जयपुर. गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार का दल एक दिवसीय दौरे पर जयपुर पहुंचा. यहां उन्होंने अपेक्स बैंक में आयोजित बैठक में दल ने राज्य की ऋण माफी योजना के बारे में अध्ययन किया. जिसमें अपेक्स बैंक के प्रबंध निदेशक इन्दर सिंह ने प्रजेंटेशन के माध्यम से योजना के क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी दी.
दल के सदस्यों ने सहकारिता प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता नरेश पाल गंगवार से भी मुलाकात की. महाराष्ट्र सरकार के सहकारिता विभाग की प्रमुख शासन सचिव आभा शुक्ला ने राजस्थान की किसान ऋण माफी योजना को पारदर्शी और प्रभावी ढंग से क्रियान्वित कर वास्तविक किसानों को कम समय में लाभ पहुंचाने की भरपूर शब्दों में सराहना की. उन्होंने कहा कि ऋण माफी को पारदर्शी ढंग से लागू करना एक बड़ी उपलब्धि है. किसी किसान की शिकायत नहीं आना, अपने आप में योजना के सफल क्रियान्वयन को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि आधार आधारित बायोमैट्रिक सत्यापन को अपनाकर वास्तविक किसान को लाभ मिलना एक यूनिक कार्य की तरह है.
यह भी पढे़ं- जयपुर Bench बनने के 43 साल बाद यह पहला मौका, जब जोधपुर पीठ के नए भवन में सभी जज एक साथ करेंगे सुनवाई
महाराष्ट्र के सूचना प्रौद्याोगिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव एस.वी.आर श्रीनिवास ने कहा कि लोन वेवर पोर्टल को जिस ढंग से डिजाइन किया गया है, वह अद्भुत है. नियत समय पर यह कार्य करना सरकार की पारदर्शिता व जवाबदेही की निशानी है. उन्होंने कहा कि हमने अन्य राज्यों की भी ऋण माफी योजना का अध्ययन किया है. उसमें से किसान ऋण माफी योजना काबिले तारीफ है. दल के अन्य सदस्यों ने भी योजना के क्रियान्वयन की सराहना की.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान सरकार ने राज्य के सहकारी बैंकों से जुडे़ 20 लाख से अधिक किसानों के 30 नवम्बर, 2018 की स्थिति में लगभग 8 हजार करोड़ रूपए का फसली ऋण माफ किया है. साल 2018 व 2019 की ऋण माफी पर वर्तमान सरकार ने किसानों को लगभग 15 हजार करोड़ रुपए का ऋण माफी प्रदान किया है. केन्द्रीय सहकारी बैंकों व भूमि विकास बैंकों के आर्थिक रूप से संकटग्रस्त सीमान्त, लघु किसानों के 30 नवम्बर 2018 की स्थिति में 2 लाख रुपये के अवधि पार खातों के समस्त बकाया कृषि ऋण माफ कर गिरवी रखी भूमि को गिरवी मुक्त करने का भी निर्णय लिया गया है.