जयपुर. राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) भर्ती 2018 को लेकर उठा विवाद फिलहाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. एक बार फिर शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा का नाम नए विवाद से जुड़ गया है. अब डोटासरा के एक रिश्तेदार के कोचिंग सेंटर से RAS भर्ती-2018 में ज्यादा सलेक्शन के आरोप लगे हैं.
शिक्षा और रोजगार बचाओ संघर्ष समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस पूरे मामले को लेकर आज राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की और पूरे मामले की सीबीआई जांच करवाने की मांग की है. शिक्षा और रोजगार बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह का कहना है कि आरएएस भर्ती-2018 में शिक्षा मंत्री और पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा के रिश्तेदारों को सीधे तौर पर अनुचित फायदा पहुंचाया गया है.
यह पहला ऐसा मौका है जब आरएएस साक्षात्कार के दौरान ही राजस्थान लोकसेवा आयोग में एसीबी की कार्रवाई हुई है. आयोग का एक कर्मचारी 23 लाख रुपए रिश्वत लेते पकड़ा गया और अब नई नई गड़बड़ियों की खबरें सामने आ रही हैं और इससे पूरी भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं.
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शिक्षा मंत्री के परिवार से जुड़े एक कोचिंग सेंटर से जिस तरह से सलेक्शन हुए हैं. उससे लोक सेवा आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं. इसलिए राज्यपाल से इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराने की मांग की गई है.
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सुरेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने आरएएस सहित अन्य सभी भर्ती प्रक्रियाओं में साक्षात्कार की अनिवार्यता को खत्म करने की भी मांग राज्यपाल से की है, ताकि भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता बनी रहे. सुरेंद्र सिंह का यह भी कहना है कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने उनकी दोनों मांगों को लेकर सकारात्मक रुख दिखाया है.
आरएएस भर्ती 2018 की न्यायिक जांच को लेकर उन्होंने सरकार को पत्र लिखने की बात कही है और साक्षात्कार की व्यवस्था खत्म करने को लेकर भी सकारात्मक कदम उठाने का भरोसा दिलाया है.