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दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के विरोध में दौसा में 22 जुलाई को महापंचायत...आगे की रणनीति होगी तैयार

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के लिए दौसा जिले में अवाप्त की जा रही भूमि के विरोध में किसानों की महापंचायत 22 जुलाई होगी. इस महापंचायत में किसान आंदोलन की रणनीति पर भी चर्चा करेंगे. हालांकि अपनी मांगों को लेकर किसान प्रतिनिधि मंडल ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता के साथ बैठक की. लेकिन बैठक बेनतीजा रही. अब किसान 22 जुलाई को होने वाली महापंचायत के बाद आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे.

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Published : Jul 19, 2019, 10:46 PM IST

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के विरोध में दौसा में 22 जुलाई को महापंचायत

जयपुर. जमीन के बदले जमीन या फिर जमीन की बाजार कीमत की मांग को लेकर दौसा जिले के 80 गांव के किसान पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन के बीच किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को सचिवालय में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता के सामने अपनी मांग रखी. वीनू गुप्ता ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों को लेकर वह मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को अवगत कराएंगे. लेकिन सरकार से ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर किसान संघर्ष समिति ने 22 जुलाई को दौसा जिले के भांडारेज में महापंचायत का एलान किया है.

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के विरोध में दौसा में 22 जुलाई को महापंचायत

इस महापंचायत में 80 गांव के किसान शामिल होंगे और उसके बाद आगे की आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी. किसान नेता हिम्मत सिंह ने कहा कि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के लिए सरकार ने दौसा जिले के 80 गांव के किसानों की जमीन को अब अवाप्त किया है. लेकिन इसका जो मुआवजा दिया जा रहा है वह बहुत कम है. किसानों को डीएलसी की दरों के आधार पर मुआवजा दिया जा रहा है. जबकि प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले 2017 में 25 फीसदी डीएलसी की दरें कम हुई थी. ऐसे में किसानों को उनकी जमीन की बहुत कम कीमत मिल रही है. हिम्मत सिंह ने कहा कि किसान संघर्ष समिति की मांग है कि या तो किसानों को उनकी जमीन के बदले उन्हें जमीन दी जाए या फिर जमीन की बाजार भाव में कीमत दी जाए.

एक तरफ किसान जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं वहीं 2 दिन पहले ही उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे बना रही कंपनी के साथ में बैठक कर काम को निर्धारित समय पर पूरा करने के निर्देश दिए थे.

जयपुर. जमीन के बदले जमीन या फिर जमीन की बाजार कीमत की मांग को लेकर दौसा जिले के 80 गांव के किसान पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन के बीच किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को सचिवालय में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता के सामने अपनी मांग रखी. वीनू गुप्ता ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों को लेकर वह मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को अवगत कराएंगे. लेकिन सरकार से ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर किसान संघर्ष समिति ने 22 जुलाई को दौसा जिले के भांडारेज में महापंचायत का एलान किया है.

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के विरोध में दौसा में 22 जुलाई को महापंचायत

इस महापंचायत में 80 गांव के किसान शामिल होंगे और उसके बाद आगे की आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी. किसान नेता हिम्मत सिंह ने कहा कि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के लिए सरकार ने दौसा जिले के 80 गांव के किसानों की जमीन को अब अवाप्त किया है. लेकिन इसका जो मुआवजा दिया जा रहा है वह बहुत कम है. किसानों को डीएलसी की दरों के आधार पर मुआवजा दिया जा रहा है. जबकि प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले 2017 में 25 फीसदी डीएलसी की दरें कम हुई थी. ऐसे में किसानों को उनकी जमीन की बहुत कम कीमत मिल रही है. हिम्मत सिंह ने कहा कि किसान संघर्ष समिति की मांग है कि या तो किसानों को उनकी जमीन के बदले उन्हें जमीन दी जाए या फिर जमीन की बाजार भाव में कीमत दी जाए.

एक तरफ किसान जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं वहीं 2 दिन पहले ही उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे बना रही कंपनी के साथ में बैठक कर काम को निर्धारित समय पर पूरा करने के निर्देश दिए थे.

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जयपुर

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाईवे की विरोध में महापंचायत 22 जुलाई को , किसान प्रतिनिधि मंडल ने सरकार से की मुलाकात लेकिन नहीं बनी कोई बात , अब किसान आंदोलन को मजबूर

एंकर:- दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के लिए दोसा जिले में अवाप्त की जा रही भूमि के विरोध में किसानों की महापंचायत 22 जुलाई होगी , इस महापंचायत में किसान आंदोलन की रणनीति पर भी चर्चा करेंगे हालांकि अपनी मांगों को लेकर किसान प्रतिनिधि मंडल ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अध्यक्ष मुख्य सचिव वीनू गुप्ता के साथ बैठक की लेकिन बैठक बेनतीजा रही अब किसान 22 जुलाई को होने वाली महापंचायत के बाद आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे ।




Body:VO:- जमीन के बदले जमीन या फिर जमीन की बाजार कीमत की मांग को लेकर दोसा जिले के 80 गांव के किसान पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं आंदोलन के बीच किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने आज सचिवालय में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता के सामने अपनी मांग रखी वीनू गुप्ता ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों को लेकर वह मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को अवगत कराएंगे लेकिन सरकार से को ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर किसान संघर्ष समिति ने 22 जुलाई को दोसा जिले के भांडारेज मैं महापंचायत बुलाइए इस महापंचायत में 80 गांव के किसान शामिल होंगे और उसके बाद आगे की आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी किसान नेता अमर सिंह ने कहा कि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के लिए सरकार ने दौसा जिले के 80 गांव के किसानों की जमीन को अब आप किया है लेकिन इसका जो मुआवजा दिया जा रहा है वह बहुत कम है किसानों को डीएलसी की दरों के आधार पर मुआवजा दिया जा रहा है जबकि प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले 2017 में 25 पर्सेंट डीएलसी की दरें है कम हुई थी ऐसे में किसानों को उनकी जमीन की बहुत कम कीमत मिल रही है हिम्मत सिंह ने कहा कि किसान संघर्ष समिति की मांग है कि या तो किसानों को उनकी जमीन के बदले उन्हें जमीन दी जाए या फिर जमीन की बाजार भाव में कीमत दी जाए।
बाइट:- हिम्मत सिंह - किसान नेता


Conclusion:VO:- एक तरफ किसान जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं वही 2 दिन पहले ही उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाईवे बनारी कंपनी के साथ में बैठक कर काम को निर्धारित समय पर पूरा करने के निर्देश दिए थे ऐसे में अगर किसानों की मांग पूरी नहीं होती है और 80 गांव के किसान आंदोलन पर उतर आते हैं तो प्रोजेक्ट में देरी हो सकती है ।
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