जयपुर. जमीन के बदले जमीन या फिर जमीन की बाजार कीमत की मांग को लेकर दौसा जिले के 80 गांव के किसान पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहे हैं. आंदोलन के बीच किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को सचिवालय में सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव वीनू गुप्ता के सामने अपनी मांग रखी. वीनू गुप्ता ने किसानों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों को लेकर वह मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को अवगत कराएंगे. लेकिन सरकार से ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर किसान संघर्ष समिति ने 22 जुलाई को दौसा जिले के भांडारेज में महापंचायत का एलान किया है.
इस महापंचायत में 80 गांव के किसान शामिल होंगे और उसके बाद आगे की आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी. किसान नेता हिम्मत सिंह ने कहा कि दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के लिए सरकार ने दौसा जिले के 80 गांव के किसानों की जमीन को अब अवाप्त किया है. लेकिन इसका जो मुआवजा दिया जा रहा है वह बहुत कम है. किसानों को डीएलसी की दरों के आधार पर मुआवजा दिया जा रहा है. जबकि प्रोजेक्ट शुरू होने से पहले 2017 में 25 फीसदी डीएलसी की दरें कम हुई थी. ऐसे में किसानों को उनकी जमीन की बहुत कम कीमत मिल रही है. हिम्मत सिंह ने कहा कि किसान संघर्ष समिति की मांग है कि या तो किसानों को उनकी जमीन के बदले उन्हें जमीन दी जाए या फिर जमीन की बाजार भाव में कीमत दी जाए.
एक तरफ किसान जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं वहीं 2 दिन पहले ही उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे बना रही कंपनी के साथ में बैठक कर काम को निर्धारित समय पर पूरा करने के निर्देश दिए थे.