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स्पेशल: 4 मई से शर्तों के साथ खुल सकेंगी शराब की दुकानें, सरकार को अब तक 1500 करोड़ का नुकसान

कंटेंटमेंट जोन को छोड़कर प्रदेश में 4 मई से शराब की दुकानें खुल सकेंगी. लॉकडाउन के दौरान सरकार को हर महीने 1 हजार करोड़ के रेवेन्यू का नुकसान हो रहा था. फिलहाल शराब की दुकानों पर तीन ताले लगे हुए हैं. एक दुकानदार दूसरा दुकान के मालिक और तीसरा आबकारी विभाग की ओर लगाई गई सील.

4 मई से खुलेंगी शराब की दुकानें, Liquor shops will open from May 4
4 मई से खुलेंगी शराब की दुकानें
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Published : May 2, 2020, 4:54 PM IST

जयपुर. देश में लॉकडाउन 2.0 का शनिवार को 40वां दिन है. इन 39 दिनों से पूरे देश में कहीं भी शराब की दुकानें नहीं खुली है. वहीं, शराब हर सरकार के लिए रेवेन्यू का पेट्रोल डीजल के बाद बड़ा संसाधन होता है. ऐसे में सरकारों के लिए भी यह राहत की खबर है. कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी सब जगह शर्तों के साथ शराब की दुकानें खुल सकेगी.

4 मई से शर्तों के साथ खुलेंगी शराब की दुकानें

प्रदेश में शराब बंद होने से सरकार को तो करीब 1500 करोड़ का रेवेन्यू का नुकसान हुआ है ही इसके साथ ही शराब की दुकाने चलाने वाले भी इससे कम परेशान नहीं है. लॉकडाउन पर शराब के उन व्यापारियों पर दोहरी मार पड़ी है. जिनको नई शराब की दुकानें आवंटित नहीं हुई है और पुरानी शराब लॉकडाउन के चलते दुकानों में ही पड़ी रह गई है. इन्हें अपनी शराब को बेचने के लिए सरकार कोई राहत दे सकती है.

पढ़ें- SPECIAL: Online क्लास से बच्चों को हो रही परेशानी, सेहत पर पड़ रहा बुरा असर

वहीं, वह दुकानदार जिन्हें इस साल के लिए नए लाइसेंस मिल गए हैं. लेकिन वह 1 महीने से अपनी दुकाने नहीं खोल पाए हैं, उन्हें सरकार से पूरी सप्लाई लेनी होगी. हालांकि राज्य में ज्यादातर जगह शराब की सप्लाई इन शराब के व्यापारियों ने नहीं उठाई. क्योंकि अगर वह सप्लाई उठा भी लेते है, तो उसे बेच नहीं सकते.

ऐसे में राजस्थान स्टेट ब्रेवरीज कॉरपोरेशन लिमिटेड के जो गोडाउन है उन पर भारी तादाद में शराब इकट्ठी है. क्योंकि शराब दुकानों पर सप्लाई नहीं हो पाई, तो वहीं ज्यादातर दुकानदार वह है. जिनके सामने संकट खड़ा हो गया है कि जब लॉकडाउन खुलेगा तो विभाग की ओर से फिजिकल करके यह देखा जाएगा कि उनके पास कितना स्टॉक है. अगर उस दुकानदार को दोबारा इस साल के लिए भी लाइसेंस अलॉट हुआ है तो उसको वह शराब रोलओवर कर दी जाएगी अन्यथा शराब को जब्त करने का निर्णय भी लिया जा सकता है.

पढ़ें- Special Story: कम्यूनिटी किचन से मिल रहा प्रतिदिन 7 हजार लोगों को खाना, नहीं ली जा रही कोई सरकारी मदद

यह है शराब से संबंधित आंकड़े

1. राजधानी जयपुर में इंग्लिश शराब की 206 और देसी की 197 दुकानें है.

2. पूरे राजस्थान में इंग्लिश की 1000 और देसी अपोजिट मिलाकर 5556 दुकानें हैं.

3. सरकार को शराब का सालाना करीब 12 हजार करोड़ रेवेन्यू मिलता है, ऐसे में 40 दिन में करीब 1500 करोड़ का नुकसान सरकार को हो चुका हैं.

