जयपुर. प्रदेश में गायों में लंपी बीमारी के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है. अब तक प्रदेश में 50 हजार से अधिक गायों की मौत हो चुकी है. वहीं अब तक प्रदेश में 11 लाख से ज्यादा गायें संक्रमित हो चुकी हैं. इसके अलावा संक्रमित गायों के दूध के उपयोग को लेकर अभी भी संशय बना हुआ है. विशेषज्ञों का कहना है कि सामान्य गाय का दूध उपयोग में लाया जा सकता है. लेकिन संक्रमित गाय के दूध के उपयोग को लेकर सावधानी बरतें. वहीं मौजूदा समय में गाय के दूध का उपयोग कितना सुरक्षित है इसे लेकर चिकित्सा विभाग बेखबर है. अभी तक गायों के दूध के सैंपल लेने और उनकी जांच को लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया गया है.
प्रदेश में लंपी बीमारी से हर दिन हजारों गायें संक्रमित हो रही हैं. इसी बीच गाय के दूध के उपयोग को लेकर लोगों में (Is milk of a lumpy infected cow Safe) असमंजस की स्थिति बनी हुई है. जबकि मौजूदा समय में गाय का दूध कितना सुरक्षित है इसकी जानकारी किसी को नहीं है. यहां तक की चिकित्सा विभाग की ओर से जांच के लिए दूध के सैंपल तक नहीं लिए गए हैं. मामले को लेकर गोपालन विभाग के पशु चिकित्सक डॉक्टर तपेश माथुर का कहना है कि यदि गाय स्वास्थ्य है तो उसका दूध मौजूदा समय में भी उपयोग में लाया जा सकता है. लेकिन उसे गर्म करने की जरुरत है. क्योंकि गर्म करने के बाद वायरस पूरी तरह खत्म हो जाता है. लेकिन यदि गाय संक्रमित है तो उसके दूध का उपयोग में लेने से बचें.
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डॉ माथुर ने यह भी दावा किया है कि फिलहाल गाय के दूध के उपयोग के बाद मानव में इसी तरह की कोई बीमारी की पुष्टि अभी (Testing of Lumpy infected Cow Milk) तक नहीं हुई है. वहीं पिछले महीने प्रदेश के दौरे पर आए केंद्रीय पशुपालन मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने भी कहा था कि जो गाय किसी बीमारी से संक्रमित है उसका दूध पीने से लोगों को बचना चाहिए. ऐसी गायों को आइसोलेट करने की जरूरत है.
जरूरत पड़ी तो करेंगे सैम्पलिंग: वहीं मामले को लेकर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा का कहना है कि (Cases of Lumpy in Rajasthan) इस वायरस की रोकथाम को लेकर प्रदेश की सरकार काम कर रही है. अभी तक गाय के दूध को पीने से कोई इंफेक्शन का मामला सामने नहीं आया है. जबकि केंद्रीय मंत्री ने संक्रमित गाय के दूध के उपयोग की रोकथाम की बात कही थी. ऐसे में गाय का दूध मौजूदा समय में कितना सुरक्षित है इसकी जानकारी चिकित्सा विभाग को नहीं है. क्योंकि अभी तक गाय के दूध के सैंपल लेकर उसकी जांच नहीं की गई है. हालांकि चिकित्सा मंत्री का कहना है कि यदि जरुरत पड़ी तो निश्चित तौर पर विभाग सैंपल लेगा और जांच करेगा.