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महाराष्ट्र के बाद क्या राजस्थान में होगा सियासी उलटफेर ? अब सतीश पूनिया ने दिया यह बड़ा बयान..

महाराष्ट्र में चल रहे सियासी उलटफेर के बाद (Maharashtra Effect in Rajasthan) अब राजस्थान में भी बड़े सियासी बदलाव के संकेत मिलने लगे हैं. हाल ही में आए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी के बयान के बाद अब सतीश पूनिया का बयान इस ओर इशारा कर रहा है. पूनिया ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार जुगाड़ पर चल रही है. उसका टायर कब फट जाए, पता नहीं.

BJP Politics in Rajasthan
राजस्थान में भाजपा
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Published : Jun 24, 2022, 7:29 PM IST

Updated : Jun 24, 2022, 7:36 PM IST

जयपुर. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी के बाद महाराष्ट्र सियासी संकट पर अब राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का बयान सामने आया है. सतीश पूनिया ने शुक्रवार को जयपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि गहलोत सरकार जुगाड़ के भरोसे है, जिसका टायर कब फट जाए पता नहीं. उन्होंने कहा कि जुगाड़ की इस सरकार में न स्टेयरिंग का पता है और न इसमें हॉर्न बजता है. ऐसे में ये जुगाड़ वाली सरकार चलती नहीं, केवल खिसकती ही है.

पूनिया ने फिल्म के डायलॉग के जरिए कांग्रेस पर साधा निशाना : सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी खुद कमजोर है और तोहमत भाजपा पर लगाती है. लेकिन बचाव का यह तरीका बेहद कमजोर हो चुका है. उन्होंने कहा कि एक फिल्म का डायलॉग है कि 'यह जीना भी कोई जीना है लल्लू'...ऐसे ही मैं कहूंगा 'यह सरकार का चलना भी कोई चलना है लल्लू'. मतलब साफ है कि (Satish Poonia on Congress) मौजूदा सरकार का चलना या फिर खिसकना भाजपा नेताओं को कम ही रास आ रहा है.

पूनिया ने क्या कहा, सुनिए...

शेखावत, चतुर्वेदी और अब पूनिया का यह बयान कहीं 'ऑपरेशन लोटस' का इशारा तो नहीं : 20 जून को चौमूं में बीजेपी की जन आक्रोश रैली में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मध्यप्रदेश में विधायकों के सरकार में किए गए बदलाव का उदाहरण देते हुए सचिन पायलट का नाम लिया था और कहा था कि थोड़ी चूक राजस्थान में पायलट जी से हो गई. उसके बाद भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता अरुण चतुर्वेदी ने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राजस्थान में मध्यावधि चुनाव की संभावना जता दी थी और अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का यह बयान इस बात का संकेत है कि भाजपा आलाकमान की नजरें अब राजस्थान पर भी हैं.

सियासी जानकार यह भी बताते हैं कि जिस प्रकार का उलटफेर महाराष्ट्र की राजनीति में हो रहा है, संभवता उसके बाद राजस्थान में भी सियासी उलटफेर (Possibility of Mid Term Election in Rajasthan) होने की संभावना बन गई है. अब यह बात अलग है कि भाजपा नेताओं के इस मामले में आ रहे बयान क्या इसी बात का संकेत है या फिर प्रदेश कांग्रेस और गहलोत सरकार को बयानों के जरिए कमजोर करने की दिशा में अपनाई गई एक रणनीति का हिस्सा. यह तो समय ही बताएगा.

पढ़ें : राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी कार्ड इन सीटों पर डालेगा असर, भाजपा का तर्क- वोट बैंक पॉलिटिक्स नहीं जनजाति लोगों में भरोसा पैदा करने का है निर्णय...

एसीबी का नोटिस, शेखावत को तामिल कराना कांग्रेस की प्रतिशोध की राजनीति का हिस्सा : वहीं, कांग्रेसी विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त से संबंधित मामले में वॉइस सैंपल लेने के संबंध में एसीबी द्वारा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस तामिल कराने के मामले में भी पूनिया ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में प्रतिशोध की राजनीति कर रहे हैं.

पूनिया के अनुसार जिस प्रकार राहुल गांधी को उनके पुराने कर्मों के चलते ईडी का नोटिस मिला, उसके बाद कांग्रेस नेताओं द्वारा दी गई (BJP Politics in Rajasthan) धमकियों का ही यह नोटिस नतीजा है, जो गजेंद्र सिंह शेखावत को तामिल कराया गया है. पूनिया ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय एक संवैधानिक संस्था है, बीजेपी की संस्था नहीं. लेकिन उसके नोटिस के खिलाफ भी कांग्रेस दिल्ली में प्रदर्शन कर रही है. वो उल्टा 'चोर कोतवाल को डांटे' वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है.

gajendra shekhawat and arun chaturvedi
शेखावत और अरुण चतुर्वेदी...

पुष्कर में भी बोला जुबानी हमला : कांग्रेस द्वारा लगाए गए ईडी के दुरुपयोग के आरोप पर पुनिया ने कहा कि ईडी एक संवैधानिक संस्था है. यदि न्यायालय के निर्देश पर ईडी ने नोटिस दिया है तो उसका सम्मान किया जाना चाहिए. कांग्रेस के इस तरह के पाखंड और नौटंकी करने से कुछ हासिल नहीं होगा. इस प्रकरण के चलते कांग्रेस पार्टी का असली चरित्र आम जनता के सामने आ गया. कांग्रेस को लगता है कि उनके साथ अन्याय हो रहा है, लेकिन यही काम उन्होंने वर्षों तक किया है. कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी है. प्रदेश कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश में स्थितियां बन रही है, 52 दिनों तक विधायकों को वाड़ेबंदी में रखा जाता है, उसके बावजूद दिल्ली में धरना देकर बैठे रहना ठीक नहीं है. कुल मिलाकर राजस्थान का कोई धनी धोरी नहीं है.

