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स्वच्छता सर्वेक्षण की तैयारी, इस बार 6000 अंक की मार्कशीट, पिछली दफा जयपुर खुद रह गया पीछे - Cleanliness Survey 2018

स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में जयपुर 39वें पायदान पर था, लेकिन 2019 में जयपुर 5 पायदान फिसल गया. इसकी बड़ी वजह SLP यानि सर्विस लेवल प्रोग्रेस और गार्बेज फ्री सिटी सर्टिफिकेशन है. लेकिन इस बार चुनौती बड़ी है. केंद्र ने फेज वाइज अंकों का निर्धारण किया है और आखिर में स्वच्छता सर्वेक्षण की मार्कशीट 6000 अंकों की बननी है.

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स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में बनेगी 6000 अंकों की मार्कशीट
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Published : Dec 11, 2019, 3:13 PM IST

जयपुर. जयपुर नगर निगम प्रशासन स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की तैयारियों में जुटा हुआ है. स्वच्छता सर्वे में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए निगम आईईसी एक्टिविटी के तहत कार्यशाला, जागरूकता अभियान और विज्ञापन भी कर रहा है. हालांकि पिछली दफा दिल्ली से आई टीम ने गुलाबी नगरी को बेहतर अंक दिए थे, लेकिन गार्बेज फ्री सिटी, सर्विस लेवल प्रोग्रेस और सिटीजन फीडबैक के मामले में जयपुर खुद ही पीछे रह गया.

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में बनेगी 6000 अंकों की मार्कशीट

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019
⦁ डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन 1250 में से 1111 अंक
⦁ सिटीजन फीडबैक 1250 में से 974 अंक
⦁ सर्विस लेवल प्रोग्रेस 1250 में से 681 अंक
⦁ सर्टिफिकेशन (ओडीएफ++/गार्बेज फ्री सिटी) 1250 में से 600 अंक

इसकी वजह से स्वच्छ शहरों की वरीयता सूची में जयपुर ऊपर उठने के बजाय नीचे आ गया. हालांकि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में 5000 की जगह 6000 अंक किए गए हैं. ऐसे में निगम को व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के साथ ही आमजन के सहयोग की भी दरकार है.

हालांकि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण को 3 चरणों में बांटा गया है. जिनमें से 2 चरण पूरे हो चुके हैं और तीसरा चरण चल रहा है. पहले और दूसरे चरण में दो-दो हजार अंक को लेकर ऑब्जर्वेशन किया जा चुका है और तीसरे चरण के 2000 अंकों का ऑब्जर्वेशन फाइनल ऑब्जर्वेशन में ही होना है. नोडल ऑफिसर हर्षित वर्मा के मुताबिक चरणबद्ध 6000 अंकों में से मिलने वाले अंक का 25 फीसदी सर्विस लेवल प्रोग्रेस में जोड़ा जाएगा.

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के अंक विवरण :

⦁ सर्विस लेवल प्रोग्रेस 1500 अंक
⦁ डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन 1500 अंक
⦁ सिटीजन फीडबैक 1500 अंक
⦁ सर्टिफिकेशन (ओडीएफ++/गार्बेज फ्री सिटी) 1500 अंक

इस सर्वेक्षण में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम, सीवरेज ट्रीटमेंट, गार्बेज कलेक्शन/ट्रांसपोर्टेशन/प्रोसेस, डिस्पोजल, सस्टेनेबल सैनिटेशन, पब्लिक टॉयलेट, आईसी एक्टिविटी, बिहेवियर चेंज, कैपेसिटी बिल्डिंग, इनोवेशन और बेस्ट प्रैक्टिसेज के अंक शुमार होंगे.

यह भी पढ़ेंः कोटा में बाबा रामदेव के खिलाफ आक्रोश, दलित संगठनों ने जलाया पुतला

ऐसे में इस बार ना सिर्फ निगम प्रशासन बल्कि कर्मचारियों और आम जनता को भी स्वच्छता सर्वेक्षण में अपनी भूमिका अदा करनी होगी. 4 जनवरी से डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन और सिटीजन फीडबैक का भी दौर शुरू होगा. उस दौरान हम और आप मिलकर ही अपने शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में बेहतर रैंकिंग दिला सकेंगे.

जयपुर. जयपुर नगर निगम प्रशासन स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की तैयारियों में जुटा हुआ है. स्वच्छता सर्वे में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए निगम आईईसी एक्टिविटी के तहत कार्यशाला, जागरूकता अभियान और विज्ञापन भी कर रहा है. हालांकि पिछली दफा दिल्ली से आई टीम ने गुलाबी नगरी को बेहतर अंक दिए थे, लेकिन गार्बेज फ्री सिटी, सर्विस लेवल प्रोग्रेस और सिटीजन फीडबैक के मामले में जयपुर खुद ही पीछे रह गया.

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में बनेगी 6000 अंकों की मार्कशीट

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019
⦁ डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन 1250 में से 1111 अंक
⦁ सिटीजन फीडबैक 1250 में से 974 अंक
⦁ सर्विस लेवल प्रोग्रेस 1250 में से 681 अंक
⦁ सर्टिफिकेशन (ओडीएफ++/गार्बेज फ्री सिटी) 1250 में से 600 अंक

इसकी वजह से स्वच्छ शहरों की वरीयता सूची में जयपुर ऊपर उठने के बजाय नीचे आ गया. हालांकि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में 5000 की जगह 6000 अंक किए गए हैं. ऐसे में निगम को व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के साथ ही आमजन के सहयोग की भी दरकार है.

