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लॉकडाउनः मजदूरों का पलायन जारी, वाहन नहीं मिले तो पैदल ही नाप रहे रास्ता

कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन जारी है. लेकिन, इस मेडिकल इमरजेंसी के बावजूद राजधानी जयपुर से अपने गृह जिले लौटने के लिए मजदूरों का पलायन जारी है. हालांकि, सरकार घर लौट रहे लोगों की सेहत पर कड़ी निगरानी रखने के लिए जिला स्तर पर अपनी नजर रख रही है.

जयपुर न्यूज, jaipur news
मजदूरों का पलायन बना सरकार के लिए बड़ी चुनौती
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Published : Mar 30, 2020, 5:10 PM IST

जयपुर. रोजी-रोटी की आस में अपने गांव से देश के विभिन्न शहरों में गए मजदूर और कामगारों का पलायन अभी जारी है. लॉकडाउन के चलते सैकड़ों मजदूर बीच मझधार में फंस गए हैं. काम धंधे बंद होने के बाद अब भूखे मरने की नौबत आई, तो मजदूर पैदल ही अपने गांव की ओर निकल रहे हैं.

मजदूरों का पलायन बना सरकार के लिए बड़ी चुनौती

हालांकि, प्रदेश सरकार ने 2 दिन मजदूरों को उनके गृह जिले तक छोड़ने के लिए बसों का संचालन किया था. लेकिन, इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ने के बाद अब एक बार फिर इस पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में अब साधन नहीं मिलने के चलते मजदूर वर्ग पैदल ही जाते नजर आ रहा है.

जयपुर की बड़ी चौपड़ से गुजरते हुए लोगों ने बताया कि वो यूपी और एमपी के गांवों लिए जयपुर के विभिन्न कोनों से रवाना हुए हैं. इनके साथ मासूम बच्चे भी शहर की सड़कों पर भटक रहे हैं. लोगों ने बताया कि 2 दिन से बस जाने की सूचना पर वो आज घरों से निकले, लेकिन आज कोई साधन उपलब्ध नहीं हो रहा. ऐसे में पैदल ही अपने गृह जिले के लिए रवाना हो रहे हैं.

पढ़ें- LOCKDOWN: D-MART और BIG BAZAR करेगा डोर-टू-डोर राशन सप्लाई

मजदूरों का ये पलायन कहीं ना कहीं प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. इसे लेकर प्रदेश के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि जो कोई परिस्थिति बनी है उससे पार पाने की कोशिश की जा रही है. ये अंतरराज्यीय मामला है, जिसमें राजस्थान अपने दम पर अकेले कुछ नहीं कर सकता.

हिसाब से तो ये परिस्थिति आनी ही नहीं चाहिए थी, लेकिन केंद्र सरकार का एक आदेश आया, उससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई. अब इससे निपटा जा रहा है. वहीं उन्होंने केंद्र सरकार से अपना खजाना खोल, राज्य सरकारों को संसाधन उपलब्ध कराने की अपील की है.

पढ़ेंः अजमेर: लॉक डाउन में फंसे यात्रियों को उनके गंतव्य स्थान तक छोड़ने के लिए 18 बसें रवाना

बता दें कि कोरोना संक्रमण को चलते देश में लॉकडाउन हैं और प्रदेशों की सीमाएं भी सील कर दी गई हैं, फिर भी मजदूरों के कदम थम नहीं रहे. वे भूखे प्यासे सड़कों पर भटकने को मजबूर हैं. हालांकि, प्रशासन उन तक राहत सामग्री पहुंचाने का दावा करते हुए घरों में रहने की अपील जरूर कर रहा है.

जयपुर. रोजी-रोटी की आस में अपने गांव से देश के विभिन्न शहरों में गए मजदूर और कामगारों का पलायन अभी जारी है. लॉकडाउन के चलते सैकड़ों मजदूर बीच मझधार में फंस गए हैं. काम धंधे बंद होने के बाद अब भूखे मरने की नौबत आई, तो मजदूर पैदल ही अपने गांव की ओर निकल रहे हैं.

मजदूरों का पलायन बना सरकार के लिए बड़ी चुनौती

हालांकि, प्रदेश सरकार ने 2 दिन मजदूरों को उनके गृह जिले तक छोड़ने के लिए बसों का संचालन किया था. लेकिन, इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ने के बाद अब एक बार फिर इस पर रोक लगा दी गई है. ऐसे में अब साधन नहीं मिलने के चलते मजदूर वर्ग पैदल ही जाते नजर आ रहा है.

जयपुर की बड़ी चौपड़ से गुजरते हुए लोगों ने बताया कि वो यूपी और एमपी के गांवों लिए जयपुर के विभिन्न कोनों से रवाना हुए हैं. इनके साथ मासूम बच्चे भी शहर की सड़कों पर भटक रहे हैं. लोगों ने बताया कि 2 दिन से बस जाने की सूचना पर वो आज घरों से निकले, लेकिन आज कोई साधन उपलब्ध नहीं हो रहा. ऐसे में पैदल ही अपने गृह जिले के लिए रवाना हो रहे हैं.

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मजदूरों का ये पलायन कहीं ना कहीं प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. इसे लेकर प्रदेश के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा कि जो कोई परिस्थिति बनी है उससे पार पाने की कोशिश की जा रही है. ये अंतरराज्यीय मामला है, जिसमें राजस्थान अपने दम पर अकेले कुछ नहीं कर सकता.

हिसाब से तो ये परिस्थिति आनी ही नहीं चाहिए थी, लेकिन केंद्र सरकार का एक आदेश आया, उससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई. अब इससे निपटा जा रहा है. वहीं उन्होंने केंद्र सरकार से अपना खजाना खोल, राज्य सरकारों को संसाधन उपलब्ध कराने की अपील की है.

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बता दें कि कोरोना संक्रमण को चलते देश में लॉकडाउन हैं और प्रदेशों की सीमाएं भी सील कर दी गई हैं, फिर भी मजदूरों के कदम थम नहीं रहे. वे भूखे प्यासे सड़कों पर भटकने को मजबूर हैं. हालांकि, प्रशासन उन तक राहत सामग्री पहुंचाने का दावा करते हुए घरों में रहने की अपील जरूर कर रहा है.

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