ETV Bharat / city

जयपुर: मानसागर झील पर 23वें इंडियन बर्ड फेयर का शुभारंभ

राजधानी में मानसागर झील पर 23वां इंडियन बर्ड फेयर का शुभारंभ किया गया. इस पक्षी मेले के दौरान लगभग 70 प्रकार के पक्षियों को देखा गया, इनमें से करीब 20 प्रजाति विदेशी है. इसकी शुरूआत 1997 में हुई थी.

Jaipur news, जयपुर की खबर
मानसागर झील पर 23वें इंडियन बर्ड फेयर का शुभारंभ
author img

By

Published : Feb 6, 2020, 8:16 PM IST

जयपुर. राजधानी में मानसागर झील पर 23वां इंडियन बर्ड फेयर का शुभारंभ किया गया. गुलाबी नगरी में आयोजित इस दो दिवसीय पक्षी मेले में हजारों की संख्या में स्कूली बच्चों और पक्षी प्रेमियों ने हिस्सा लिया. वहीं, अस मेले में पक्षी विशेषज्ञ, स्थानीय लोग और सैलानी भी पंहुचे. स्कूली बच्चों और सैलानियों ने दूरबीन के जरिए कई प्रकार की प्रजातियों के पक्षियों को निहारा. इस मेले में पर्यावरण संरक्षण और पक्षी संरक्षण का भी संदेश दिया गया. पहली बार इस पक्षी मेले का आयोजन 1997 में शुरू किया गया था.

मानसागर झील पर 23वें इंडियन बर्ड फेयर का शुभारंभ

इस दौरान दूरबीन के जरिए बच्चों को पक्षी दिखाकर उनकी पहचान करना भी सिखाया गया. हर साल यह पक्षी मेला खास उद्देश्य को समर्पित होता है. वहीं, इस मेले में भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले 70 से अधिक प्रजातियों के जलीय पक्षियों के संरक्षण के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है. पक्षी मेले में आने वाले स्कूली बच्चों को दूरबीन से पक्षी दिखाकर उनके बारे में जानकारियां भी दी जा रही है. इस पक्षी मेले में देश भर के कई पक्षी विशेषज्ञ भी भाग ले रहे है. इसके आयोजन से मानसागर का जीर्णोद्धार भी हुआ है. यहां पर अब विदेशी पक्षी भी प्रवास पर आने लगे हैं.

पढ़ें- रोमांचक दौर में पहुंचा राजस्थान-बंगाल रणजी मुकाबला

पक्षी मेले के दौरान जलीय पक्षियों के संरक्षण पर ओपन एयर सेशन, क्विज, पेंटिंग्स, टैटू सहित कई गतिविधियां भी आयोजित की गई. 23 सालों से लगातार टूरिज्म एंड वाइल्डलाइफ सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से इस पक्षी मेले का आयोजन किया जा रहा है. इस मेले में जयपुर जू के साथ विदेशी संगठनों का भी सहयोग मिल रहा है.

पक्षी विशेषज्ञ डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि इस 23वें इंडियन बोर्डिंग से एक ऐसी चिड़िया को समर्पित है जिसकी संख्या पूरी दुनिया में 150 से भी कम है. इस चिड़िया का नाम ग्रेट इंडियन बस्टर्डस है. साथ ही बताया कि इस पक्षी मेले का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग पक्षी संरक्षण में भागीदारी निभाए. यही पक्षी हमारे पर्यावरण को भी बेहतर बनाते हैं. देशभर से पक्षी मेले में कई पक्षी विशेषज्ञ भी पहुंचे हैं.

पक्षी विशेषज्ञ शहर में आने वाले सभी लोगों को पक्षियों के बारे में जानकारियां दे रहे हैं. स्कूली बच्चों को भी पक्षी मेले में वह सारी बातें बताई जा रही है जो इस कक्षा में नहीं बताई जाती है. क्योंकि, टीचर्स को भी पक्षियों के बारे इतनी जानकारी नहीं होती है. मानसागर झील में गुरुवार को करीब 70 तरह के प्रजातियों को देखा गया है, जिनमें से करीब 20 तरह के प्रजाति विदेशी है.

पढ़ें- जयपुर : सड़क सुरक्षा सप्ताह के तीसरे दिन मीडिया सेन्सीटाइजेशन वर्कशॉप का हुआ आयोजन

पक्षी प्रेमी पूजा बंसल ने बताया कि वन्यजीव संरक्षण और लोगों में वन्यजीवों के प्रति जागरूकता के लिए भी पक्षी मेले में आने वाले लोगों को अवेयर किया जा रहा है. पक्षी मेले में आने वाले स्कूली बच्चों और पर्यटकों को दूरबीन के जरिए विभिन्न प्रजातियों के पक्षी दिखाए गए और सभी को पक्षियों के बारे में जानकारी दी गई है.

