जयपुर. राजस्थान विधानसभा में प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार विषय पर हुई वर्कशॉप में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी सुझाव लिए गए. खास बात यह रही कि भाजपा विधायक मदन दिलावर और रामलाल शर्मा जहां जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए जाने के पक्ष में नजर आए तो वहीं कांग्रेस विधायक वाजिब अली कानून बनाए के विरोध में लेकिन जागरूकता के पक्ष में नजर आए. इस बीच दिलावर ने जनसंख्या वृद्धि को लेकर एक और विवादित बयान दिया है.
दरअसल भारतीय संसदीय संस्थान जनसंख्या व विकास और विश्व स्वास्थ्य संगठन नई दिल्ली ने संयुक्त रूप से इस कार्यशाला का आयोजन किया था. इसमें सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा के भी विधायकों ने हिस्सा लिया. इस दौरान कोरोना काल में जनसंख्या बढ़ोतरी का विषय भी उठा और इसके प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़े असर पर भी चर्चा हुई. हालांकि कांग्रेस (Congress on population control) व भाजपा के विधायकों ने इस दौरान अलग-अलग राय दी.
मदन दिलावर के विवादित बोल
कार्यशाला में शामिल हुए दिलावर ने वर्कशॉप के बाद मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि आज देश में बढ़ती जनसंख्या के चलते बेरोजगारों की फौज खड़ी हो रही है, जो चिंता का विषय है. ऐसे में जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून आना बेहद जरूरी है. दिलावर ने इस दौरान यह भी कहा कि कुछ लोग चाहते हैं कि 4 बीवियां रखकर 25-25 बच्चे पैदा करें और बेरोजगारी का ठीकरा सरकार पर फोड़े. इसलिए जनसंख्या नियंत्रण कानून आना चाहिए. यह सरकारों और देशवासियों की भी जिम्मेदारी है.
कानून की आवश्यकता नहीं, जागरूकता जरूरी-वाजिब अली
वहीं वाजिब अली ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कहा कि इसके लिए कानून की आवश्यकता नहीं है बल्कि जागरूकता के जरिए ही जनसंख्या नियंत्रण हो सकता है. उनके अनुसार किसी को भी कानून लाकर इस प्रकार से बातें करना उचित नहीं होगा.
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी की अध्यक्षता में हुई इस कार्यशाला में संस्थान के उपाध्यक्ष और सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा अपने विषय की जानकारी दी. वहीं संस्थान के कार्यकारी सचिव मनमोहन शर्मा ने भारत में कोविड-19 दौरान और उसके बाद में प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार से जुड़ी परियोजना को लेकर जानकारी दी.