हालांकि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण को 3 चरणों में बांटा गया है. जिनमें से 2 चरण पूरे हो चुके हैं और तीसरा चरण चल रहा है. पहले और दूसरे चरण में दो-दो हजार अंक को लेकर ऑब्जर्वेशन किया जा चुका है और तीसरे चरण के 2000 अंकों का ऑब्जर्वेशन फाइनल ऑब्जर्वेशन में ही होना है. नोडल ऑफिसर हर्षित वर्मा के मुताबिक चरणबद्ध 6000 अंकों में से मिलने वाले अंक का 25 फीसदी सर्विस लेवल प्रोग्रेस में जोड़ा जाएगा.

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के अंक विवरण :

⦁ सर्विस लेवल प्रोग्रेस 1500 अंक
⦁ डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन 1500 अंक
⦁ सिटीजन फीडबैक 1500 अंक
⦁ सर्टिफिकेशन (ओडीएफ++/गार्बेज फ्री सिटी) 1500 अंक

इस सर्वेक्षण में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम, सीवरेज ट्रीटमेंट, गार्बेज कलेक्शन/ट्रांसपोर्टेशन/प्रोसेस, डिस्पोजल, सस्टेनेबल सैनिटेशन, पब्लिक टॉयलेट, आईसी एक्टिविटी, बिहेवियर चेंज, कैपेसिटी बिल्डिंग, इनोवेशन और बेस्ट प्रैक्टिसेज के अंक शुमार होंगे.

यह भी पढ़ेंः कोटा में बाबा रामदेव के खिलाफ आक्रोश, दलित संगठनों ने जलाया पुतला

ऐसे में इस बार ना सिर्फ निगम प्रशासन बल्कि कर्मचारियों और आम जनता को भी स्वच्छता सर्वेक्षण में अपनी भूमिका अदा करनी होगी. 4 जनवरी से डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन और सिटीजन फीडबैक का भी दौर शुरू होगा. उस दौरान हम और आप मिलकर ही अपने शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में बेहतर रैंकिंग दिला सकेंगे.

Intro:जयपुर - स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में जयपुर 39वें पायदान पर था। हालांकि पिछली दफा यानी स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में जयपुर पांच पायदान फिसल गया। जिसका सबसे बड़ा कारण सर्विस लेवल प्रोग्रेस (एसएलपी) और गार्बेज फ्री सिटी सर्टिफिकेशन है। पर इस बार चुनौती बड़ी है, केंद्र ने फेज वाइज अंकों का निर्धारण किया है। और आखिर में स्वच्छता सर्वेक्षण की मार्कशीट 6000 अंकों की बननी है।


Body:जयपुर नगर निगम प्रशासन स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 की तैयारियों में जुटा हुआ है। स्वच्छता सर्वे में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए निगम आईईसी एक्टिविटी के तहत कार्यशाला, जागरूकता अभियान और विज्ञापन भी कर रहा है। हालांकि पिछली दफा दिल्ली से आई टीम ने गुलाबी नगर को बेहतर अंक दिए थे। लेकिन गार्बेज फ्री सिटी, सर्विस लेवल प्रोग्रेस और सिटीजन फीडबैक के मामले में जयपुर खुद ही पीछे रह गया।

स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 की बात करें तो :
डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन 1250 में से 1111 अंक
सिटीजन फीडबैक 1250 में से 974 अंक
सर्विस लेवल प्रोग्रेस 1250 में से 681 अंक
सर्टिफिकेशन (ओडीएफ++/गार्बेज फ्री सिटी) 1250 में से 600 अंक

इसकी वजह से स्वच्छ शहरों की वरीयता सूची में जयपुर ऊपर उठने के बजाय नीचे आ गया। हालांकि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में 5000 की जगह 6000 अंक किए गए हैं। ऐसे में निगम को व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के साथ-साथ आम जनता के सहयोग की भी दरकार है। हालांकि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण को तीन चरणों में बांटा गया है। इनमें से दो चरण पूरे हो चुके हैं। और तीसरा चरण चल रहा है। प्रथम और द्वितीय चरण में दो-दो हजार अंक को लेकर ऑब्जरवेशन किया जा चुका है। और तीसरे चरण के 2000 अंकों का ऑब्जरवेशन फाइनल ऑब्जर्वेशन में ही होना है। इस संबंध में नोडल ऑफिसर हर्षित वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि चरणबद्ध 6000 अंकों में से मिलने वाले अंक का 25 फ़ीसदी सर्विस लेवल प्रोग्रेस में जोड़ा जाएगा।

स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 के अंक विवरण :
सर्विस लेवल प्रोग्रेस 1500 अंक
डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन 1500 अंक
सिटीजन फीडबैक 1500 अंक
सर्टिफिकेशन (ओडीएफ++/गार्बेज फ्री सिटी) 1500 अंक

इस सर्वेक्षण में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम, सीवरेज ट्रीटमेंट, गार्बेज कलेक्शन/ट्रांसपोर्टेशन/प्रोसेस, डिस्पोजल, सस्टेनेबल सैनिटेशन, पब्लिक टॉयलेट, आईसी एक्टिविटी, बिहेवियर चेंज, कैपेसिटी बिल्डिंग, इनोवेशन और बेस्ट प्रैक्टिसेज के अंक शुमार होंगे।


Conclusion:ऐसे में इस बार ना सिर्फ निगम प्रशासन बल्कि कर्मचारियों और आम जनता को भी स्वच्छता सर्वेक्षण में अपनी भूमिका अदा करनी होगी। 4 जनवरी से डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन और सिटीजन फीडबैक का भी दौर शुरू होगा। उस दौरान हम और आप मिलकर ही अपने शहर को स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 में बेहतर रैंकिंग दिला सकेंगे।
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