जयपुर. राजस्थान में पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को प्रदर्शन किया, लेकिन इस प्रदर्शन के दौरान राजस्थान के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने बिजली के बिलों की माफी की मांग भी रख दी. जोशी ने कहा कि लगातार कांग्रेस कार्यकर्ताओं की ओर से नेताओं को जनता का फीडबैक मिल रहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में लोगों की आजीविका पर फर्क पड़ा है.
ऐसे में लोगों की मांग है कि उन्हें बिजली के बिलों में रियायत दी जाए. महेश जोशी ने सरकार के सामने यह बात रखी है. जोशी ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि एक जनप्रतिनिधि के नाते जो जनता की मांग उनके पास पहुंच रही है, उन्होंने उन मांगों को सरकार तक पहुंचाया है. हालांकि, इस संक्रमण काल में सरकार के आर्थिक हालात कितना अलाउ करते हैं, यह सरकार के स्तर पर तय होगा. लेकिन ये जनता की मांग है, जो सरकार के सामने रखी गई है.
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जोशी ने कहा कि केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ के पैकेज में जनता को कुछ नहीं मिला है, लेकिन राज्य सरकार राजस्थान की जनता के लिए लगातार प्रयासरत है. हालांकि जोशी ने राजस्थान में लग रहे डीजल पेट्रोल पर वैट की दरों को कम करने के लिए सीधा जवाब तो नहीं दिया. लेकिन उन्होंने यह संकेत दिए कि वह इस बारे में भी सरकार के पास अपनी बात पहुंचाएंगे कि जनता केंद्र सरकार की नीतियों से आहत है. ऐसे में राज्य सरकार से उन्हें सहायता मिले.
सरकार बनाने को लेकर छिड़ी बहस...
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार किसकी मेहनत से बनी इस विषय पर सोमवार को फिर उस समय चर्चा छिड़ गई, जब राजस्थान कांग्रेस की ओर से पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ प्रदर्शन किया गया. इस प्रदर्शन में तेल की कीमतों के साथ ही राजनीतिक बयानबाजी भी जमकर हुई.
जहां सबसे पहले बोलते हुए मंत्री बीडी कल्ला ने प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट को यह सलाह दी कि हर किसी को 10 पोस्टकार्ड इन कीमतों के विरोध में भारत सरकार के सचिवालय में भेजना चाहिए, तो उनके बाद बोलने आए मंत्री प्रताप सिंह ने डीजल पेट्रोल के इतर बात करते हुए कार्यकर्ताओं की भूमिका को लेकर कहा कि राजस्थान में सरकार कार्यकर्ताओं के संघर्ष के दम पर बनी है. अब उस कार्यकर्ता के सम्मान को हम सुरक्षित रखेंगे.