जयपुर. राजधानी में मानसागर झील पर 23वां इंडियन बर्ड फेयर का शुभारंभ किया गया. गुलाबी नगरी में आयोजित इस दो दिवसीय पक्षी मेले में हजारों की संख्या में स्कूली बच्चों और पक्षी प्रेमियों ने हिस्सा लिया. वहीं, अस मेले में पक्षी विशेषज्ञ, स्थानीय लोग और सैलानी भी पंहुचे. स्कूली बच्चों और सैलानियों ने दूरबीन के जरिए कई प्रकार की प्रजातियों के पक्षियों को निहारा. इस मेले में पर्यावरण संरक्षण और पक्षी संरक्षण का भी संदेश दिया गया. पहली बार इस पक्षी मेले का आयोजन 1997 में शुरू किया गया था.

मानसागर झील पर 23वें इंडियन बर्ड फेयर का शुभारंभ

इस दौरान दूरबीन के जरिए बच्चों को पक्षी दिखाकर उनकी पहचान करना भी सिखाया गया. हर साल यह पक्षी मेला खास उद्देश्य को समर्पित होता है. वहीं, इस मेले में भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले 70 से अधिक प्रजातियों के जलीय पक्षियों के संरक्षण के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है. पक्षी मेले में आने वाले स्कूली बच्चों को दूरबीन से पक्षी दिखाकर उनके बारे में जानकारियां भी दी जा रही है. इस पक्षी मेले में देश भर के कई पक्षी विशेषज्ञ भी भाग ले रहे है. इसके आयोजन से मानसागर का जीर्णोद्धार भी हुआ है. यहां पर अब विदेशी पक्षी भी प्रवास पर आने लगे हैं.

पढ़ें- रोमांचक दौर में पहुंचा राजस्थान-बंगाल रणजी मुकाबला

पक्षी मेले के दौरान जलीय पक्षियों के संरक्षण पर ओपन एयर सेशन, क्विज, पेंटिंग्स, टैटू सहित कई गतिविधियां भी आयोजित की गई. 23 सालों से लगातार टूरिज्म एंड वाइल्डलाइफ सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से इस पक्षी मेले का आयोजन किया जा रहा है. इस मेले में जयपुर जू के साथ विदेशी संगठनों का भी सहयोग मिल रहा है.

पक्षी विशेषज्ञ डॉ. हर्षवर्धन ने बताया कि इस 23वें इंडियन बोर्डिंग से एक ऐसी चिड़िया को समर्पित है जिसकी संख्या पूरी दुनिया में 150 से भी कम है. इस चिड़िया का नाम ग्रेट इंडियन बस्टर्डस है. साथ ही बताया कि इस पक्षी मेले का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग पक्षी संरक्षण में भागीदारी निभाए. यही पक्षी हमारे पर्यावरण को भी बेहतर बनाते हैं. देशभर से पक्षी मेले में कई पक्षी विशेषज्ञ भी पहुंचे हैं.

पक्षी विशेषज्ञ शहर में आने वाले सभी लोगों को पक्षियों के बारे में जानकारियां दे रहे हैं. स्कूली बच्चों को भी पक्षी मेले में वह सारी बातें बताई जा रही है जो इस कक्षा में नहीं बताई जाती है. क्योंकि, टीचर्स को भी पक्षियों के बारे इतनी जानकारी नहीं होती है. मानसागर झील में गुरुवार को करीब 70 तरह के प्रजातियों को देखा गया है, जिनमें से करीब 20 तरह के प्रजाति विदेशी है.

पढ़ें- जयपुर : सड़क सुरक्षा सप्ताह के तीसरे दिन मीडिया सेन्सीटाइजेशन वर्कशॉप का हुआ आयोजन

पक्षी प्रेमी पूजा बंसल ने बताया कि वन्यजीव संरक्षण और लोगों में वन्यजीवों के प्रति जागरूकता के लिए भी पक्षी मेले में आने वाले लोगों को अवेयर किया जा रहा है. पक्षी मेले में आने वाले स्कूली बच्चों और पर्यटकों को दूरबीन के जरिए विभिन्न प्रजातियों के पक्षी दिखाए गए और सभी को पक्षियों के बारे में जानकारी दी गई है.