4. जिनका शराब का लाइसेंस दोबारा आवंटित हो गया है, उन्हें तो स्टॉक में बड़ी शराब आगे के लिए आवंटित कर दी जाएगी. लेकिन जिस का लाइसेंस मार्च में खत्म हुआ उसकी शराब जब्त भी की जा सकती है.

5. हर उस दुकान पर तीन ताले लगे हुए हैं, जो दोबारा रिन्यू नहीं हुई है. एक ताला दुकानदार का है दूसरा ताला दुकान के मालिक का है, तो आबकारी विभाग की ओर से दुकान पर सील भी लगाई गई है. जिससे शराब के दुकानदार शराब दुकान से लॉकडाउन के दौरान बेच नहीं सके.

जयपुर. देश में लॉकडाउन 2.0 का शनिवार को 40वां दिन है. इन 39 दिनों से पूरे देश में कहीं भी शराब की दुकानें नहीं खुली है. वहीं, शराब हर सरकार के लिए रेवेन्यू का पेट्रोल डीजल के बाद बड़ा संसाधन होता है. ऐसे में सरकारों के लिए भी यह राहत की खबर है. कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी सब जगह शर्तों के साथ शराब की दुकानें खुल सकेगी.

4 मई से शर्तों के साथ खुलेंगी शराब की दुकानें

प्रदेश में शराब बंद होने से सरकार को तो करीब 1500 करोड़ का रेवेन्यू का नुकसान हुआ है ही इसके साथ ही शराब की दुकाने चलाने वाले भी इससे कम परेशान नहीं है. लॉकडाउन पर शराब के उन व्यापारियों पर दोहरी मार पड़ी है. जिनको नई शराब की दुकानें आवंटित नहीं हुई है और पुरानी शराब लॉकडाउन के चलते दुकानों में ही पड़ी रह गई है. इन्हें अपनी शराब को बेचने के लिए सरकार कोई राहत दे सकती है.

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वहीं, वह दुकानदार जिन्हें इस साल के लिए नए लाइसेंस मिल गए हैं. लेकिन वह 1 महीने से अपनी दुकाने नहीं खोल पाए हैं, उन्हें सरकार से पूरी सप्लाई लेनी होगी. हालांकि राज्य में ज्यादातर जगह शराब की सप्लाई इन शराब के व्यापारियों ने नहीं उठाई. क्योंकि अगर वह सप्लाई उठा भी लेते है, तो उसे बेच नहीं सकते.

ऐसे में राजस्थान स्टेट ब्रेवरीज कॉरपोरेशन लिमिटेड के जो गोडाउन है उन पर भारी तादाद में शराब इकट्ठी है. क्योंकि शराब दुकानों पर सप्लाई नहीं हो पाई, तो वहीं ज्यादातर दुकानदार वह है. जिनके सामने संकट खड़ा हो गया है कि जब लॉकडाउन खुलेगा तो विभाग की ओर से फिजिकल करके यह देखा जाएगा कि उनके पास कितना स्टॉक है. अगर उस दुकानदार को दोबारा इस साल के लिए भी लाइसेंस अलॉट हुआ है तो उसको वह शराब रोलओवर कर दी जाएगी अन्यथा शराब को जब्त करने का निर्णय भी लिया जा सकता है.

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यह है शराब से संबंधित आंकड़े

1. राजधानी जयपुर में इंग्लिश शराब की 206 और देसी की 197 दुकानें है.

2. पूरे राजस्थान में इंग्लिश की 1000 और देसी अपोजिट मिलाकर 5556 दुकानें हैं.

3. सरकार को शराब का सालाना करीब 12 हजार करोड़ रेवेन्यू मिलता है, ऐसे में 40 दिन में करीब 1500 करोड़ का नुकसान सरकार को हो चुका हैं.

4. जिनका शराब का लाइसेंस दोबारा आवंटित हो गया है, उन्हें तो स्टॉक में बड़ी शराब आगे के लिए आवंटित कर दी जाएगी. लेकिन जिस का लाइसेंस मार्च में खत्म हुआ उसकी शराब जब्त भी की जा सकती है.

5. हर उस दुकान पर तीन ताले लगे हुए हैं, जो दोबारा रिन्यू नहीं हुई है. एक ताला दुकानदार का है दूसरा ताला दुकान के मालिक का है, तो आबकारी विभाग की ओर से दुकान पर सील भी लगाई गई है. जिससे शराब के दुकानदार शराब दुकान से लॉकडाउन के दौरान बेच नहीं सके.

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