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जयपुरः ऑनलाइन बिकेंगे बकरा और बकरी, टेबलेट के जरिए देश और दुनिया से जुड़ेंगी गांव की महिलाएं

जयपुर में कृषि और पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बकरी विपणन वेबसाइट और मोबाइल एप का उद्घाटन किया. बकरी विपणन वेबसाइट को गोट वेबसाइट नाम दिया गया है. इस अवसर पर कटारिया ने कहा कि किसानों को अपनी समृद्धि के लिए व्यापारिक गतिविधियों को अपनाना होगा.

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पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बकरी विपणन वेबसाइट और मोबाइल एप का उद्घाटन किया
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Published : Dec 8, 2019, 4:26 AM IST

जयपुर. कृषि और पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बकरी विपणन वेबसाइट और मोबाइल एप का उद्घाटन किया. बता दें कि पीसांगन महिला बकरी पालक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड एफपीसी (किसान उत्पादक कंपनी) की बकरी विपणन वेबसाइट और मोबाइल एप भी है. मंत्री लालचंद कटारिया ने बकरी विपणन वेबसाइट से व्यवसाय संचालित करने के लिए महिलाओं को टेबलेट भी बांटे.

पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बकरी विपणन वेबसाइट और मोबाइल एप का उद्घाटन किया

बकरी विपणन वेबसाइट को गोट वेबसाइट नाम दिया गया है. इस अवसर पर कटारिया ने कहा कि किसानों को अपनी समृद्धि के लिए व्यापारिक गतिविधियों को अपनाना होगा. वह अपने उत्पादों की मार्केटिंग करके अधिक फायदा ले सकते हैं. कृषि मंत्री लालचंद कटारिया शनिवार को दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र के सभागार में बकरी पालन कार्यशाला और टेबलेट वितरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. यह कार्यशाला राजस्थान कृषि प्रतिस्पर्धात्मक परियोजना (आरएसीपी) की ओर से आयोजित कि गई.

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कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को अपने सामान की मार्केटिंग खुद करनी चाहिए. इसलिए जो भी सामान वे उत्पादित करते हैं उसका खुद इस्तेमाल करें और अपने आस-पास वालों को भी उपयोग करने के लिए प्रेरित करें. मार्केटिंग से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी भी मार्केटिंग के किए जाने वाले उत्पादों का उपयोग करें तो बेहतर होगा. मंत्री कटारिया ने एफपीसी और पशुपालन गतिविधियों के वीडियों का भी विमोचन किया.साथ ही सफल किसानों की केस स्टडी बुकलेट का विमोचन भी किया. कार्यक्रम में राज्य के 12 क्लस्टर क्षेत्रों से लगभग 150 एलएलडब्ल्यू और एफपीसी से लगभग 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया. यह प्रतिस्पर्धा राजस्थान कृषि प्रतिस्पर्धात्मक परियोजना विश्व बैंक की सहायता से राज्य में संचालित की जा रही है.

पढ़ेंः औषधीय व जैविक खेती से ही किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बनाई जा सकती है: डॉ. अतुल गुप्ता

परियोजना का उद्देश्य राजस्थान के चयनित क्लक्टर्स में कृषि उत्पादकता और किसानों की आय में टिकाऊ आधार पर बढ़ोतरी करना है. परियोजना में कुल 17 क्लक्टर्स के लगभग 2,76, 827 हेक्टेयर क्षेत्र में किया जा रहा है. इसमें लगभग 1,37,607 किसानों को लाभान्वित किया जाना है. परियोजना की कुल लागत 832.50 करोड़ थी जो आंशिक कटौती के बाद 806.43 करोड़ हो गयी. इसमें परियोजना राशि 676.43 करोड़ और किसानों की हिस्सा राशि 130 करोड़ शामिल है.

