जयपुर. फिल्म पानीपत में महाराजा सूरजमल के चरित्र को गलत तरीके से दिखाए जाने का आरोप लग रहा है. इसे लेकर राजस्थान में विरोध हो रहा है. वहीं, सोशल मीडिया साइट विकिपीडिया पर भी उनके व्यक्तित्व को हाल ही में अपडेट किया गया, जिसमें उन्हें राजनीतिकुशल, दूरदर्शी और पानीपत के युद्ध से वापस लौट रहे मराठा सैनिकों की मदद करने वाला बताया गया है. उनकी उदारता के साथ ही उनका मराठाओं से मतभेद का भी विवरण किया गया है.
विकिपीडिया पर किए इसी अपडेशन की सत्यता जानने के लिए ईटीवी भारत ने इतिहासकार देवेंद्र भगत से बातचीत की. इसके बारे में जानकारी देते हुए इतिहासकार देवेंद्र भगत ने बताया कि राजपूत राजाओं के बीच अकेले जिस जाट महाराजा को इतिहास वीरों में गिनता रहा है, वो है महाराजा सूरजमल. उनके पिता राजा बदन सिंह का जयपुर राजघराने से भी संबंध रहा है और बाल्यकाल से वो जयपुर आते रहे हैं.
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इतिहासकार देवेंद्र भगत ने ठाकुर देशराज द्वारा लिखित जाटों का इतिहास, डॉ. कालिकारंजन कानूंगो द्वारा लिखित हिस्ट्री ऑफ जाट, और सतीश चंद्र द्वारा लिखित उत्तर मुगल कालीन भारत किताबों का हवाला देते हुए बताया कि सूरजमल एक श्रेष्ठ योद्धा और कुशल राजनीतिज्ञ थे. उन्होंने भरतपुर शहर की स्थापना की और यहां अभेद्य लोहागढ़ किला भी बनवाया, जिसे 13 बार आक्रमण करके भी अंग्रेज हिला तक नहीं पाए.
देवेंद्र भगत ने बताया कि महाराजा सूरजमल ग्रामीण बृज भाषा का इस्तेमाल किया करते थे. उन्होंने यह भी साफ किया कि मराठा और सूरजमल के बीच मतभेद होने के बावजूद सूरजमल ने हजारों मराठा सैनिकों को युद्ध से वापस लौटते समय शरण दी थी. उनकी चिकित्सा और खाने-पीने का भी प्रबंध किया. यही नहीं मृत सैनिकों के परिवार को भी सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने का श्रेय भी महाराजा सूरजमल को ही जाता है.
बता दें कि पानीपत फिल्म के विवाद के बाद विकिपीडिया साइट में महाराजा सूरजमल के व्यक्तित्व को 2 दिन पहले ही अपडेट किया गया. वहीं, पानीपत के तृतीय युद्ध को भी 6 दिन पहले अपडेट किया गया है. ऐसे में विकिपीडिया पर दी गई जानकारी को लेकर इतिहासकार देवेंद्र भगत ने साफ किया कि विकिपीडिया में जो जानकारी अपडेट की गई है, उसमें भावुकता तो है लेकिन अधिकतर बातें साक्ष्य के आधार पर हैं.