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कोरोना की जंग में हम साथ, लेकिन सीएम कोष में जमा राशि का हिसाब दें मुख्यमंत्री : मदन दिलावर

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Published : Sep 3, 2020, 5:51 PM IST

Updated : Sep 3, 2020, 8:42 PM IST

बीजेपी विधायक और प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि सीएम कोष में जनता और जन प्रतिनिधियों ने जो पैसा जमा करवाया था, उसका हिसाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए.

Madan Dilawar Target Gehlot, CM Relief Fund
मदन दिलावर ने साधा गहलोत सरकार पर निशाना

जयपुर. प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चल रही जंग में योगदान के लिए 1 से 7 दिन तक के वेतन कटौती के गहलोत कैबिनेट के फैसले पर सियासत गरमा गई है. भाजपा विधायक और प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि कोरोना से जंग में हम सब सरकार के साथ हैं, लेकिन पूर्व में जो योगदान सीएम कोष में जनता और जनप्रतिनिधियों ने जमा कराया है, उसका हिसाब भी मुख्यमंत्री को जनता को देना चाहिए.

मदन दिलावर ने साधा गहलोत सरकार पर निशाना

जयपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिलावर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहले जब इस महामारी से जंग में योगदान और समर्थन मांगा तो जनता कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों ने खुले मन से इसका समर्थन किया और राहत कोष में आर्थिक मदद भी की. लेकिन उस कोष से सरकार ने होटलों में विधायकों को क्वॉरेंटाइन करवाया. उस कोष से सरकार ने रमजान माह में जमातियों को रसगुल्ले, रसमलाई, खजूर और 700 रुपये तक की थाली तक परोसी, जबकि उस दौरान हिंदू भाइयों के नवरात्र पर्व और रामनवमी व चेटीचंड पर्व भी चल रहे थे, लेकिन उनके लिए इस प्रकार के विशेष भोजन की कोई व्यवस्था सरकार ने नहीं की.

पढ़ें- लोकसभा-राज्यसभा में शून्यकाल-प्रश्नकाल नहीं होने के सवाल पर कांग्रेस को BJP नेताओं ने दिखाया आईना

गौरतलब है कि हाल ही में प्रदेश की गहलोत कैबिनेट ने कोरोना महामारी से जंग के लिए मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, अधिकारी और कर्मचारियों के प्रतिमाह 1 से लेकर 7 दिन तक वेतन कटौती कर राहत कोष में जमा करवाए जाने का निर्णय लिया है. जिसको लेकर विधायक मदन दिलावर ने सवाल खड़े किए हैं.

पुलिस सेवा अधिकारियों की भर्ती मामले को लेकर सरकार पर निशाना

मदन दिलावर ने प्रदेश सरकार पर राजस्थान पुलिस सेवा अधिकारियों की भर्ती मामले में कोर्ट को ही भ्रमित करने का आरोप लगाया है. दिलावर ने कहा कि यह जानकर आश्चर्य होगा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार आमजन को तो भ्रमित करती ही है, लेकिन अब तो सरकार उच्च न्यायालय को भी भ्रमित करने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा कि एक जनहित याचिका के तहत राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारियों की भर्ती होनी थी, इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय ने भी इनसे वस्तुस्थिति रिपोर्ट शपथ पत्र के आधार पर मांगी थी. इस पर सरकार ने जवाब दिया कि पुलिस सेवा के अधिकारियों की हमने भर्ती प्रारंभ कर दी है. परीक्षा हो गई है. वहीं आरपीएससी ने क्या कहा, अभी हम को भर्ती करने के आदेश ही नहीं मिले हैं. मतलब सरकार अब न्यायालय को भी भ्रमित कर रही है.

जयपुर. प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए चल रही जंग में योगदान के लिए 1 से 7 दिन तक के वेतन कटौती के गहलोत कैबिनेट के फैसले पर सियासत गरमा गई है. भाजपा विधायक और प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर ने कहा है कि कोरोना से जंग में हम सब सरकार के साथ हैं, लेकिन पूर्व में जो योगदान सीएम कोष में जनता और जनप्रतिनिधियों ने जमा कराया है, उसका हिसाब भी मुख्यमंत्री को जनता को देना चाहिए.

मदन दिलावर ने साधा गहलोत सरकार पर निशाना

जयपुर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिलावर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहले जब इस महामारी से जंग में योगदान और समर्थन मांगा तो जनता कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों ने खुले मन से इसका समर्थन किया और राहत कोष में आर्थिक मदद भी की. लेकिन उस कोष से सरकार ने होटलों में विधायकों को क्वॉरेंटाइन करवाया. उस कोष से सरकार ने रमजान माह में जमातियों को रसगुल्ले, रसमलाई, खजूर और 700 रुपये तक की थाली तक परोसी, जबकि उस दौरान हिंदू भाइयों के नवरात्र पर्व और रामनवमी व चेटीचंड पर्व भी चल रहे थे, लेकिन उनके लिए इस प्रकार के विशेष भोजन की कोई व्यवस्था सरकार ने नहीं की.

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गौरतलब है कि हाल ही में प्रदेश की गहलोत कैबिनेट ने कोरोना महामारी से जंग के लिए मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, अधिकारी और कर्मचारियों के प्रतिमाह 1 से लेकर 7 दिन तक वेतन कटौती कर राहत कोष में जमा करवाए जाने का निर्णय लिया है. जिसको लेकर विधायक मदन दिलावर ने सवाल खड़े किए हैं.

पुलिस सेवा अधिकारियों की भर्ती मामले को लेकर सरकार पर निशाना

मदन दिलावर ने प्रदेश सरकार पर राजस्थान पुलिस सेवा अधिकारियों की भर्ती मामले में कोर्ट को ही भ्रमित करने का आरोप लगाया है. दिलावर ने कहा कि यह जानकर आश्चर्य होगा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार आमजन को तो भ्रमित करती ही है, लेकिन अब तो सरकार उच्च न्यायालय को भी भ्रमित करने की कोशिश कर रही है.

उन्होंने कहा कि एक जनहित याचिका के तहत राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारियों की भर्ती होनी थी, इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय ने भी इनसे वस्तुस्थिति रिपोर्ट शपथ पत्र के आधार पर मांगी थी. इस पर सरकार ने जवाब दिया कि पुलिस सेवा के अधिकारियों की हमने भर्ती प्रारंभ कर दी है. परीक्षा हो गई है. वहीं आरपीएससी ने क्या कहा, अभी हम को भर्ती करने के आदेश ही नहीं मिले हैं. मतलब सरकार अब न्यायालय को भी भ्रमित कर रही है.

Last Updated : Sep 3, 2020, 8:42 PM IST
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