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परियोजना की समाप्ति तिथि 30 अप्रैल 2019 थी, जिसे बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया. राज्य सरकार ने रिस्ट्रक्चरिंग प्रस्ताव पर निर्णय लेकर भारत सरकार के माध्यम से 13 अक्टूबर 2014 को विश्व बैंक भिजवाए गए. विश्व बैंक में भी रिस्ट्रक्चरिंग प्रक्रिया 28 जून 2016 को पूरी की. इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमुख सचिव कृषि और उद्यानिकी नरेश पाल गंगवार ने की. कृषि आयुक्त और आरएसीपी निदेशक ओमप्रकाश ने किया.

जयपुर. कृषि और पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बकरी विपणन वेबसाइट और मोबाइल एप का उद्घाटन किया. बता दें कि पीसांगन महिला बकरी पालक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड एफपीसी (किसान उत्पादक कंपनी) की बकरी विपणन वेबसाइट और मोबाइल एप भी है. मंत्री लालचंद कटारिया ने बकरी विपणन वेबसाइट से व्यवसाय संचालित करने के लिए महिलाओं को टेबलेट भी बांटे.

पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने बकरी विपणन वेबसाइट और मोबाइल एप का उद्घाटन किया

बकरी विपणन वेबसाइट को गोट वेबसाइट नाम दिया गया है. इस अवसर पर कटारिया ने कहा कि किसानों को अपनी समृद्धि के लिए व्यापारिक गतिविधियों को अपनाना होगा. वह अपने उत्पादों की मार्केटिंग करके अधिक फायदा ले सकते हैं. कृषि मंत्री लालचंद कटारिया शनिवार को दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र के सभागार में बकरी पालन कार्यशाला और टेबलेट वितरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. यह कार्यशाला राजस्थान कृषि प्रतिस्पर्धात्मक परियोजना (आरएसीपी) की ओर से आयोजित कि गई.

पढ़ेंः 2 करोड़ लूट मामले में 5 हजार के इनामी बदमाश को SOG ने किया गिरफ्तार

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को अपने सामान की मार्केटिंग खुद करनी चाहिए. इसलिए जो भी सामान वे उत्पादित करते हैं उसका खुद इस्तेमाल करें और अपने आस-पास वालों को भी उपयोग करने के लिए प्रेरित करें. मार्केटिंग से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी भी मार्केटिंग के किए जाने वाले उत्पादों का उपयोग करें तो बेहतर होगा. मंत्री कटारिया ने एफपीसी और पशुपालन गतिविधियों के वीडियों का भी विमोचन किया.साथ ही सफल किसानों की केस स्टडी बुकलेट का विमोचन भी किया. कार्यक्रम में राज्य के 12 क्लस्टर क्षेत्रों से लगभग 150 एलएलडब्ल्यू और एफपीसी से लगभग 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया. यह प्रतिस्पर्धा राजस्थान कृषि प्रतिस्पर्धात्मक परियोजना विश्व बैंक की सहायता से राज्य में संचालित की जा रही है.

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परियोजना का उद्देश्य राजस्थान के चयनित क्लक्टर्स में कृषि उत्पादकता और किसानों की आय में टिकाऊ आधार पर बढ़ोतरी करना है. परियोजना में कुल 17 क्लक्टर्स के लगभग 2,76, 827 हेक्टेयर क्षेत्र में किया जा रहा है. इसमें लगभग 1,37,607 किसानों को लाभान्वित किया जाना है. परियोजना की कुल लागत 832.50 करोड़ थी जो आंशिक कटौती के बाद 806.43 करोड़ हो गयी. इसमें परियोजना राशि 676.43 करोड़ और किसानों की हिस्सा राशि 130 करोड़ शामिल है.

