जयपुर. राजस्थान में लॉकडाउन के बीच कोरोना वायरस को हराने के लिए मुस्तैद डॉक्टर, नर्सेज , पैरामेडिकल स्टाफ के खिलाफ बदसलूकी और जबरदस्त किराए का मकान खाली कराने पर गहलोत सरकार सख्त एक्शन के मोड पर आ गई हैं. दरअसल, कुछ मकान मालिक इस महामारी से लड़ रहे डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ और पैरामेडिकल स्टाफ को मकान खाली करने के लिए दबाव बना रहे है. जिसके बाद गहलोत सरकार ने ये सख्त कदम उठाया हैं.
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राज्य सरकार ने टाइम आदेश निकालकर स्पष्ट कर दिया है कि किराए के मकान में रह रहे डॉक्टर, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ से जबरदस्ती यदि कोई मकान मालिक उनका आवास खाली करवाता है या बदसलूकी करता है तो उसके खिलाफ राजस्थान एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1957 के तहत कार्रवाई की जाएगी और उस मकान मालिक को जेल भी जाना पड़ सकता है.
मेडिकल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने आदेश निकालकर सभी जिला कलेक्टर, पुलिस आयुक्त, पुलिस अधीक्षक, नगर पालिका आयुक्त को कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया है. दरअसल, प्रदेश में विभिन्न हिस्सों में आ रहे डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ से जबरदस्ती आवास खाली कराने के मामले को देखते हुए सरकार ने यह कड़ा रुख अपना है.
डॉक्टर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और नर्सिंग स्टाफ से खाली करा रहे आवास के विरोध में स्टाफ ने विरोध प्रदर्शन भी किया था. डॉक्टरों का कहना था कि कोरोना वायरस से पीड़ितों का इलाज और देखभाल करने के कारण निजी मकान मालिक जबरदस्ती मकान से बेदखल कर रहे हैं और उन्हें हीनभावना से देखा जा रहा हैं.
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इसके बाद सरकार ने आदेश निकाल कर स्थिति को स्पष्ट किया. आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि मकान मालिक जबरदस्ती मकान खाली करवाता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, आदेश में यह भी साफ कर दिया कि मकान मालिक को जेल भी जाना पड़ सकता है.