Intro:जयपुर
एंकर- राजधानी जयपुर में मानसागर झील पर 23 वा इंडियन बर्डिंग फेयर का शुभारंभ किया गया। गुलाबी नगरी में आयोजित हो रहे दो दिवसीय पक्षी मेले में हजारों की संख्या में स्कूली बच्चो और पक्षी प्रेमियों ने भाग लिया।


Body:पक्षी मेले में पक्षी विशेषज्ञ, स्थानीय लोग और सैलानी भी पंहुचे। स्कूली बच्चों और सैलानियों ने दूरबीन के जरिए कई प्रकार की प्रजातियों के पक्षियों को निहारा। मानसागर झील पर करीब 70 प्रजातियों के पक्षी नजर आए। पक्षी मेले में पर्यावरण संरक्षण और पक्षी संरक्षण का भी संदेश दिया गया। दूरबीन के जरिए बच्चों को पक्षी दिखाकर उनकी पहचान करना भी सिखाया गया। हर साल यह पक्षी मेला खास उद्देश्य को समर्पित होता है।

दो दिवसीय पक्षी मेले में भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले 70 से अधिक प्रजातियों के जलीय पक्षियों के संरक्षण के लिए अभियान भी चलाया जा रहा है। पक्षी मेले में आने वाले स्कूली बच्चों को दूरबीन से पक्षी दिखाकर उनके बारे में जानकारियां भी दी रही है।। इस पक्षी मेले में देश भर के कई पक्षी विशेषज्ञ भी भाग ले रहे है।
पक्षी मेले के दौरान जलीय पक्षियों के संरक्षण पर ओपन एयर सेशन, क्विज, पेंटिंग्स, टैटू सहित कई गतिविधियां भी आयोजित की गई। 23 सालों से लगातार टूरिज्म एंड वाइल्डलाइफ सोसाइटी ऑफ इंडिया की ओर से इस पक्षी मेले का आयोजन किया जा रहा है। पक्षी मेले में जयपुर जू के साथ विदेशी संगठनों का भी सहयोग मिल रहा है।

पहली बार इस पक्षी मेले का आयोजन 1997 में शुरू हुआ था। इसके बाद लगातार हर साल पक्षी मेले का आयोजन किया जा रहा है। पक्षी मेले के आयोजन से मानसागर का जीर्णोद्धार भी हुआ है। यहां पर अब विदेशी पक्षी भी प्रवास पर आने लगे हैं।

पक्षी विशेषज्ञ डॉक्टर हर्षवर्धन ने बताया कि इस 23 वां इंडियन बोर्डिंग से एक ऐसी चिड़िया को समर्पित है जिसकी संख्या पूरी दुनिया में 150 से भी कम है। इस चिड़िया का नाम है ग्रेट इंडियन बस्टर्डस। उन्होंने बताया कि इस पक्षी मेले का उद्देश्य है कि ज्यादा से ज्यादा लोग पक्षी संरक्षण में भागीदारी निभाए। यही पक्षी हमारे पर्यावरण को भी बेहतर बनाते हैं। देशभर से पक्षी मेले में कई पक्षी विशेषज्ञ भी पहुंचे हैं। पक्षी विशेषज्ञ बड़े शहर में आने वाले सभी लोगों को पक्षियों के बारे में जानकारियां दे रहे हैं। स्कूली बच्चों को भी पक्षी मेले में वह सारी बातें बताई जा रही है जो इस कक्षा में नहीं बताई जाती है। क्योंकि टीचर्स को भी पक्षियों के बारे इतनी जानकारी नहीं होती है।
मानसागर झील में आज करीब 70 प्रजातियों के पक्षी देखे गए है। जिनमें से करीब 20 प्रजाति विदेशी है।




Conclusion:पक्षी प्रेमी पूजा बंसल ने बताया कि वन्यजीव संरक्षण और लोगों में वन्यजीवो के प्रति जागरूकता के लिए भी पक्षी मेले में आने वाले लोगों को अवेयर किया जा रहा है। पक्षी मेले में आने वाले स्कूली बच्चों और पर्यटक ओ को दूरबीन के जरिए विभिन्न प्रजातियों के पक्षी दिखाए गए। और सभी को पक्षियों के बारे में जानकारी दी गई है।

बाईट- डॉ हर्षवर्धन, पक्षी विशेषज्ञ
बाईट- पूजा बंसल, पक्षी प्रेमी
बाईट- कृष्णा खत्री, छात्र


ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.