान्त ही आवंटन पत्र जारी किये जायेंगे, जिससे इनमें रहने वाले किसी भी रहवासी को आवास के निर्माण की वजह से कोई हानि न हो. उल्लेखनीय है कि उपरोक्त सभी आवास अभी भी निर्माणाधीन है और इनका कब्जा नहीं दिया गया है. समस्त तरह की कमी-पूर्ति के उपरान्त ही कब्जा दिया जायेगा, अतः इसके लिये कोई भी जिम्मेदार नहीं है.

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