जयपुर. प्रदेश में लंपी स्किन रोग के बढ़ते संक्रमण के बीच 50 हजार से अधिक गौवंश की मौत (Cows Death in Rajasthan) हो चुकी है और लाखों गौवंश संक्रमित हैं. इस बीच भाजपा लंपी रोग की रोकथाम में गहलोत सरकार को विफल बताते हुए 20 सितंबर को विधानसभा का घेराव करेगी. वहीं, जयपुर में भाजपा पार्षदों ने सरकार पर अकर्मण्यता का आरोप लगाते हुए संक्रमित गौमाता के लिए क्वारेंटाइन सेंटर स्थापित करना शुरू कर दिए हैं.
दरअसल, 19 सितंबर से राजस्थान विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है और उसके ठीक 1 दिन बाद (Session of Rajasthan Assembly) बीजेपी विधानसभा के बाहर अपना शक्ति प्रदर्शन करेगी. क्योंकि इस बार कई विधायकों ने लंपी स्किन डिजीज से जुड़े सवाल तो लगाए हैं, लेकिन सदन में उनमें से कुछ को ही इस मुद्दे पर सरकार से सवाल करने का मौका मिलेगा. ऐसे में भाजपा ने सदन के बाहर ही सड़कों पर सरकार को इस मामले में घेरने की रणनीति बनाई है.
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि सरकार ने गौ माता के नाम पर (Ram Lal Sharma on Lumpy Virus) हजारों करोड़ की सेस की राशि तो एकत्रित कर ली, लेकिन इस बीमारी की रोकथाम के लिए उस राशि का समुचित उपयोग नहीं किया गया. जिसके चलते आज हजारों गौमाता तड़प-तड़प कर मर रही हैं. शर्मा ने कहा कि सरकार को जगाने के लिए भाजपा विधानसभा के बाहर विरोध-प्रदर्शन करेगी.
भाजपा पार्षद अपने क्षेत्रों में बना रहे संक्रमित गोवंश के लिए क्वारेंटाइन सेंटर : वहीं, प्रदेश की राजधानी जयपुर में लंपी स्किन रोग से पीड़ित गोवंश के उपचार और क्वारेंटाइन के लिए एकमात्र हिंगोनिया गौशाला पर निर्भरता है. वहीं, एक-दो वाहन ही संक्रमित पशुओं को लाने ले जाने का काम में जुटी है. ऐसे में भाजपा पार्षद अपने स्तर पर अपने वार्ड में संक्रमित गोवंश के लिए क्वारेंटाइन स्थल बना रहे हैं.
पढ़ें : Special: प्रदेश में गायों के नाम पर वसूला जाता है करोड़ों का टैक्स, फिर भी बेकदरी का शिकार
नगर निगम ग्रेटर उपमहापौर पुनीत कर्णावत ने बताया कि कुछ पार्षदों ने इसकी शुरुआत भी कर दी है. पुनीत कर्णावत ने आरोप लगाया कि निगम अधिकारियों की लचर कार्यशैली के चलते जयपुर में संक्रमित गौमाता का समुचित उपचार व्यवस्था नहीं हो पा रही है. जिसके चलते पार्षदों ने अपने वार्डों में क्वारेंटाइन सेंटर बनाने का काम शुरू किया है, ताकि क्षेत्र की संक्रमित गोवंश वहां रखा जा सके और उपचार किया जा सके.