ETV Bharat / city

एमबीसी के लिए सामान्य और ओबीसी के पदों को कैसे किया कमः हाईकोर्ट

राजस्थान हाईकोर्ट एलडीसी भर्ती-2018 में अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन के बाद सामान्य और ओबीसी के कुल 587 पदों को कम करने पर कार्मिक सचिव, प्रशासनिक सुधार सचिव और कर्मचारी चयन बोर्ड सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश महेंद्र गोयल ने यह आदेश संगीता गीला अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए.

Rajasthan High Court, राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट
author img

By

Published : May 20, 2020, 8:44 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट एलडीसी भर्ती-2018 में अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन के बाद सामान्य और ओबीसी के कुल 587 पदों को कम करने पर कार्मिक सचिव, प्रशासनिक सुधार सचिव और कर्मचारी चयन बोर्ड सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश महेंद्र गोयल ने यह आदेश संगीता गीला अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए.

एलडीसी भर्ती-2018

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया, कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने एलडीसी भर्ती के कुल 12 हजार 456 पदों के लिए वर्ष 2018 में भर्ती निकाली थी. भर्ती प्रक्रिया के दौरान राज्य सरकार ने एमबीसी को मिलने वाले 1 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 5 फीसदी कर दिया.

पढ़ें- यूपी के अधिकारीयों के खिलाफ मुकदमा तो बनता हैः मंत्री सुभाष गर्ग

याचिका में कहा गया कि अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन तक सभी वर्गों के तय फीसदी अभ्यर्थियों को शामिल किया गया. वहीं बोर्ड की ओर से जारी अंतिम चयन सूची में से सामान्य वर्ग के 360 और ओबीसी वर्ग के 227 पद कम कर दिए गए. याचिका में बताया गया कि राज्य सरकार ने एमबीसी वर्ग को दिए गए अतिरिक्त 4 फीसदी आरक्षण के लिए अलग से पद सृजित नहीं किए और सामान्य व ओबीसी के पदों से कटौती कर एमबीसी के कोटे में शामिल कर दिए, जिसके चलते दस्तावेज सत्यापन होने के बावजूद याचिकाकर्ता चयन से वंचित रह गए.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट एलडीसी भर्ती-2018 में अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन के बाद सामान्य और ओबीसी के कुल 587 पदों को कम करने पर कार्मिक सचिव, प्रशासनिक सुधार सचिव और कर्मचारी चयन बोर्ड सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. न्यायाधीश महेंद्र गोयल ने यह आदेश संगीता गीला अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए.

एलडीसी भर्ती-2018

याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने अदालत को बताया, कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने एलडीसी भर्ती के कुल 12 हजार 456 पदों के लिए वर्ष 2018 में भर्ती निकाली थी. भर्ती प्रक्रिया के दौरान राज्य सरकार ने एमबीसी को मिलने वाले 1 फीसदी आरक्षण को बढ़ाकर 5 फीसदी कर दिया.

पढ़ें- यूपी के अधिकारीयों के खिलाफ मुकदमा तो बनता हैः मंत्री सुभाष गर्ग

याचिका में कहा गया कि अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापन तक सभी वर्गों के तय फीसदी अभ्यर्थियों को शामिल किया गया. वहीं बोर्ड की ओर से जारी अंतिम चयन सूची में से सामान्य वर्ग के 360 और ओबीसी वर्ग के 227 पद कम कर दिए गए. याचिका में बताया गया कि राज्य सरकार ने एमबीसी वर्ग को दिए गए अतिरिक्त 4 फीसदी आरक्षण के लिए अलग से पद सृजित नहीं किए और सामान्य व ओबीसी के पदों से कटौती कर एमबीसी के कोटे में शामिल कर दिए, जिसके चलते दस्तावेज सत्यापन होने के बावजूद याचिकाकर्ता चयन से वंचित रह गए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.