जयपुर. एक तरफ स्वस्छ भारत के तहत सशक्त देश के निर्माण के लिए गांव-गांव, ढाणी-ढाणी शौचालय का निर्माण हो रहा है. वहीं, दूसरी ओर राजस्थान के पुलिस विभाग में महिला पुलिसकर्मियों के लिए शौचालय की भारी कमी है.
इस संबंध में कुछ समय पहले खुद पुलिस महकमे के मुखिया डीजीपी भूपेंद्र सिंह ने प्रदेश के गृह सचिव को चिट्ठी लिखकर महिला पुलिसकर्मियों के लिए शौचालय की भारी कमी का जिक्र किया था. साथ ही इन शौचालय को शीघ्र बनवाने के लिए सरकार से गुहार लगाई थी. पुलिस महानिदेशक ने बाकायदा आंकड़ो के आधार के जरिए पत्र में इसका जिक्र किया था. लेकिन अभी तक राज्य सरकार की ओर से उनको कोई जवाब नहीं मिला है.
बता दें कि 1 जनवरी 2019 को लोकसभा में महिला पुलिस कर्मियों के लिए अलग शौचालय के संबंध में प्रश्न संख्या 3400 लगा भी है. इसके जवाब के लिए गृह मंत्रालय ने राजस्थान समेत कई राज्यों को कई बार पत्र लिखे हैं. जिसमें जानकारी मांगी कि कितने महिला शौचालय बन गए और कितने की कमी है.
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लेकिन आश्चर्य की बात है कि इसके संबंध में ना ही डीजीपी को उनके पत्र का जबाव मिला है और ना ही गहलोत सरकार की ओर से केंद्र सरकार को. ऐसे में प्रदेश की कांग्रेस सरकार की इच्छा शक्ति और घोर लापरवाही की वजह से महिला पुलिसकर्मियों को परेशानी का सामना पड़ रहा है.
DGP द्वारा लिखे पत्र में क्या थे आंकड़े...
- राजस्थान में 862 पुलिस थाने जिनमें 473 शौचालय मौजूद हैं लेकिन 389 शौचालय की अभी भी जरूरत है.
- प्रदेश के 36 रिजर्व पुलिस लाइन में 171 शौचालय उपलब्ध है, जबकि 189 की आवश्यकता हो रहे हैं.
- राजस्थान के प्रत्येक जिले की रिजर्व पुलिस लाइन में कम से कम 10 टॉयलेट आवश्यक है.
- प्रत्येक प्रशिक्षण संस्थान में कम से कम 15 शौचालयों की अभी भी जरूरत है.
- 18 एमबीसी, आरएसी बटालियन मुख्यालय में 41 शौचालय उपलब्ध है, जबकि 49 की और जरूरत है.
- आरएसी, एमबीसी बटालियन में कम से कम 5 शौचालय चाहिए.
- प्रदेश में 10 ट्रेनिंग संस्थान में 97 महिला शौचालय मौजूद है, जबकि 53 की और आवश्यकता है.
- हर एक पुलिस थाने में महिला पुलिसकर्मियों के लिए न्यूनतम 1 शौचालय की जरूरत है.
- राजस्थान पुलिस में कुल 2805 महिला शौचालय की जरूरत है. ऐसे में शौचालय निर्माण के लिए करीब 17 करोड़ राशि की जरूरत है.