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परियोजना की समाप्ति तिथि 30 अप्रैल 2019 थी, जिसे बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया. राज्य सरकार ने रिस्ट्रक्चरिंग प्रस्ताव पर निर्णय लेकर भारत सरकार के माध्यम से 13 अक्टूबर 2014 को विश्व बैंक भिजवाए गए. विश्व बैंक में भी रिस्ट्रक्चरिंग प्रक्रिया 28 जून 2016 को पूरी की. इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमुख सचिव कृषि और उद्यानिकी नरेश पाल गंगवार ने की. कृषि आयुक्त और आरएसीपी निदेशक ओमप्रकाश ने किया.

Intro:जयपुर। कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने पीसांगन महिला बकरी पालक प्रोडूसर कंपनी लिमिटेड एफपीसी (किसान उत्पादक कंपनी) की बकरी विपणन वेबसाइट एवं मोबाइल एप का उद्घाटन किया। उन्होंने बकरी विपणन वेबसाइट से व्यवसाय संचालित करने के लिए महिलाओं को टेबलेट भी बांटे। बकरी विपणन वेबसाइट को गोट वेबसाइट नाम दिया गया है। इस अवसर पर कटारिया ने कहा कि किसानों को अपनी समृद्धि के लिए व्यापारिक गतिविधियों को अपनाना होगा। वह अपने उत्पादों की मार्केटिंग करके अधिक फायदा ले सकते हैं।


Body:कृषि मंत्री लालचंद कटारिया शनिवार को दुर्गापुरा स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र के सभागार में राजस्थान कृषि प्रतिस्पर्धात्मक परियोजना (आरएसीपी) की ओर से बकरी पालन कार्यशाला एवं टेबलेट वितरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को अपने सामान की मार्केटिंग खुद करनी चाहिए।।इसलिए जो भी सामान वे उत्पादित करते हैं उसका खुद इस्तेमाल करें और अपने आस-पास वालों को भी उपयोग करने के लिए प्रेरित करें। मार्केटिंग से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी भी मार्केटिंग के किए जाने वाले उत्पादों का उपयोग करें तो बेहतर होगा।
मंत्री कटारिया ने एफपीसी एवं पशुपालन गतिविधियों के वीडियो वृत्तचित्र का भी विमोचन किया और सफल किसानों की केस स्टडी बुकलेट का विमोचन भी किया। कार्यक्रम में राज्य के 12 क्लस्टर क्षेत्रों से लगभग 150 एलएलडब्ल्यू और एफपीसी से लगभग 40 प्रतिभागियों ने भाग लिया। राजस्थान कृषि प्रतिस्पर्धात्मक परियोजना विश्व बैंक की सहायता से राज्य में संचालित की जा रही है। परियोजना का उद्देश्य राजस्थान के चयनित कलेक्टर्स में कृषि उत्पादकता तथा किसानों की आय में टिकाऊ आधार पर बढ़ोतरी करना है।
परियोजना में कुल 17 कलेक्टर्स के लगभग 2,76, 827 हेक्टेयर क्षेत्र में किया जा रहा है। इसमें लगभग 1,37,607 किसानों को लाभान्वित किया जाना है।
परियोजना की कुल लागत 832.50 करोड़ थी जो आंशिक कटौती के बाद 806.43 करोड़ हो गयी। इसमें परियोजना राशि 676.43 करोड़ तथा किसानों की हिस्सा राशि 130 करोड़ शामिल है। परियोजना की समाप्ति तिथि 30 अप्रैल 2019 थी जिसे बढ़ाकर 30 जून 2020 कर दिया। राज्य सरकार ने रिस्ट्रक्चरिंग प्रस्ताव पर निर्णय लेकर भारत सरकार के माध्यम से 13 अक्टूबर 2014 को विश्व बैंक भिजवाए गए। विश्व बैंक में भी रिस्ट्रक्चरिंग प्रक्रिया 28 जून 2016 को पूरी की। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रमुख सचिव कृषि एवं उद्यानिकी नरेश पाल गंगवार ने की। कृषि आयुक्त एवं आरएसीपी निदेशक ओमप्रकाश ने किया।

बाईट लालचंद कटारिया, कृषि एवं पशुपालन मंत्री


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