जयपुर. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुण चतुर्वेदी के बाद महाराष्ट्र सियासी संकट पर अब राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का बयान सामने आया है. सतीश पूनिया ने शुक्रवार को जयपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि गहलोत सरकार जुगाड़ के भरोसे है, जिसका टायर कब फट जाए पता नहीं. उन्होंने कहा कि जुगाड़ की इस सरकार में न स्टेयरिंग का पता है और न इसमें हॉर्न बजता है. ऐसे में ये जुगाड़ वाली सरकार चलती नहीं, केवल खिसकती ही है.

पूनिया ने फिल्म के डायलॉग के जरिए कांग्रेस पर साधा निशाना : सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी खुद कमजोर है और तोहमत भाजपा पर लगाती है. लेकिन बचाव का यह तरीका बेहद कमजोर हो चुका है. उन्होंने कहा कि एक फिल्म का डायलॉग है कि 'यह जीना भी कोई जीना है लल्लू'...ऐसे ही मैं कहूंगा 'यह सरकार का चलना भी कोई चलना है लल्लू'. मतलब साफ है कि (Satish Poonia on Congress) मौजूदा सरकार का चलना या फिर खिसकना भाजपा नेताओं को कम ही रास आ रहा है.

पूनिया ने क्या कहा, सुनिए...

शेखावत, चतुर्वेदी और अब पूनिया का यह बयान कहीं 'ऑपरेशन लोटस' का इशारा तो नहीं : 20 जून को चौमूं में बीजेपी की जन आक्रोश रैली में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मध्यप्रदेश में विधायकों के सरकार में किए गए बदलाव का उदाहरण देते हुए सचिन पायलट का नाम लिया था और कहा था कि थोड़ी चूक राजस्थान में पायलट जी से हो गई. उसके बाद भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता अरुण चतुर्वेदी ने कांग्रेस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राजस्थान में मध्यावधि चुनाव की संभावना जता दी थी और अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया का यह बयान इस बात का संकेत है कि भाजपा आलाकमान की नजरें अब राजस्थान पर भी हैं.

सियासी जानकार यह भी बताते हैं कि जिस प्रकार का उलटफेर महाराष्ट्र की राजनीति में हो रहा है, संभवता उसके बाद राजस्थान में भी सियासी उलटफेर (Possibility of Mid Term Election in Rajasthan) होने की संभावना बन गई है. अब यह बात अलग है कि भाजपा नेताओं के इस मामले में आ रहे बयान क्या इसी बात का संकेत है या फिर प्रदेश कांग्रेस और गहलोत सरकार को बयानों के जरिए कमजोर करने की दिशा में अपनाई गई एक रणनीति का हिस्सा. यह तो समय ही बताएगा.

पढ़ें : राष्ट्रपति चुनाव में आदिवासी कार्ड इन सीटों पर डालेगा असर, भाजपा का तर्क- वोट बैंक पॉलिटिक्स नहीं जनजाति लोगों में भरोसा पैदा करने का है निर्णय...

एसीबी का नोटिस, शेखावत को तामिल कराना कांग्रेस की प्रतिशोध की राजनीति का हिस्सा : वहीं, कांग्रेसी विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त से संबंधित मामले में वॉइस सैंपल लेने के संबंध में एसीबी द्वारा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को नोटिस तामिल कराने के मामले में भी पूनिया ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में प्रतिशोध की राजनीति कर रहे हैं.

पूनिया के अनुसार जिस प्रकार राहुल गांधी को उनके पुराने कर्मों के चलते ईडी का नोटिस मिला, उसके बाद कांग्रेस नेताओं द्वारा दी गई (BJP Politics in Rajasthan) धमकियों का ही यह नोटिस नतीजा है, जो गजेंद्र सिंह शेखावत को तामिल कराया गया है. पूनिया ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय एक संवैधानिक संस्था है, बीजेपी की संस्था नहीं. लेकिन उसके नोटिस के खिलाफ भी कांग्रेस दिल्ली में प्रदर्शन कर रही है. वो उल्टा 'चोर कोतवाल को डांटे' वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है.

gajendra shekhawat and arun chaturvedi
शेखावत और अरुण चतुर्वेदी...

पुष्कर में भी बोला जुबानी हमला : कांग्रेस द्वारा लगाए गए ईडी के दुरुपयोग के आरोप पर पुनिया ने कहा कि ईडी एक संवैधानिक संस्था है. यदि न्यायालय के निर्देश पर ईडी ने नोटिस दिया है तो उसका सम्मान किया जाना चाहिए. कांग्रेस के इस तरह के पाखंड और नौटंकी करने से कुछ हासिल नहीं होगा. इस प्रकरण के चलते कांग्रेस पार्टी का असली चरित्र आम जनता के सामने आ गया. कांग्रेस को लगता है कि उनके साथ अन्याय हो रहा है, लेकिन यही काम उन्होंने वर्षों तक किया है. कांग्रेस भ्रष्टाचार की जननी है. प्रदेश कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश में स्थितियां बन रही है, 52 दिनों तक विधायकों को वाड़ेबंदी में रखा जाता है, उसके बावजूद दिल्ली में धरना देकर बैठे रहना ठीक नहीं है. कुल मिलाकर राजस्थान का कोई धनी धोरी नहीं है.

Last Updated : Jun 24, 2022, 7:36 PM IST
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