जयपुर. कोविड-19 संक्रमण देश और दुनिया में लगातार बढ़ता जा रहा है. कोरोना संक्रमण के चलते देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था भी गड़बड़ा गई है. वहीं, कोविड-19 के कारण हर तबके के लोगों को आर्थिक परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है. ऐसा ही हाल राजधानी जयपुर में लोगों को गाड़ी सिखाने वाले मोटर ड्राइविंग स्कूल के लोगों का है.
मोटर ड्राइविंग स्कूल से जुड़े लोग रोजाना आरटीओ कार्यालय के चक्कर लगाते हैं और उन्हें काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है. ना ही खुद आरटीओ राजेंद्र वर्मा के द्वारा उनकी सुनवाई की जाती है और ना ही दूसरे अधिकारी उन पर ध्यान देते हैं. अब मोटर ड्राइविंग स्कूल के लोगों पर भी परिवहन विभाग के द्वारा आर्थिक बोझ डालने की तैयारी शुरू हो गई है.
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बता दें मोटर ड्राइविंग स्कूल वाले संचालक को 200 लर्निंग लाइसेंस बनाने की परमिशन होती है. अभी तक इसके लिए मोटर ड्राइविंग स्कूल के लोगों से 30 हजार रुपये तक सिक्योरिटी के रूप में जमा करवाए जाते थे, लेकिन अब परिवहन विभाग के द्वारा इस राशि को बढ़ाकर 1 लाख 20 हजार रुपये कर दिया गया है. क्योंकि मोटर ड्राइविंग स्कूल के लोगों के लिए एक परेशानी का सबब भी बन गया है.
मोटर ड्राइविंग स्कूल संचालक लालचंद सैनी ने कहा कि कोरोना काल में परिवहन विभाग के द्वारा मोटर ड्राइविंग स्कूल के लोगों की अचानक से लॉगिन आईडी बंद कर दी गई है. इसकी वजह से उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जब उन्होंने परिवहन विभाग में जाकर इस बात के संबंध में पता किया तो 1 लाख 20 हजार रुपये जमा कराने को कहा गया.
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लालचंद सैनी ने बताया कि परिवहन विभाग के इस नए आदेश को लेकर किसी भी तरह का नोटिस उन्हें नहीं दिया गया था, लेकिन विभाग के द्वारा उनकी लॉगिन आईडी को बंद कर दी गई है. इसके साथ ही लालचंद ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा लागू किए गए नए मोटर व्हीकल एक्ट में इस तरह की राशि लेने का भी प्रावधान नहीं है. उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग में पहले फीस जमा होती है और उसके बाद ही लाइसेंस का टोकन नंबर मिलता है. लेकिन, राजस्थान परिवहन विभाग के द्वारा अपनी मनमर्जी करते हुए मोटर ड्राइविंग स्कूल वाले लोगों के ऊपर आर्थिक भार डाला जा रहा है ।