जयपुर. महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर हुई रस्साकशी में जब यह लगा कि अब भाजपा और शिवसेना का गठबंधन महाराष्ट्र में नहीं होगा और शिवसेना का कांग्रेस एनसीपी के साथ गठबंधन हो सकता है. ऐसे में किसी भी तरीके की खरीद-फरोख्त या जोड़ तोड़ को रोकने के लिए महाराष्ट्र कांग्रेस के तमाम विधायकों को जयपुर लाना तय हुआ.
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8 नवंबर को महाराष्ट्र के विधायक एक-एक करके जयपुर पहुंच गए. जो 13 नवंबर तक राजधानी जयपुर में रहे.. इस दौरान पूरे देश की नजर राजधानी जयपुर के उस रिसोर्ट ब्यूना विस्ता पर लगी रही. जहां 6 दिनों तक यह महाराष्ट्र के विधायक रुके रहे.13 नवंबर को यह सभी महाराष्ट्र के विधायक वापस महाराष्ट्र रवाना हुए.
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लेकिन इस दौरान वह 6 दिन तक राजधानी जयपुर में राजनीतिक टूरिज्म करते हुए नजर आए. ना केवल महाराष्ट्र कांग्रेस के विधायक बल्कि महाराष्ट्र के तमाम बड़े नेता चाहे राजस्थान में ही डटे रहे. जोड़तोड़ या खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए कराया गया महाराष्ट्र कांग्रेस विधायकों का राजनीतिक टूरिज्म. इस साल की राजस्थान की एक बड़ी घटना रही. हालांकि उस जयपुर में ठहरे 40 कांग्रेस विधायक ने महाराष्ट्र की राजनीति और सरकार बनाने के लिए सभी फैसलों को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ा था.