जयपुर. पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, जालौर, बाड़मेर, पाली, जोधपुर और बीकानेर जिलों की गायों में लंपी डिजीज (Lumpy disease alert in Rajasthan) नाम की बीमारी तेजी से पैर पसार रही है. हालात यह है की पश्चिमी राजस्थान की कई गौशालाओं समेत आम लोगों की गाय न केवल इससे प्रभावित हुईं, बल्कि इसके चलते उनकी मौत भी हो चुकी है.
कोरोना के मामलों में जिस तरह से कमजोर इम्यूनिटी वाले पर वायरस का असर ज्यादा हुआ, उसी तरह लंपी डिजीज उन्हीं गायों को ज्यादा प्रभावित कर रहा है जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है. इस बीमारी की शुरुआत में गायों को पहले बुखार होता हैं और स्वास नली में संक्रमण हो जाता है. इसके बाद गाय की मौत हो जाती है. बीमारी कोरोना की तरह संक्रामक है, लेकिन इसका असर इंसानों में तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स की तरह होता है, जिसमें गायों के शरीर पर फफोले हो जाते हैं.
गौशाला की गाय ज्यादा हो रही शिकार : इस बीमारी का ज्यादातर असर बीमार और गौशाला में रहने वाली कम इम्यूनिटी वाली गायों पर हो रहा है. इसके चलते गौशालाओं में बड़ी संख्या में गायों की मौत हुई है. हालांकि विभाग इसको लेकर कुछ भी कर पाने में सक्षम नहीं है, क्योंकि इस बीमारी की भी अब तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है.
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि दुनिया में अब तक गायों में फैल रही इस बीमारी की कोई वैक्सीन नहीं बनी है. जिस तरह से इम्यूनिटी की दवाएं इंसानों को दी जाती है, वैसे ही जानवरों को भी दी जाती है. उन्होंने कहा यह बीमारी छुआछूत की तरह फैलती है. ऐसे में 139 तरह की जो इम्यूनिटी बूस्टर है वह सरकार फ्री में उपलब्ध करवा रही है. मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि इस बीमारी के चलते बड़ी संख्या में गायों की मौत हुई है. जिसमें ज्यादातर गौशाला में रहने वाले वह पशु शामिल हैं.
दूध से नहीं फैल रहा लंपी : गायों में तेजी से फैल रही इस बीमारी को संक्रामक बीमारी माना जा रहा है. लेकिन राहत की बात यह है कि भले ही यह संक्रामक रोग हो, लेकिन गायों के दूध से यह रोग इंसानों में नहीं फैल रहा है. मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि इस रोग से पशुधन का नुकसान हुआ है. इसके चलते सरकार ने विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों और पशु चिकित्सकों को गौशालाओं में लगातार निगरानी करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही जिन गायों में यह रोग फैला है, उन गायों को ड्रिप के माध्यम से इम्युनिटी बूस्टर दिए जाने को भी कहा है.