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आढ़त कटौती के विरोध में प्रदेश भर की मंडियां रही बंद, मुहाना मंडी में 15 से 20 करोड़ रुपए का व्यापार प्रभावित

राजस्थान बजट में फल और सब्जी की आढ़त में कटौती की गई थी. इसके विरोध में फल और सब्जी विक्रेताओं ने प्रदेश की फल एवं सब्जी मंडियों को बंद रखा है. मंडी बंद रहने से आमजन को काफी परेशानी हुई. वहीं मुहाना मंडी में करीब 15 से 20 करोड़ का व्यापार भी प्रभावित हुआ है.

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आढ़त कटौती के विरोध में प्रदेश भर की मंडियां रही बंद
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Published : Mar 14, 2021, 12:06 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा बजट के दौरान फल और सब्जी की आढ़त में जो कटौती की गई थी, उसके विरोध में फल एवं सब्जी विक्रेताओं के द्वारा आज प्रदेश की फल एवं सब्जी मंडियों को बंद रखा गया है. मंडी बंद रहने से आमजन को काफी परेशानी हुई. साथ ही मुहाना मंडी में करीब 15 से 20 करोड़ का व्यापार भी प्रभावित हुआ. मुहाना मंडी के अध्यक्ष राहुल तंवर ने बताया कि 2021 और 22 राजस्थान के बजट में मंडी की फल और सब्जी की आढ़त 6 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है. एक प्रतिशत तक की कमी की गई है.

आढ़त कटौती के विरोध में प्रदेश भर की मंडियां रही बंद

कोविड-19 काल में व्यापारियों की आर्थिक स्थिति काफी प्रभावित भी हुई है. आढ़त किसानों से नहीं ली जाती है. व्यापारी आढ़त व्यापार करने वाले ट्रेडर से लेते हैं. मुहाना मंडी के अध्यक्ष राहुल तंवर का कहना है कि व्यापारी आढ़त का व्यापार करने वाले ट्रेडर से आढ़त लेते हैं. कोविड-19 में व्यवसायी को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. महंगाई लगातार बढ़ रही है. आम आदमी की आय भी लगातार घट रही है. साथ ही खर्चे में लगातार इजाफा हो रहा है. सरकार को मंडी की आढ़त को पुनः विचार करते हुए वापस 6 प्रतिशत तक करना चाहिए, ताकि व्यापारी वर्ग को राहत मिले.

पिछले 23 वर्ष से 6 प्रतिशत अधिक पर व्यापारी अपना व्यवसाय कर रहे हैं. ऐसे में 1 प्रतिशत कमी करना उचित नहीं है. राहुल तंवर ने बताया कि फल और सब्जी की आड़त कम करने से व्यापारियों की कमर टूट गई है. सरकार के इस निर्णय के विरोध में जयपुर की मंडियों के अलावा अन्य जिलों की मंडियां बंद के समर्थन में आई है. एयर आज मुहाना मंडी के साथ ही कोटा, अजमेर, जोधपुर, भीलवाड़ा, उदयपुर, अजमेर, बीकानेर, ब्यावर सहित सभी जिलों की सभी मंडियों ने बंद का समर्थन भी किया है.

यह भी पढ़ें- जलजीवन मिशन में केंद्र फिर से करे 90 फीसदी की भागीदारी, बोले जलदाय मंत्री बीडी कल्ला

साथ ही राहुल तंवर का कहना है कि आज 1 दिन की सांकेतिक हड़ताल में मुहाना मंडी के अंतर्गत करीब 15 से 20 करोड़ रुपए का व्यापार भी प्रभावित हुआ है. वहीं राहुल तंवर ने बताया कि यदि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा व्यापारियों की मांग नहीं मानी गई तो 16 तारीख के बाद आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी और सांकेतिक हड़ताल भी की जाएगी. इससे आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. साथ ही मंडी व्यवसायियों को भी करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा बजट के दौरान फल और सब्जी की आढ़त में जो कटौती की गई थी, उसके विरोध में फल एवं सब्जी विक्रेताओं के द्वारा आज प्रदेश की फल एवं सब्जी मंडियों को बंद रखा गया है. मंडी बंद रहने से आमजन को काफी परेशानी हुई. साथ ही मुहाना मंडी में करीब 15 से 20 करोड़ का व्यापार भी प्रभावित हुआ. मुहाना मंडी के अध्यक्ष राहुल तंवर ने बताया कि 2021 और 22 राजस्थान के बजट में मंडी की फल और सब्जी की आढ़त 6 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई है. एक प्रतिशत तक की कमी की गई है.

आढ़त कटौती के विरोध में प्रदेश भर की मंडियां रही बंद

कोविड-19 काल में व्यापारियों की आर्थिक स्थिति काफी प्रभावित भी हुई है. आढ़त किसानों से नहीं ली जाती है. व्यापारी आढ़त व्यापार करने वाले ट्रेडर से लेते हैं. मुहाना मंडी के अध्यक्ष राहुल तंवर का कहना है कि व्यापारी आढ़त का व्यापार करने वाले ट्रेडर से आढ़त लेते हैं. कोविड-19 में व्यवसायी को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. महंगाई लगातार बढ़ रही है. आम आदमी की आय भी लगातार घट रही है. साथ ही खर्चे में लगातार इजाफा हो रहा है. सरकार को मंडी की आढ़त को पुनः विचार करते हुए वापस 6 प्रतिशत तक करना चाहिए, ताकि व्यापारी वर्ग को राहत मिले.

पिछले 23 वर्ष से 6 प्रतिशत अधिक पर व्यापारी अपना व्यवसाय कर रहे हैं. ऐसे में 1 प्रतिशत कमी करना उचित नहीं है. राहुल तंवर ने बताया कि फल और सब्जी की आड़त कम करने से व्यापारियों की कमर टूट गई है. सरकार के इस निर्णय के विरोध में जयपुर की मंडियों के अलावा अन्य जिलों की मंडियां बंद के समर्थन में आई है. एयर आज मुहाना मंडी के साथ ही कोटा, अजमेर, जोधपुर, भीलवाड़ा, उदयपुर, अजमेर, बीकानेर, ब्यावर सहित सभी जिलों की सभी मंडियों ने बंद का समर्थन भी किया है.

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साथ ही राहुल तंवर का कहना है कि आज 1 दिन की सांकेतिक हड़ताल में मुहाना मंडी के अंतर्गत करीब 15 से 20 करोड़ रुपए का व्यापार भी प्रभावित हुआ है. वहीं राहुल तंवर ने बताया कि यदि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के द्वारा व्यापारियों की मांग नहीं मानी गई तो 16 तारीख के बाद आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी और सांकेतिक हड़ताल भी की जाएगी. इससे आमजन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. साथ ही मंडी व्यवसायियों को भी करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा.

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