जयपुर. प्रदेश में बढ़ते कोविड-19 के संक्रमण के बीच राहत वाली बात ये है कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में राजस्थान में मृत्यु दर सबसे कम है और रिकवरी रेट सबसे ज्यादा है. लेकिन चिंता की बात यह है कि प्रदेश के 33 जिलों में से 11 जिले अब भी ऐसे हैं, जहां कोरोना की निशुल्क जांच उपलब्ध नहीं हो पाई है. राजस्थान विधानसभा में कोरोना पर चर्चा के दौरान यह जानकारी खुद चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने दी.
सरकार का संकल्प मृत्यु दर 0% हो
इस दौरान रघु शर्मा ने कहा हमारी सरकार का संकल्प है कि इस महामारी से मृत्यु दर 0% पर आए और रिकवरी रेट और अधिक बढ़ जाए. सदन में शुक्रवार को प्रश्नकाल और शून्यकाल नहीं हुआ. मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी द्वारा सदन में कार्य सलाहकार समिति की बैठक का प्रतिवेदन रखने के बाद कुछ विधायी कार्य हुए और सीधे कोरोना के प्रबंधन कॉल लॉक डाउन से आर्थिक स्थिति पर हुए असर विषय पर चर्चा शुरू हो गई.
रिकवरी रेट 70 फीसदी से अधिक
इस विषय पर बोलते हुए चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान में कोरोना से मृत्यु दर 1.38% है, जबकि पूरे देश में ये दर 1.92% है. वहीं प्रदेश में रिकवरी रेट 70% से भी अधिक है. जो अन्य प्रदेशों की तुलना में काफी बेहतर है.
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चिकित्सा मंत्री ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 46 हजार प्रतिदिन कोरोना टेस्टिंग की जा रही है. जिसे आगामी दिनों में बढ़ाकर 60 हजार जांच प्रतिदिन करने का लक्ष्य है.
प्लाजमा थेरेपी से मिली राहत
सदन में अपने संबोधन के दौरान चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने प्लाजमा थेरेपी को भी इस महामारी में उपचार का एक कारागार उपाय बताया. रघु शर्मा ने कहा अब तक राजस्थान में प्लाज्मा की 294 यूनिट प्राप्त हुई है. जिसे 211 लोगों को प्लाज्मा दिया गया और खुशी की बात है कि शत-प्रतिशत यह मरीज रिकवर हुए हैं.
11 जिलों में जल्द शुरू होगी निशुल्क जांच
सदन में अपने उद्बोधन के दौरान चिकित्सा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 22 जिलों में सरकार के स्तर पर निशुल्क कोविड-19 की जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. आने वाले 1 महीने के भीतर बचे हुए 11 जिलों में भी निशुल्क कोविड-19 की जांच की सुविधा मुहैया करा दी जाएगी.
रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश में कुल 35 स्थानों पर कोविड-19 की जांच सुविधा उपलब्ध है. इनमें से 25 जांच सेंटर सरकारी स्तर पर संचालित हैं, जबकि 10 जांच सेंटर निजी स्तर पर संचालित किए जा रहे हैं.