जयपुर. प्रदेश में भले ही कांग्रेस ने भाजपा से कहीं ज्यादा निकायों में जीत दर्ज की है, लेकिन असल बात यह है कि प्रदेश में 20 निकायों पर कांग्रेस तो 6 निकायों व भाजपा ने जीत दर्ज की है. इसके बाद बचे 23 निकाय ऐसे हैं, जहां निर्दलीयों का ही बोलबाला है. इसका मतलब साफ है कि जिस ओर निर्दलीय होगें, उधर ही बोर्ड बनेगा.
राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने निर्दलीयों के इतनी संख्या में जीतने पर कहा कि जब एनडीए जीती थी, तो उनके देश में केवल 38 प्रतिशत वोट ही आए थे. बाकी 62 फीसदी वोट उनके खिलाफ थे, लेकिन लोकतंत्र फर्स्ट पास्ट द पोस्ट यानि जिस पार्टी को ज्यादा मत मिलते हैं, वहीं सरकार बनाता है. पायलट ने दावा किया कि कांग्रेस इस बार प्रदेश में 30 से 32 जगह अपना वोट बनाएगी. बाड़ेबंदी के भाजपा के आरोपों को उन्होंने सिरे से नकारते हुए कहा कि भाजपा तो खुद प्रदेश में दिशाहीन विपक्ष हो चुकी है. भाजपा में इतनी आपसी खींचतान और विभाजन की स्थिति हो चुकी है कि वह प्रदेश में विपक्ष के तौर पर अच्छे सुझाव भी नहीं दे पा रही है.
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पायलट ने कहा कि निकाय चुनाव का मैंडेट कांग्रेस के पक्ष में है. कांग्रेस ने किसी को जबरन अपने साथ लेने का प्रयास नहीं किया है. भाजपा के आरोपों बोलते हुए पायलट ने कहा कि बाड़ेबंदी तो राज्यसभा चुनाव में बीती भाजपा सरकार ने की थी जब विधायकों के फोन तक जब्त कर लिए गए थे. कांग्रेस केवल पार्षदों को इसलिए सार्थक रखी है, क्योंकि इन चुनाव में anti-defection कानून लागू नहीं होता है. ऐसे में बिना जानकारी के कई बार गलत वोट होने से क्रॉस वोटिंग हो जाती है. सभी पार्षदों को साथ बैठाकर उनकी समझाइश की जा रही है. भरतपुर में कांग्रेस पार्षदों के दूसरी जगह जाने की बात पर उन्होंने कहा कि उन्हें तो यह खबर है कि भाजपा के पार्षद कांग्रेस के संपर्क में हैं.