जयपुर. जयपुर विकास आयुक्त गौरव गोयल की अध्यक्षता में शुक्रवार को ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड की बैठक हुई, जिसमें जयपुर शहर में स्थित विभिन्न व्यवसायिक प्रतिष्ठान, कॉन्प्लेक्स, बहुमंजिला इमारतों में अनुमोदित पार्किंग स्थलों पर किए गए अवैध निर्माण/अन्य उपयोग/कब्जे को जेडीए और नगर निगम को अपने-अपने क्षेत्र में सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए. जेडीए द्वारा अब तक ऐसे 17 अवैध निर्माण को ध्वस्त भी किया जा चुके हैं.
वहीं शहर की मुख्य सड़कों पर पैदल यात्रियों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए फुटपाथ पर किए गए अतिक्रमण, अवैध निर्माण को भी जेडीए और नगर निगम द्वारा हटाने की कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही अपने-अपने क्षेत्र में क्षतिग्रस्त टूटे-फूटे फुटपाथ के मरम्मत कार्य करवाए जाने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया. वहीं जयपुर शहर में गति सीमा उल्लंघन, ट्रैफिक सिग्नल उल्लंघन और दूसरे उल्लंघनों का प्रभावी नियंत्रण के लिए आईटीएमएस परियोजना कम से कम समय में लागू किए जाने का भी अनुमोदन किया गया. इसके अलावा शहर में केंद्रीय बस स्टैंड सिंधी कैंप पर यातायात के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए शहर के चारों दिशाओं आगरा रोड, टोंक रोड, सीकर रोड और अजमेर रोड पर बस स्टैंड विकसित करने के लिए स्थान चिन्हित करने का निर्णय लिया गया.
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वहीं ट्रांसपोर्ट नगर को सीकर रोड पर शिफ्ट किए जाने के लिए योजना में सभी मूलभूत सुविधाएं तुरंत प्रभाव से विकसित करने के निर्देश दिए गए. इसके अलावा शहर में वाहनों की संख्या में वृद्धि से पार्किंग समस्या के निवारण के लिए की पार्किंग की सुविधा विकसित किए जाने का प्रस्ताव रखा गया. इस दौरान मैरिज हॉल/लॉन में शादी समारोह के दौरान पर्याप्त पार्किंग स्थल विकसित किए जाने के लिए अधिकारियों ने संचालकों को अतिरिक्त पार्किंग व्यवस्था के लिए आसपास स्थित भूखंडों पर पार्किंग विकसित किए जाने का प्रस्ताव दिया गया. साथ ही अवकाश के बाद विद्यालयों में आरक्षित पार्किंग को किराए पर दिए जाने का प्रस्ताव भी रखा गया, जिसे लेकर जेडीसी ने निदेशक आयोजना को कमेटी गठित कर कार्य योजना तैयार करने के लिए निर्देश दिए. इसके अलावा सड़क मार्ग पर निकलने वाली रैलियां, जुलूस और प्रदर्शन पर प्रतिबंध, सर्विस लेन सड़क मरम्मत कार्य करवाए जाने पर चर्चा की गई.
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वहीं रोड नंबर 14 विश्वकर्मा रोड पर अंडरपास बनवाए जाने, सवाई मानसिंह अस्पताल से मेडिकल कॉलेज आने जाने के लिए जेएलएन मार्ग पर फुट ओवरब्रिज निर्माण के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. परिवहन विभाग द्वारा ई-रिक्शा को 8 जोन में संचालित करते हुए चालकों के लाइसेंस जारी कर कोडिंग सिस्टम डिवेलप करने का सुझाव प्रस्तुत किया गया. इसके अलावा शहर में संचालित 15,000 ई-रिक्शा को बढ़ाकर 25,000 करने, इनके लिए पार्किंग स्थल और चार्जिंग स्टेशन चिन्हित कर विकसित करने का निर्णय लिया गया. जेडीए द्वारा विकसित किए जाने वाले 75 चार्जिंग स्टेशनों से भी ई रिक्शा चार्ज किया जा सकेगा. इसके अलावा मेट्रो परियोजना का लाभ आमजन को पहुंचाने के लिए आवश्यकतानुसार एक अतिरिक्त जोन बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया, जिसका अनुमोदन किया गया. मेट्रो रूट के समानांतर संचालित सार्वजनिक बस सेवा का रूट परिवर्तित किए जाने, वर्तमान में संचालित टाटा मैजिक सर्विस फीडर के रूप में वृद्धि किए जाने, जेसीटीएसएल द्वारा मानसरोवर मेट्रो स्टेशन के लिए बस सेवा को दोबारा शुरू करने, और मेट्रो स्टेशन के लिए अग्रवाल फॉर्म से अग्रवाल फॉर्म तक टेंपो रूट बनाए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.
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वहीं यातायात पुलिस द्वारा प्रस्तुत चारदीवारी में ई-रिक्शा, लो फ्लोर बस वाहनों की पार्किंग, अतिक्रमण, बरामदों में अतिक्रमण, पर्यटकों के आवागमन, रोडवेज बस स्टैंड, कचरा पात्र, विद्युत ट्रांसफर मालवाहक साधन और आवारा पशुओं के प्रबंध प्रस्तावों पर विचार विमर्श किया गया. जबकि जयपुर नगरीय सीमा में संचालित मिनी बसों, टेंपो, मार्गों पर संचालित मैक्सकैब वाहन और जेसीटीएसएल के वाहनों के लिए नए मार्ग खोले जाने के प्रस्ताव और वर्तमान में संचालित मार्गों में कटौती/डायवर्जन/वृद्धिकरण और स्कोप वृद्धिकरण, स्कोप परिवर्तित करने के प्रस्ताव को आगामी टीसीबी बैठक में पारित किए जाने का निर्णय लिया गया.
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इसके साथ ही आरटीओ ने 74 ऐसे स्थान चिन्हित किए, जिनके दुर्घटना आंकड़े उपलब्ध हैं. जहां अस्थाई अतिक्रमण, संकेतों का अभाव और इंजीनियरिंग की कमी पाई गई. इनका सुधार कार्य किए जाने के लिए 5 सदस्यों की कमेटी का गठन किया गया था. इनमें से 40 स्थानों पर सुधार कार्य 1 महीने में पूरा कर लिया जाएगा. साथ ही बचे हुए स्थानों पर सुधार कार्य करवाए जाएंगे. ताकि शहर में यातायात समस्याओं और दुर्घटनाओं पर कमियां आये. इसके अलावा जयपुर शहर में सेक्टर सड़कों 60 फ़ीट रोड पर लगे हुए एंट्री गेटों को हटवाने और 40 फीट से कम चौड़ाई वाली सड़कों पर गेट का संचालन योजनाओं की विकास समितियों द्वारा करने, जिसके तहत रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक ही गेट बंद रखे जा सकेंगे. इसके अलावा भी दूसरी शर्तें निर्धारित की गई हैं.